राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-525/2021
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, आजमगढ़ द्वारा परिवाद संख्या 147/2015 में पारित आदेश दिनांक 14.07.2021 के विरूद्ध)
श्याम नरायन सिंह पुत्र स्व0 बिहारी सिंह ग्राम व पोस्ट – खरगपुर जनपद – आजमगढ़।
........................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
यूनियन बैंक आफ इंडिया शाखा कार्यालय खरिहानी जनपद आजमगढ़ द्वारा शाखा प्रबन्धक यूनियन बैंक आफ इंडिया खरिहानी आजमगढ़।
...................प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 29.03.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील द्वारा डाक प्राप्त हुई है, जिसमें अपीलार्थी को कार्यालय द्वारा इंगित त्रुटियों के निवारण हेतु पूर्व में समय प्रदान किया गया, परन्तु इंगित त्रुटियों का निवारण अपीलार्थी द्वारा नहीं किया गया। आज भी कोई अपीलार्थी की ओर से उपस्थित नहीं है।
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, आजमगढ़ द्वारा परिवाद संख्या-147/2015 में पारित निम्न आदेश दिनांक 14.07.2021 के विरूद्ध योजित की गयी:-
''पत्रावली प्रस्तुत। पुकार कराई गई। परिवादी अनुपस्थित है। विपक्षी उपस्थित है। पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवादी विगत कई तिथियों से पुकार कराये जाने पर उपस्थित नही हो रहा है, ऐसा प्रतीत होता है कि परिवादी परिवाद चलाने में रूचि नही ले रहा है और न ही कोई कार्यवाही में भाग ले रहा है, ऐसी स्थिति में परिवाद खारिज किया जाना ही उचित एवं न्यायसंगत प्रतीत होता है।
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अत: परिवाद खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर किया जाए।''
उपरोक्त आदेश के द्वारा अपीलार्थी/परिवादी का परिवाद अपीलार्थी/परिवादी के द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख अनेकों पूर्व तिथियों पर अनुपस्थित रहने तथा पुन: निश्चित तिथि दिनांक 14.07.2021 को अनुपस्थित रहने के कारण निरस्त किया गया।
हमारे द्वारा आदेश दिनांक 14.07.2021 का परिशीलन किया गया तथा यह पाया गया कि परिवाद जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख 06 वर्षों से लम्बित रहा तथा अपीलार्थी/परिवादी पूर्व में अनेकों तिथियों पर अनुपस्थित रहा तथा पुन: दिनांक 14.07.2021 को अनुपस्थित पाया गया, अतएव जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा जो आदेश पारित किया गया है, वह पूर्णत: उचित एवं विधिक है। अतएव प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1