Uttar Pradesh

StateCommission

A/352/2017

Apple India Pvt Ltd - Complainant(s)

Versus

Vivek Sharma - Opp.Party(s)

Pooja Tandon

20 Mar 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/352/2017
( Date of Filing : 21 Feb 2017 )
(Arisen out of Order Dated 03/11/2016 in Case No. C/64/2015 of District Muradabad-I)
 
1. Apple India Pvt Ltd
19 Floor Concorde Tower C UB City No 24 Vittal Mallya Road Bangalore 560001
...........Appellant(s)
Versus
1. Vivek Sharma
S/O Sri Anil Kant Sharm R/O Srhir sai Niwas Mohalla Kanoon Goya Muradabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 20 Mar 2020
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या: 352/2017  

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-64/2015 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 03.11.2016 के विरूद्ध)

Apple India Pvt. Ltd. A company Registered under the Companies Act, 1956 19 Floor, Concorde Tower c UB city, No. 24, Vittal Mallya Road Bangalore-560001

                                                   .....Appellant

Versus

  1. Vivek Sharma Advocate Aged 36 years S/O Shri Anil Kant Sharma R/O Shri  Sai Niwas Mohalla Kanoon goya, Muradabad.
  2. Suresh Kumar & Sons trading Pvt. Ltd, Authorised Distributor M/s Apple India Pvt  Ltd. Branch Office 30, Anchal Colony, Near Sai Mandi, Anand Ashram Road, Shyam ganj, Bareilli through Partner & others

                                                          ………….Respondents

    1. मा0 श्री सुशील कुमार,                   सदस्‍य।
    2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना,                 सदस्‍य।

उपस्थिति :

अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता-     श्री अभीलोश चतुर्वेदी    

प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता-       कोई नहीं    

दिनांक : 09-09-2021

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित निर्णय

  1.        परिवाद सं0 64/2015 विवेक शर्मा एडवोकेट बनाम मेसर्स एप्पिल इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड बैंगलोर तथा 3 अन्‍य में पारित निर्णय व आदेश दिनांकित 03.11.2016 के विरूद्ध यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है। जिला उपभोक्‍ता मंच ने विपक्षीगण को आदेशित किया है कि परिवादी का मोबाइल ठीक करके वापस उपलब्‍ध कराया जाये। अन्‍यथा मोबाइल की कमी हेतु 53,500/- रूपये मे से 15 प्रतिशत हास मूल्‍य काटकर वापस लौटा दिया जाये। अंकन 25,00/- रूपये क्षतिपूर्ति एवं अंकन 1,000/- रूपये वाद व्‍यय अदा करने का आदेश भी दिया गया है।
  2.        परिवादी के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 21.10.2014 को अंकन 53,500/- रूपये में मोबाइल सेट क्रय किया था, जिसकी गारण्‍टी एक वर्ष थी। दिनांक 01.05.2015 को मोबाइल सेट की स्‍क्रीन स्‍वयं चटक गयी तब परिवादी विपक्षी सं0 4 के पास गया और उनके सुझाव के अनुसार विपक्षी सं0 1 ता 2 के अधिकृत सर्विस सेण्‍टर विपक्षी सं0 3 के पास गया। मोबाइल ठीक करने का इस्‍टीमेट 23,500/- रूपये दिया गया। विपक्षी सं0 1 ने मोबाइल सेट बदलने का वादा किया परंतु विपक्षी सं0 1 ता 3 ने  कोई सुनवाई नहीं की है इसलिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया। विपक्षी का कथन है कि उसे अनावश्‍यक रूप से पक्षकार बनाया गया है।  
  3.       विपक्षी सं0 3 का कथन है कि आई-फोन में निर्माण संबंधी दोष नहीं था यदि फोन के गिरने से कोई क्षति होती है तब वह वारण्‍टी के अन्‍तर्गत सुरक्षित नहीं है। परिवादी मुफ्त में रिप्‍लेस्‍मेंट चाहता था। आई-फोन को क्षति परिवादी की लापरवाही के कारण हुई है। यहां यह भी उल्‍लेख किया गया है कि विपक्षी सं0 2 एवं 3 के प्राधिकृत वितरक नहीं है। अंकन 23,500/- रूपये अदा करने पर फोन बदलने का प्रस्‍ताव भी दिया गया था।
  4.      विपक्षी सं0 2 के विरूद्ध पृथक कार्यवाही की गयी। पक्षकारों द्वारा प्रस्‍तुत  की गयी साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि वारण्‍टी अवधि के अंतर्गत मोबाइल सेट का स्‍क्रीन चटक गया। अत: उपरोक्‍त्‍ वर्णित आदेश पारित किया गया है।
  5.      इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गयी है कि फोन में भौतिक क्षति कारित हुई है। इस प्रकृति की क्षति कारित होने पर किसी प्रकार की वारण्‍टी नहीं होती है इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय वारण्‍टी की शर्तों के विपरीत है और अपास्‍त होने योग्‍य है।
  6.      केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता को सुना। प्रत्‍यर्थी की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि परिवादी द्वारा स्‍क्रीन चटकने के आरोप के साथ परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है। मोबाइल सेट में निर्माण संबंधी किसी त्रुटि का उल्‍लेख नहीं किया गया। मोबाइल सेट की स्‍क्रीन केवल भौतिक कारणों से सेट को क्षति होने पर उत्‍पन्‍न हो सकता है न कि निर्माण में किसी त्रुटि के कारण विद्धान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि वारण्‍टी केवल आंतरिक निर्माण में उत्‍पन्‍न त्रुटि के लिए होती है न कि भौतिक रूप से कारित क्षति के लिए।
  7.      परिवाद पत्र में उल्‍लेख है कि मोबाइल सेट की स्‍क्रीन अपने आप चटक गयी। किसी भी मोबाइल सेट की स्‍क्रीन भौतिक बल का प्रयोग सहन करने के पश्‍चात ही चटक सकती है। निर्माण की त्रुटि के कारण यह स्‍क्रीन चटक गयी हो। इस आशय का सबूत पत्रावली पर मौजूद नहीं है। यदि निर्माण में त्रुटि के कारण स्‍क्रीन चटक जाती है तब वारण्‍टी अवधि के अंतर्गत मोबाइल दुरूस्‍त करने/परिवर्तित करने के लिए निर्माता तथा डीलर संयुक्‍त रूप से उत्‍तरदायी है परंतु यदि भौतिक कारणों से जैसे की मोबाइल ऊंचे से गिरने पर या मोबाइल के ऊपर किसी वस्‍तु के गिरने पर या मोबाइल किसी वस्‍तु के नीचे दबने पर यदि स्‍क्रीन चटकती है तब निर्माता या डीलर वारण्‍टी अवधि के दौरान मोबाइल के परिवर्तन या निशुल्‍क मरम्‍मत के लिए उत्‍तरदायी नहीं है। निर्माण में त्रुटि के कारण स्‍क्रीन चटकने के बिन्‍दु पर एक विशेषज्ञ साक्ष्‍य प्रसतुत की जानी चाहिए थी परंतु जिला उपभोक्‍ता मंच के समक्ष यह इस पीठ के समक्ष इस प्रकृति की कोई साक्ष्‍य प्रसतुत नहीं की गयी है। इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा दिया गया यह निष्‍कर्ष विधिसम्‍मत नहीं है कि वारण्‍टी अवधि के अंतर्गत स्‍क्रीन चटक जाने के कारण डीलर या निर्माता कम्‍पनी उत्‍तरदायी है। यथार्थ में निष्‍कर्ष यह दिया जाना चाहिए था कि मोबाइल सेट में निर्माण की त्रुटि के कारण स्‍क्रीन चटक गयी है और स्‍वयं परिवादी के स्‍तर से किसी प्रकार की लापरवाही कारित नहीं हुई है। मोबाइल सेट पर भौतिक प्रभाव नहीं पड़ा है। वारण्‍टी अवधि में मोबाइल सेट खराब हो जाना हर दृष्टि से वारण्‍टी का उल्‍लंघन नहीं है। वारण्‍टी अवधि में भी परिवादी को यह साबित करना होगा कि भौतिक कारणों से नहीं अपितु मोबाइल की आंतरिक बनावट (निर्माण) के कारण मोबाइल सेट की स्‍क्रीन क्षतिग्रस्‍त हुई है परंतु इस बिन्‍दु पर जिला उपभोक्‍ता मंच का कोई निष्‍कर्ष नहीं है और इसका कारण यह है कि यथार्थ में इस आशय का कोई साक्ष्‍य पत्रावली पर मौजूद नहीं है कि भौतिक प्रभावसे विमुक्‍त केवल आंतरिक निर्माण में त्रुटि के कारण मोबाइल सेट में क्षति हुई है। अत: यह निर्णय मात्र संभावना तथा कल्‍पना पर आधारित है जो अपास्‍त होने योग्‍य है।      

आदेश

         अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश अपास्‍त किया जाता है।

    

(विकास सक्‍सेना)                                   (सुशील कुमार)

    सदस्‍य                                           सदस्‍य

संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट नं0-2      
 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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