(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
पुनरीक्षण संख्या-147/2014
(जिला उपभोक्ता आयोग, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्या-01/2010 में पारित आदेश दिनांक 21.08.2014 के विरूद्ध)
यूनियन बैंक आफ इंडिया, कठिरावं बाजार, वाराणसी 221207, द्वारा ब्रांच मैनेजर।
पुनरीक्षणकर्ता/विपक्षी
बनाम
काशी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान, पिण्डरा बाजार, जिला वाराणसी।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चड्ढा, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री संजय कुमार वर्मा, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक: 17.03.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-01/2010, काशी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान बनाम ब्रांच मैनेजर, (प्रबंधक वेदन) यूनियन बैंक आफ इंडिया में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, वाराणसी द्वारा पारित आदेश दिनांक 21.08.2014 के विरूद्ध यह पुनरीक्षण आवेदन प्रस्तुत किया गया है।
2. पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता एवं प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
3. प्रश्नगत आदेश में अंकित है कि अपर जिला जज के आदेश का सम्मान होना जरूरी है, इसलिए परिवादी पर कोई देयता नहीं रह गई है। यह आदेश इस आधार पर विधिसम्मत नहीं है, क्योंकि उपभोक्ता आयोग को अपना स्वतंत्र निर्णय/आदेश पारित करना है। अपर जिला जज के आदेश के संबंध में बाध्यता तब तक नहीं है जब तक कि गुणदोष पर इस परिवाद को प्रस्तुत करने से पूर्व कोई निर्णय सक्षम न्यायालय द्वारा न कर दिया गया हो, इसलिए इस प्रकृति का अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता था। अत: यह आदेश अपास्त होने योग्य है तथा गुणदोष पर निर्णय पारित करने के उद्देश्य से आदेश जारी जाए। तदनुसार प्रस्तुत पुनरीक्षण आवेदन स्वीकार होने और प्रकरण प्रतिप्रेषित होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत पुनरीक्षण आवेदन स्वीकार किया जाता है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश दिनांक 21.08.2014 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण इस निर्देश के साथ जिला आयोग को प्रतिप्रेषित किया जाता है कि प्रश्नगत परिवाद का निस्तारण गुणदोष पर करने के पश्चात देयता सुनिश्चित की जाए।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय स्वंय वहन करेंगे।
उभय पक्ष दिनांक 11.04.2023 को जिला उपभोक्ता आयोग, वाराणसी के समक्ष उपस्थित होना सुनिश्चित करें।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय एवं आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2