राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-११००/२०१७
(जिला मंच, भदोही द्वारा परिवाद सं0-९३/२००७ में पारित आदेश दिनांक ०६-०३-२०१७ के विरूद्ध)
प्रकाश दुबे पुत्र स्व0 हंसराज दुबे निवासी ग्राम जगदीशपुर, पोस्ट-परसीपुर, जिला सन्त रविदास नगर, भदोही।
..................... अपीलार्थी/परिवादी।
बनाम्
१. यूनियन बैंक आफ इण्डिया, ब्रान्च रोहता चौरी, जिला सन्त रविदास नगर, भदोही द्वारा मैनेजर।
२. अधिकृत डीलर, स्वराज ट्रैक्टर, नदेशर, वाराणसी द्वारा चन्द्र शेखर तिवारी।
३. ब्रान्च मैनेजर, तिवारी ट्रैक्टर, पटेल नगर, जिला सन्त रविदास नगर, भदोही द्वारा माता प्रसाद उपाध्याय।
४. अधिकृत एजेण्ट, तिवारी ट्रैक्टर, पटेल नगर, जिला-सन्त रविदास नगर, भदोही द्वारा मोहन दुबे पुत्र श्री दलसिंगार दुबे, निवासी जगदीशपुर, पोस्ट परसीपुर, जिला सन्त रविदास नगर, भदोही।
५. हैड मैनेजर, पंजाब ट्रैक्टर लि0 (स्वराज), साहिब यादव, अजीत नगर, चण्डीगढ़।
............. प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
१- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री उमेश सिंह विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
दिनांक : ०७-११-२०१९.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आज यह पत्रावली प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी/परिवादी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री उमेश सिंह उपस्थित हैं। प्रत्यर्थीगण की ओर से पर्याप्त तामील के बाबजूद कोई उपस्थित नहीं है। हमने अधिवक्ता अपीलार्थी के तर्क सुने तथा प्रश्नगत आदेश, जिसके विरूद्ध यह अपील योजित की गई है, का अवलोकन किया। मामले की परिस्थितियों के आलोक में यह अपील अंगीकरण के स्तर पर ही निर्णीत किया जाना हमारे विचार से न्यायोचित होगा।
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, भदोही द्वारा परिवाद सं0-९३/२००७ में पारित आदेश
-२-
दिनांक ०६-०३-२०१७ के विरूद्ध योजित की गयी है, जिसके अन्तर्गत जिला मंच द्वारा परिवादी का परिवाद, परिवादी की अनुपस्िथति में खारिज किया गया।
अपील विलम्ब से प्रस्तुत की गई है। अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रार्थना पत्र अपीलार्थी की ओर से प्रस्तुत किया गया है। इस प्रार्थना पत्र के समर्थन में अपीलार्थी श्री प्रकाश दुबे का शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया गया है। इस शपथ पत्र के विरूद्ध प्रत्यर्थीगण की ओर से न तो कोई आपत्ति प्रस्तुत की गई है और न ही कोई प्रतिशपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। अत: उपरोक्त शपथ पत्र में उल्लिखित तथ्यों को पर्याप्त पाते हुए अपील के प्रस्तुतीकरण में हुआ विलम्ब क्षमा किया जाता है।
अपीलार्थी/परिवादी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि नियति तिथि ०६-०३-२०१७ को अधिवक्ता की मृत्यु के कारण जिला बार एसोसिएशन का कार्य से विरत रहने का प्रस्ताव होने के कारण अपीलार्थी/परिवादी के अधिवक्ता नियत तिथि पर उपस्थित नहीं हो सके। अपीलार्थी के अभिकथनों के विरूद्ध कोई आपत्ति/प्रतिशपथ पत्र प्रत्यर्थीगण द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है। अधिवक्ता अपीलार्थी द्वारा यह भी सूचित किया गया कि उभय पक्ष द्वारा अपनी-अपनी साक्ष्य जिला मंच के समक्ष दाखिल की जा चुकी है। अधिवक्ता अपीलार्थी ने परिवाद के शीघ्र निस्तारण का अनुरोध किया।
हमारे विचार से अपीलार्थी/परिवादी को जिला मंच के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाना तथा परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण किया जाना न्यायसंगत होगा। अत: अपील स्वीकार करते हुए सम्बन्धित जिला मंच द्वारा पारित प्रश्नगत आदेश अपास्त करते हुए यह प्रकरण जिला मंच को इस निर्देश के साथ प्रेतिप्रेषित किये जाने योग्य है कि जिला मंच प्रश्नगत परिवाद को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करने के उपरान्त परिवाद का निस्तारण यथासम्भव ०३ माह के अन्दर गुणदोष के आधार पर किया जाना सुनिश्चित करे। अपील तद्नुसार अंगीकरण के स्तर पर स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील अंगीकरण के स्तर पर स्वीकार की जाती है। जिला मंच, भदोही द्वारा
-३-
परिवाद सं0-९३/२००७ में पारित आदेश दिनांक ०६-०३-२०१७ अपास्त किया जाता है। यह प्रकरण सम्बन्धित जिला मंच को प्रतिप्रेषित करते हुए निर्देश दिया जाता है कि जिला मंच प्रश्नगत परिवाद को अपने मूल नम्बर पर पुनर्स्थापित करते हुए उभय पक्ष को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए परिवाद को गुणदोष के आधार पर यथासम्भव ०३ माह के अन्दर निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें। अपीलार्थी/परिवादी को निर्देश दिया जाता है कि वह जिला मंच के समक्ष दिनांक २०-१२-२०१९ को उपस्थित होना सुनिश्चित करे।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
दिनांक : ०७-११-२०१९.
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-१.