Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/93

Union Bank Of India - Complainant(s)

Versus

Mr. Pancham Upadhyay - Opp.Party(s)

Rajesh Chadha

04 Jan 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/93
( Date of Filing : 13 Jan 2003 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Union Bank Of India
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Mr. Pancham Upadhyay
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 04 Jan 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित  

अपील सं0-९३/२००३

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, जौनपुर द्वारा परिवाद सं0-५६/२००२ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०९-१२-२००२ के विरूद्ध)

 

१. यूनियन बैंक आफ इण्डिया, महाराजगंज ब्रान्‍च, जौनपुर द्वारा अधिकृत हस्‍ताक्षरी।

२. यूनियन बैंक आफ इण्डिया, रीजनल आफिस, रिवर व्‍यू होटल द्वारा रीजनल मैनेजर, जौनपुर।                                 

  ................. अपीलार्थीगण/विपक्षीगण। 

बनाम्

पंचम उपाध्‍याय पुत्र श्री बी0जी0 उपाध्‍याय एवं अरविन्‍द कुमार उपाध्‍याय पुत्र श्री वी0एन0 उपाध्‍याय निवासी कस्‍तूरीपुर, पोस्‍ट मद्दोपुर, परगना गढ़वारा, तहसील बदलापुर, जिला जौनपुर।                       

    ...............    प्रत्‍यर्थीगण/परिवादीगण।

 

समक्ष:-

१.  मा0 श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

२-  मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

 

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित :- श्री राजेश चड्ढा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित   :- कोई नहीं।

 

दिनांक : २४-०१-२०२२.

 

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

१.    जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, जौनपुर द्वारा परिवाद सं0-५६/२००२ पंचम उपाध्‍याय व अन्‍य बनाम यूनियन बैंक आफ इण्डिया व अन्‍य  में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०९-१२-२००२ के विरूद्ध यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम १९८६ के अन्‍तर्गत प्रस्‍तुत की गई है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षीगण को निर्देशित किया गया है कि परिवादी द्वारा लिए गए ऋण पर ब्‍याज दर १५.५ प्रतिशत सुनिश्चित करते हुए परिवादी द्वारा जमा राशि को समायोजित करते हुए संशोधित लेखा विवरण परिवादी को प्राप्‍त कराऐं।

२.    परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी ने सन् १९९४ में ट्रैक्‍टर क्रय

 

 

 

-२-

करने हेतु विपक्षी सं0-१ से ऋण लिया था जिस पर साधारण ब्‍याज देय था परन्‍तु बैंक द्वारा चक्रवृद्धि ब्‍याज लगा कर परिवादी पर अंकन १,२०,०००/- रू० बकाया होना जाहिर किया गया। इसलिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

३.    बैंक का कथन है कि परिवादी पंचम उपाध्‍याय तथा अरविन्‍द कुमार ने दिनांक ३१-१२-१९९३ को अंकन १,७९,०००/- रू० का कृषि ऋण १५.५ प्रतिशत वार्षिक छमाही विश्राम पर गणना करने वाले ब्‍याज पर प्राप्‍त किया था। परिवादीगण द्वारा कुल अंकन १,८८,५४०/- रू० जमा किया गया है और दिनांक १९-०१-२००२ तक परिवादीगण पर अंकन १,१६,४८७/- रू० बकाया है। इसलिए परिवादीगण को परिवाद प्रस्‍तुत करने का कोई अधिकार प्राप्‍त नहीं है।

४.    जिला उपभोक्‍ता मंच ने यह निष्‍कर्ष दिया कि परिवादीगण ऋण राशि जमा करने के लिए उत्‍सुक हैं, इसलिए साधारण ब्‍याज की दर से ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया जाना उचित होगा। तद्नुसार उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया।

५.    इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने क्षेत्राधिकार से परे जा कर प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश पारित किया है। पक्षकारों के मध्‍य सुनिश्चित ब्‍याज दर/राशि को परिवर्तित करने का कोई अधिकार जिला उपभोक्‍ता मंच को प्राप्‍त नहीं है।    

६.    हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री राजेश चड्ढा को सुना। पत्रावली का परिशीलन किया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

७.    अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला उपभोक्‍ता मंच को  पक्षकारों के मध्‍य निष्‍पादित ऋण करार की शर्तों में परिवर्तन का कोई अधिकार प्राप्‍त नहीं है। यह तर्क विधि से समर्थित है। पक्षकारों के मध्‍य जिस ब्‍याज राशि को अदा करने का करार सुनिश्चित हुआ है, उस करार से दोनों पक्ष बाध्‍य हैं। जिला उपभोक्‍ता मंच ब्‍याज राशि को घटाने का आदेश नहीं दे सकता है। बैंक के अनुसार ब्‍याज राशि त्रैमासिक अन्‍तर पर गणना करने योग्‍य है। इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच को यह अधिकार नहीं है कि साधारण ब्‍याज प्राप्‍त करने का आदेश बैंक को दिया जाए। ऐसी

 

 

 

 

-३-

स्थिति में जिला उपभोक्‍ता मंच का प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त करते हुए अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है। 

आदेश

८.    अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग, जौनपुर द्वारा परिवाद सं0-५६/२००२ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०९-१२-२००२ अपास्‍त किया जाता है। संधारणीय न होने के कारण परिवाद खारिज किया जाता है। 

९.    अपील व्‍यय उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।

१०.   उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

११.   वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

     

                      (राजेन्‍द्र सिंह)              (सुशील कुमार)

                         सदस्‍य                    सदस्‍य

 

१२.   निर्णय आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

                      (राजेन्‍द्र सिंह)              (सुशील कुमार)

                         सदस्‍य                    सदस्‍य

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-१,

कोर्ट-२. 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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