(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 1882/2005
Union Bank of India, Harauni Branch, District Lucknow, through its Authorized Signatory/Manager.
…..Appellant
Versus
1. Smt. Shanti Devi W/o Mr. Ram Lal R/o Village-Shivdeen Khera, Post Harauni, P.S.- Banthara, Lucknow.
2. The Oriental Insurance Co. Ltd. at 249/A/1 Civil Lines, District Unnao (U.P.) through its Branch Manager.
…….Respondents
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 30.09.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 39/2001 श्रीमती शान्ती देवी बनाम शाखा प्रबंधक दि ओरियण्टल इंश्योरेंस कं0लि0 व अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग द्वितीय, लखनऊ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 01.07.2005 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए बीमित धनराशि 7500/-रू0 मय 09 प्रतिशत ब्याज अदा करने का आदेश दिया है।
3. इस निर्णय एवं आदेश को यूनियन बैंक आफ इंडिया द्वारा इस आधार पर चुनौती दी गई है कि अपीलार्थी बैंक के विरुद्ध अवैध रूप से धनराशि अदा करने का आदेश पारित किया गया है जब कि बीमा कम्पनी द्वारा बीमा किया गया था। इसलिए बैंक इस राशि को अदा करने के लिए उत्तरदायी नहीं है।
4. केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा को सुना। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
5. यथार्थ में प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादिनी द्वारा बीमा क्लेम की मांग बीमा कम्पनी से की गई थी। यद्यपि भैंस क्रय करने के लिए बैंक को पक्षकार बनाया गया था। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कम्पनी द्वारा अदा किए जाने के आदेश के बजाय दोनों विपक्षीगण के विरुद्ध बीमित धनराशि अदा करने का आदेश दिया है जो विधि विरुद्ध है। तदनुसार अपीलार्थी बैंक की अपील स्वीकार होने योग्य है तथा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपीलार्थी के संदर्भ में अपास्त होने योग्य है।
आदेश
6. अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपीलार्थी के संदर्भ में अपास्त किया जाता है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 3