राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
परिवाद संख्या-46/2009
अहमद नदीम खान पुत्र एम0एच0 खान मो0 सिविल लाइन आलमगंज
हाउस(पत्थर कटा) जनपद-फतेहपुर। ...........परिवादी
बनाम्
1.स्टेशन अधीक्षक उत्तर/मध्य रेलवे फतेहपुर
2.मण्डल रेल प्रबंधक(डी0आर0एम0) नवाब यूसुफ रोड, इलाहाबाद
211011
3.यूनियन आफ इंडिया न्यू देहली द्वारा मुख्य सचिव यूनियन आफ
इंडिया न्यू देहली एवं चेयरमैन रेलवे बोर्ड मिनस्ट्री रेलवे रेल भवन
नई दिल्ली। ........विपक्षीगण
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री आर0डी0 क्रान्ति, विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : श्री पी0पी0 श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता
दिनांक 26.03.2021
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध अंकन रू. 35,00000/- मानसिक एवं सामाजिक प्रताड़ना के प्रतिकर के रूप में तथा रू. 50,000/- परिवाद व्यय के लिए प्रस्तुत किया गया है।
2. परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दि. 08.08.2007 को लखनऊ से बम्बई की यात्रा के लिए तत्काल सेवा के अंतर्गत 2 टिकट फतेहपुर रेलवे स्टेशन से बुक कराए थे। विपक्षीगण द्वारा जुलाई 2007 से 30 जून 2008 में समय सारिणी के लिए प्रकाशित पुस्तक में दी गई व्यवस्था के तहत छूट का लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन विपक्षी द्वारा टिकट का मूल्य रू. 150/- प्राप्त किया गया था, जबकि टिकट रू. 75/- में देना चाहिए था, इसलिए परिवादी को आर्थिक नुकसान हुआ। उसे
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भागदौड़ में मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना हुई, इसलिए रू. 35,00000/- प्रतिकर के रूप में दिलाया जाए।
3. विपक्षीगण द्वारा प्रस्तुत लिखित कथन में उल्लेख किया गया है कि महत्वपूर्ण गाडि़यों में पूरे वर्ष में किसी भी अवधि में छूट प्राप्त नहीं होती है। परिवादी को बुकिंग क्लर्क द्वारा यह स्थिति बता दी गई थी, इसके बावजूद अवैध रूप से परिवाद प्रस्तुत किया गया।
4. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि विपक्षीगण द्वारा जो समय सारिणी प्रकाशित की गई है उसमें छूट देने की व्यवस्था है।
5. विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि ट्रेन संख्या 2535 पुष्पक एक्सप्रेस जो कि महत्वपूर्ण गाड़ी है, इसमें तत्काल श्रेणी के अंतर्गत टिकट बुक कराने पर कोई छूट देय नहीं है। परिवादी द्वारा मांगी गई सूचना पर इस आशय का जवाब भी रेलवे द्वारा दिया गया है, जो पत्रावली पर शपथपत्र के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसमें सारिणी में भी प्रत्येक ट्रेन के लिए छूट की व्यवस्था जैसा कोई शब्द अंकित नहीं किया गया है। रेलवे विभाग द्वारा छूट देना या नहीं देना नियमों के अंतर्गत प्रदत्त व्यवस्था है। यदि नियमों के अनुसार छूट उपलब्ध नहीं है तब रेलवे विभाग द्वारा छूट प्रदान नहीं की जा सकती और जब नियमों के अंतर्गत छूट की व्यवस्था है तब कोई भी कर्मचारी अधिक राशि वसूलकर टिकट जारी करने का प्रयास नहीं करेगा, क्योंकि जिस राशि का टिकट जारी किया जाता है वह राशि रेलवे विभाग के खाते में जमा होती है और बुकिंग क्लर्क को इस राशि से कोई लाभ या हानि होने का कोई प्रश्न नहीं उठता है। परिवादी की ओर से ऐसी कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की गई है, जिससे यह जाहिर हो कि जिस ट्रेन में यानी ट्रेन संख्या 2535 पुष्पक एक्सप्रेस तत्समय से टिकट कराया गया
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था, उसमें तत्समय कोई छूट उपलब्ध थी और विपक्षी द्वारा अधिक किराया वसूल किया गया था।
6. परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की ओर से उपरोक्त वर्णित अवधि की समय सारिणी की पुस्तक अवलोकनार्थ प्रस्तुत की गई है, इसमें उल्लेख है कि ‘’ लोकप्रिय गाडि़यों में तत्काल कोटा और अधिक निर्धारित किया गया है और वर्ष के अव्यस्तम अवधि के समय इसका प्रीमियम वर्ष के अवधि के समान ही रहेगा।‘’ विपक्षीगण का कथन है कि पुष्पक एक्सप्रेस लोकप्रिय ट्रेनों में से एक है, इसलिए इस ट्रेन के लिए व्यस्तम या अव्यस्तम किसी भी अवधि के लिए आरक्षण शुल्क में कोई अंतर नहीं है।
7. परिवादी की ओर से जन सूचना अधिकार के तहत मांगी गई सूचना की प्रति प्रस्तुत की गई है, जिसमें परिवादी को यह सूचना दी गई है कि दि. 15.07.2007 से 15.09.2007 तक लीन सीजन था और उस समय स्लीपर क्लास में तत्काल चार्जेस रू. 150/- से घटाकर रू. 75/- किया गया था। राजधानी एवं शताब्दी गाडि़यों में तत्काल चार्जेस में यह छूट मौजूद थी, जबकि जिस पुस्तक के नियमों का उल्लेख ऊपर किया गया है वह पुस्तक नियमों के अंतर्गत प्रकाशित की गई है, इसलिए सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई सूचना जो सामान्य कर्मचारी द्वारा उपलब्ध कराई गई, उसने सूचना देने में किसी प्रकार की त्रुटि भी शामिल हो सकती है, परन्तु नियमों के अंतर्गत प्रकाशित पुस्तक जो आम जन के लिए साधारण सूचना के रूप में भी काम करती है, में वर्णित नियमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि मुख्य गाडि़यों में संपूर्ण अवधि में तत्काल सेवा के अंतर्गत सामान्य आरक्षण शुल्क वसूल किया जाएगा। विपक्षीगण द्वारा परिवादी को अवगत कराया गया है कि पुष्पक मेल 2535 एक महत्वपूर्ण
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गाड़ी है, जिसमें किसी प्रकार की छूट उपलब्ध नहीं है। यह पीठ विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता के तर्क से सहमत है कि पुष्पक मेल लखनऊ से मुम्बई तक चलने वाली गाड़ी है, इसलिए रेलवे द्वारा प्रकाशित समय सारिणी पुस्तक में जिन ट्रेनों को महत्वपूर्ण ट्रेन माना गया है, उनमें यह ट्रेन भी शामिल है, जिसमें किसी प्रकार की छूट उपलब्ध नहीं है। अत: परिवादी के विरूद्ध किसी प्रकार की सेवा में कमी नहीं की गई है। तदनुसार परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत परिवाद खारिज किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना परिवाद-व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाए।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2