(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण सं0- 58/2018
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, वाराणसी द्वारा परिवाद सं0- 269/2015 में पारित आदेश दि0 11.01.2018 के विरूद्ध)
- Air India Limited, Air Lines house no. 113, Gurudwara Rakabganj road, New Delhi- 110001.
- Air India Limited, 9 Rani Laxmi bai marg Amin complex, Near Gemini hotel Hazratganj, Lucknow-226001.
………Revisionist
Versus
Ram pravesh kushwaha son of Sri Ram lal kushwaha Resident of Vill- Bhanpur, Vankata Rudalpur yor Distt. Gopalganj, Bihar.
………….. O.P.
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
माननीय श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्तागण की ओर से उपस्थित : श्री एस0आर0 गुप्ता ,
विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 18.06.2018
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हैं। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। विपक्षी को रजिस्टर्ड डाक से नोटिस दि0 23.03.2018 को प्रेषित की गई है जो अदम तामील वापस नहीं आयी है, अत: विपक्षी पर नोटिस का तामीला पर्याप्त माना जाता है।
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हमने पुनरीक्षणकर्तागण के विद्वान अधिवक्ता के तर्क को सुना है और आक्षेपित आदेश का अवलोकन किया है।
परिवाद सं0- 269/2015 राम प्रवेश कुशवाहा बनाम एयर इंडिया लि0 में पारित आदेश दि0 11.01.2018 के द्वारा जिला फोरम, वाराणसी ने परिवादी द्वारा एकपक्षीय आदेश रिकाल करने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र इस आधार पर निरस्त किया है कि एकपक्षीय आदेश की तिथि दि0 26.11.2015 है जब कि प्रार्थना पत्र में एकपक्षीय आदेश की तिथि दि0 27.04.2016 अंकित है।
मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राजीव हितेन्द्र पाठक व अन्य बनाम अच्युत काशीनाथ कारेकर व अन्य IV (2011) C.P.J. 35 (S.C.) में प्रतिपादित सिद्धांत के अनुसार जिला फोरम अथवा राज्य आयोग को अपने पूर्व पारित आदेश को रिकाल करने का अधिकार नहीं है और पुनरीक्षणकर्ता की पीड़ा मुख्य रूप से एकपक्षीय आदेश दि0 26.11.2015 से है। अत: पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता ने विधि के अनुसार एकपक्षीय आदेश दि0 26.11.2015 के विरुद्ध पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत करने की अनुमति के साथ यह पुनरीक्षण याचिका वापस लेना चाहा। अत: वर्तमान पुनरीक्षण याचिका पुनरीक्षणकर्ता को आदेश दि0 26.11.2015 के विरुद्ध पुनरीक्षण याचिका विधि के अनुसार प्रस्तुत करने की छूट के साथ निरस्त की जाती है।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (गोवर्धन यादव)
अध्यक्ष सदस्य
शेर सिंह आशु0,
कोर्ट नं0-1