Uttar Pradesh

StateCommission

A/54/2020

Divisional Railway manager Northern RAilway - Complainant(s)

Versus

Mahesh Chandra Rastogi - Opp.Party(s)

Vaibhav Raj

01 Jul 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/54/2020
( Date of Filing : 20 Jan 2020 )
(Arisen out of Order Dated 31/10/2019 in Case No. C/136/2016 of District Shahjahanpur)
 
1. Divisional Railway manager Northern RAilway
Hazratganj Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Mahesh Chandra Rastogi
S/O Late kali Charan Rastogi R/O Mohalla Tangmahla Sunaro Wali Gali Thana Kotwali Pargana and TEhssil SAdar Distt. Shahjahanpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Jul 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-54/2020

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा परिवाद संख्‍या 136/2016 में पारित आदेश दिनांक 31.10.2019 के विरूद्ध)

1. डिवीजनल रेलवे मैनेजर, नार्दन रेलवे, हजरतगंज, लखनऊ।

2. डिवीजनल रेलवे मैनेजर, नार्दन रेलवे, मुरादाबाद।

3. जनरल मैनेजर, नार्दन रेलवे, बड़ौदा हाउस, नई दिल्‍ली।

4. गोपाल कुमार प्रभाकर, टी0टी0ई0, नार्दन रेलवे द्वारा स्‍टेशन सुप्रीनटेंडेन्‍ट, लखनऊ रेलवे स्‍टेशन, चारबाग, लखनऊ।

                               ........................अपीलार्थी/विपक्षीगण

बनाम

महेश चन्‍द्र रस्‍तोगी पुत्र स्‍व0 काली चरन रस्‍तोगी निवासी- मोहल्‍ला तंगमहला, सुनारों वाली गली, थाना कोतवाली, परगना व तहसील सदर, जिला शाहजहांपुर

                                      ...................प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री वैभव राज,  

                              विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री आर0के0 गुप्‍ता,  

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 01.07.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थीगण डिवीजनल रेलवे मैनेजर, नार्दन रेलवे व तीन अन्‍य द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, शाहजहांपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-136/2016 महेश चन्‍द्र रस्‍तोगी बनाम गोपाल कुमार प्रभाकर व तीन अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश              दिनांक 31.10.2019 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी।

प्रश्‍नगत निर्णय और आदेश के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग                ने उपरोक्‍त परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित                       किया गया:-

 

 

-2-

''परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से विपक्षीगण के विरूद्ध पृथकत: एवं संयुक्‍तत: स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि निर्णय की तिथि से 06 सप्‍ताह के भीतर परिवादी को मु0 40/-रू0 (रूपया चालीस मात्र) तथा उक्‍त धनराशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि 02/08/2016 से लेकर अंतिम भुगतान की तिथि तक 07 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज की दर से ब्‍याज का भुगतान कर दें। परिवादी वाद व्‍यय के रूप में मु0 3,000/-रू0 (रूपया तीन हजार मात्र) प्राप्‍त करने का अधिकारी है।''

मेरे द्वारा अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता                  श्री वैभव राज एवं प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता            श्री आर0के0 गुप्‍ता को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी अपनी पत्‍नी व पुत्री के साथ दिनांक 13/14.12.2014 की रात्रि में लखनऊ से शाहजहांपुर जाने के लिए साधारण टिकट संख्‍या डी-71518334 मु0 195/-रू0 का लेकर वाराणसी से नई दिल्‍ली जाने वाली काशी विश्‍वनाथ एक्‍सप्रेस गाड़ी संख्‍या 14257 अप, से यात्रा करने के लिए जल्‍दबाजी के कारण लखनऊ में कोच संख्‍या एस/6 में प्रवेश किया तथा विपक्षी संख्‍या-1, जो उक्‍त रेल कोच का टी0टी0ई0 था, द्वारा सण्‍डीला के पास चेकिंग के दौरान प्रत्‍यर्थी/परिवादी से टिकट नियमित करने हेतु 960/-रू0 की मांग की गयी,  जिस पर प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा विपक्षी संख्‍या-1 टी0टी0ई0 को 1000/-रू0 दिया गया तथा टी0टी0ई0 द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी के उक्‍त साधार‍ण टिकट पर एक लाइन खींचकर उससे कहा कि रसीद एवं शेष पैसे को थोड़ी देर बाद दे दिया जायेगा, परन्‍तु विपक्षी संख्‍या-1 टी0टी0ई0 द्वारा न तो  960/-रू0 की कोई रसीद प्रत्‍यर्थी/परिवादी को दी गयी न ही शेष 40/-रू0 प्रत्‍यर्थी/परिवादी को वापस किया गया।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी एवं उसके परिजनों को बैठने लिए कोई बर्थ नहीं दी गयी तथा प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा जब विपक्षी संख्‍या-1 टी0टी0ई0 से अपने शेष पैसे व रसीद की मांग  की  गयी

 

 

-3-

तब विपक्षी संख्‍या-1 टी0टी0ई0 द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी से दुर्व्‍यवहार किया गया तथा पैसे अथवा रसीद नहीं दिया गया।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा उक्‍त घटना की शिकायत दिनांक 14.12.2014 को पूर्वाह्न 03:25 पर शाहजहांपुर रेलवे स्‍टेशन की शिकायत पुस्तिका में अंकित की गयी तदोपरान्‍त विपक्षी  संख्‍या-2 ता विपक्षी संख्‍या-4 ने विपक्षी संख्‍या-1 के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए उसकी एक साल की वेतनवृद्धि रोक दी गयी।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी का कथन है कि अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा सेवा में त्रुटि की गयी तथा अनुचित व्‍यापार प्रथा अपनाई गयी। अत: प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।  

जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा संयुक्‍त रूप से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया गया कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी का परिवाद पत्र गलत तथ्‍यों पर आधारित है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा साधारण टिकट पर आरक्षित कोच एस/6 में अवैध रूप से यात्रा की जा रही थी तथा विपक्षी संख्‍या-1 टी0टी0ई0 के कहने पर भी प्रत्‍यर्थी/परिवादी द्वारा अपने टिकट को नियमित करवाने से मना कर दिया गया व आरक्षित कोच को छोड़कर साधारण कोच में जाने से भी मना कर दिया तब विपक्षी संख्‍या-1 के कहने पर ड्यूटी पर नियुक्‍त जी0आर0पी0 की सहायता से प्रत्‍यर्थी/परिवादी तथा उसके परिजनों को साधारण कोच में पहुँचाया गया, जिससे प्रत्‍यर्थी/परिवादी नाराज हो गया तथा बदले की भावना से परिवाद प्रस्‍तुत किया।

अपीलार्थी/विपक्षीगण का कथन है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादी की शिकायत पर विपक्षी संख्‍या-1 के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए दण्‍डस्‍वरूप उसकी एक वेतनवृद्धि एक वर्ष के लिए रोक दी गयी तथा यह कि विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी से कोई धन नहीं वसूला गया है। प्रत्‍यर्थी/परिवादी का परिवाद सव्‍यय निरस्‍त किया जावे।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं

 

 

-4-

उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरान्‍त अपने निर्णय में निम्‍न तथ्‍य अंकित किया है:-

     ''पत्रावली पर उपलब्‍ध तथ्‍यों एवं साक्ष्‍यों के आधार पर यह सिद्ध होता है कि परिवादी ने दिनांक 13/14-12-2014 की मध्‍य रात्रि को अपनी पत्‍नी व पुत्री के साथ साधारण/एक्‍सप्रेस टिकट पर लखनऊ से शाहजहांपुर जाने के लिये लखनऊ/चारबाग रेलवे स्‍टेशन पर काशी विश्‍वनाथ एक्‍सप्रेस ट्रेन नं0 14257 अप, के आरक्षित कोच संख्‍या एस/6 में चढ़कर यात्रा प्रारंभ की और सण्‍डीला के आस-पास विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा चेकिंग करने पर परिवादी का टिकट अनियमित पाया गया। परिवादी का यह कथन है कि विपक्षी संख्‍या 01 ने उसका टिकट नियमित करने हेतु 1,000/-रू0 परिवादी से लिया परन्‍तु उसे न तो कोई रसीद दी और न ही 960/-रू0 काटकर शेष 40/-रू0 लौटाया। परिवादी ने इसकी शिकायत शाहजहांपुर पहुंचकर स्‍टेशन अधीक्षक के कार्यालय में रखी शिकायत पुस्तिका में दिनांक 14/12/2014 पूर्वाह्न 3:25 पर दर्ज किया है जिसके आधार पर विपक्षी संख्‍या 01 के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गयी है और उसे दण्डित करते हुये उसकी एक वेतनवृद्धि एक वर्ष के लिये रोक दिया गया है और यह निष्‍कर्ष दिया गया है कि विपक्षी संख्‍या 01 की कार्य प्रणाली रेल सेवक आचरण के विपरीत पायी गयी है जिससे रेल की छवि धूमिल हुई है। (प्रपत्र संख्‍या 16/22)

     इस प्रकार, प्रस्‍तुत प्रकरण में विपक्षी संख्‍या 01 की कार्य प्रणाली सत्‍यनिष्‍ठा के विपरीत पायी गयी है जिससे प्रथम दृष्‍ट्या परिवादी का कथन अधिसंभाव्‍य प्रतीत होता है।

     विपक्षीगण की ओर से अपने कथन के समर्थन में जो साक्ष्‍य प्रस्‍तुत किया गया है वह पर्याप्‍त नहीं माना जा सकता है क्‍योंकि साक्षी श्री मोतीलाल मीणा मण्‍डल वाणिज्‍य प्रबन्‍धक इस घटना के प्रत्‍यक्षदर्शी साक्षी नहीं है और विपक्षी संख्‍या 01 द्वारा दिया गया साक्ष्‍य निष्‍पक्ष एवं स्‍वतंत्र नहीं माना जा सकता है। विपक्षीगण की ओर से घटना के समय संबंधित कोच में यात्रा कर रहे किसी यात्री अथवा ड्यूटी पर तैनात जी0आर0पी0 कर्मी का या अन्‍य किसी प्रत्‍यक्षदर्शी साक्षी का साक्ष्‍य  नहीं  प्रस्‍तुत  किया

 

 

-5-

गया। इसलिए विपक्षीगण का कथन विश्‍वसनीय साक्ष्‍य के अभाव में विश्‍वसनीय नहीं प्रतीत होता है। विपक्षी संख्‍या 01 को विभागीय कार्यवाही में लघु दण्‍ड से दण्डित किये जाने पर भी परिवादी को समुचित रूप से समतुल्‍य नहीं किया जा सकता है।

     तद्नुसार विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपीलार्थी/विपक्षीगण की सेवा में त्रुटि पाते हुए प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 31.10.2019 पारित किया गया।''

सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों पर विचार करते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त मैं इस मत का हूँ कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों का सम्‍यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्‍त विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया, जिसमें हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। अतएव, प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तुत अपील में जमा धनराशि 1525/-रू0 अर्जित ब्‍याज सहित जिला उपभोक्‍ता आयोग, शाहजहांपुर को 01 माह में विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                           (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           

                         अध्‍यक्ष             

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.