Uttar Pradesh

StateCommission

C/2013/189

Prem sagar gupta - Complainant(s)

Versus

Union Bank of India - Opp.Party(s)

Anil Kumar Mishra

21 Sep 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. C/2013/189
( Date of Filing : 12 Dec 2013 )
 
1. Prem sagar gupta
-
...........Complainant(s)
Versus
1. Union Bank of India
-
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Sep 2021
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                 (मौखिक)

परिवाद सं0 :- 189/2013

 

Prem Sagar Gupta aged about 54 years son of late Sri Shyam Lal Gupta, R/O 332/7, Amarpuri Colony Samiuddinpur, Indra Nagar, Lucknow-226016.

 

                                                                            ………Complainant.  

 

Versus

 

  1. Union Bank of India Through Assistant Chief Manager, Zonal Office, Vibhuti Khand, Gomti Nagar, Lucknow-226010.
  2. A.R.B. Union Bank of India through Chief Manager, Ist Floor, Regional Office, Vibhuti Khand, Gomti Nagar, Lucknow.
  3. Chairman & Managing Director of Unionn Bank of India Head Office-239, Vidhan Bhawan Marg, Nariman Point, Mumbai-400021                                                                                          

……………Opposite Parties.

समक्ष

  1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य
  2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

उपस्थिति:

परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-        कोई नहीं

विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता:-      श्री राजेश चड़ढा

दिनांक:-01.12.2021    

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

  •  

 

  1.        परिवाद पेश। परिवादी की ओर कोई उपस्थित नहीं है। केवल विपक्षी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध इस आशय के अनुतोष के लिए प्रस्‍तुत किया गया है कि विपक्षीगण को निर्देशित किया जाये कि उस सम्‍पत्ति को परिवादी के पक्ष में रिलीज किया जाये। एन0ओ0सी0 जारी किया जाये, पेपर प्रदान किया जाये। साथ ही 25,000/- रूपये प्रतिमाह की क्षतिपूर्ति 15 प्रतिशत ब्‍याज सहित मांग की गयी है तथा पेपर आदि समय पर उपलब्‍ध न कराने के लिए 7,000/- रूपये मानसिक प्रताड़ना के मद में तथा परिवादी खर्चा के रूप में 50,000/- की मांग की गयी है।
  2.        परिवादी के तथ्‍य के अनुसार परिवादी द्वारा विपक्षी बैंक से सी0सी0 लिमिट योजना के तहत 35,00,000/- रूपये की सी0सी0 लिमिट योजना बनवायी गयी तथा 5,50,000/- रूपये का ऋण लिया गया। परिवादी समय पर किश्‍तों का भुगतान नहीं कर सका इसलिए बैंक द्वारा एन0पी0ए0 की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गयी। परिवादी के इस अनुरोध को स्‍वीकार नहीं किया गया उसपर देय राशि को समायोजित किया जाये। परिवादी द्वारा अंकन 2,00,10,000/- रूपये 29.09.2011 को जमा किये गये। विपक्षीगण द्वारा इस राशि के जमा होने के बाद ऋण खाता बन्‍द कर दिया गया परंतु एन0ओ0सी0 जारी नहीं की गयी। बंधक सम्‍पत्ति रिलीज नहीं की गयी। विपक्षी का यह कार्य अवैध है। परिवादी पर अब कोई राशि बकाया नहीं है। परिवादी द्वारा ऊंची दर पर ऋण प्राप्‍त किया गया है परंतु बैंक ने समय पर गिरवीशुदा दस्‍तावेज उन्‍हें लौटाकर  तथा एन0ओ0सी0 न जारी कर मानसिक प्रताड़ना की गयी है इसलिए उपरोक्‍त वर्णित अनुतोषों के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है।
  3.      विपक्षीगण का कथन है कि परिवादी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आता है। परिवाद समयावधि से बाधित है। परिवादी द्वारा सही तथ्‍यों को छिपाया गया। व्‍यापारिक उद्देश्‍य के लिए ऋण प्राप्‍त किया गया तथा नियमित रूप से किश्‍तों का भुगतान नहीं किया। DRT  के समक्ष Sarfaesi के अंतर्गत कार्यवाही संचालित है।
  4.      परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में वर्णित तथ्‍यों के समर्थन में कोई शपथ पत्र प्रस्‍तुत नहीं किया गया केवली पत्राचार से संबंधित कुछ दस्‍तावेज प्रस्‍तुत किये गये हैं। पक्षकारों के मध्‍य निष्‍पादित समझौता पत्र दस्‍तावेज सं0 13 के रूप में मौजूद है। इस दस्‍तावेजों के अवलोकन से ज्ञात होता है कि 3,45,12,500 रूपये 89 पैसे के एवज में 2,10,00,000/- रूपये प्राप्‍त कर लिये हैं औ इस समझौते के पक्षकार को Sarfaesi से मुक्‍त कर दिया गया है इसमें यह भी उल्‍लेख है कि आपराधिक कार्यवाही के लिए सी0बी0आई0 के समक्ष प्रकरण लम्बित है और सी0बी0आई0 के द्वारा ही सभी दस्‍तावेज जब्‍त किये गये हैं। अत:  Sarfaesi एक्‍ट के अंतर्गत की गयी कार्यवाही तथा आपराधिक कृत्‍य के लिए सी0बी0आई0 द्वारा जब्‍त किया गया दस्‍तावेजों के संबंध में इस आयोग द्वारा कोई आदेश पारित नहीं किया जा सका। परिवाद संधारणीय नहीं है।

 

आदेश

                परिवाद खारिज किया जाता है।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

 

(सुशील कुमार)(विकास सक्‍सेना)

सदस्‍य सदस्‍य

संदीप आशु0 कोर्ट 2

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.