Uttar Pradesh

StateCommission

A/583/2022

D.R.M. North Eastern Railway - Complainant(s)

Versus

Justice Vishnu Chandra Gupta (Retd) - Opp.Party(s)

Smt. Sandhya Dubey

12 Oct 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/583/2022
( Date of Filing : 28 Jun 2022 )
(Arisen out of Order Dated 30/04/2022 in Case No. C/2016/220 of District Lucknow-II)
 
1. D.R.M. North Eastern Railway
Dist. Baraielly
...........Appellant(s)
Versus
1. Justice Vishnu Chandra Gupta (Retd)
Dist. Lucknow
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 12 Oct 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

अपील संख्‍या:-583/2022

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्धारा परिवाद सं0-220/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.4.2022 के विरूद्ध)

डिविजनल रेलवे मैनेजर (डी0आर0एम0) नार्थ ईस्‍टर्न रेलवे, इज्‍जतनगर, बरेली-243122 व अन्‍य

                                             .......... अपीलार्थी/विपक्षीगण

बनाम          

1-    जस्टिस विष्‍णु चन्‍द्र गुप्‍ता (रिटायर्ड) पुत्र स्‍व0 राम कुमार गुप्‍ता, निवासी डी-862, ओमेक्‍स सिटी, रायबरेली रोड, लखनऊ।

2-    श्रीमती शशि गुप्‍ता पत्‍नी जस्टिस विष्‍णु चन्‍द्र गुप्‍ता (रिटायर्ड) निवासी डी-862, ओमेक्‍स सिटी, रायबरेली रोड, लखनऊ।

…….. प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण 

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष            

अपीलार्थीगण की अधिवक्‍ता    : सुश्री संध्‍या दुबे

प्रत्‍यर्थीगण के अधिवक्‍ता       : श्री विपुल गुप्‍ता

दिनांक :-12-10-2022          

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी/ डिविजनल रेलवे मैनेजर (डी0आर0एम0) द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-41 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, दि्वतीय लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-220/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.4.2022 के विरूद्ध योजित की गई है।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार है कि प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण वरिष्‍ठ नागरिक हैं तथा दिनांक 03.01.2016 को ट्रेन सं0-15307 नैनीताल एक्‍सप्रेस से पीलीभीत से ऐशबाग लखनऊ आ रहे थे एवं उनके द्वारा Second AC की टिकट रू0 815.00 का भुगतान कर बुक की गई थी तथा उक्‍त ट्रेन के प्रस्‍थान का

-2-

समय दिनांक 03.01.2016 को 23.55 (11.55 पी.एम.) था तथा जब उक्‍त ट्रेन प्‍लेटफार्म पर पहुंची तब प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण यह देखकर हैरान हो गये कि ट्रेन में ए.सी. कोच अटैच नहीं किया गया, जिसके संबंध में पूंछताछ करने पर पीलीभीत रेलवे स्‍टेशन के स्‍टाफ द्वारा बताया गया कि वे अपने टिकट की पूरी धनराशि वापस ले सकते है तथा अपीलार्थी/विपक्षीगण अभी उनकी यात्रा हेतु कोई वैकल्पिक व्‍यवस्‍था करने में असमर्थ हैं। प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण को अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा ट्रेन पीलीभीत पहुंचने से पहले इस बात की सूचना नहीं दी गई थी कि ए0सी0 कोच ट्रेन में नहीं लगे हैं, अत्एव प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण किसी तरह से टी0टी0ई0 से प्रार्थना कर स्‍लीपर क्‍लास में यात्रा करके पीलीभीत से लखनऊ रेलवे स्‍टेशन पहुंचे तथा एक लिखित शिकायत स्‍टेशन मास्‍टर लखनऊ सिटी, एन0ई0आर0 रेलवे को दी और प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण द्वारा अपीलार्थी/विपक्षीगण की सेवा में कमी को दृष्टिगत रखते हुए अनुतोष प्रदान किये जाने हेतु परिवाद जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख प्रस्‍तुत किया गया।

वर्तमान प्रकरण में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद को आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षीगण को एकल व संयुक्‍त रूप से परिवादीगण को 30 दिन के अन्‍दर रेल के टिकट की धनराशि की वापसी रू0 815.00 मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के साथ परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की तिथि तक अदा करने, साथ ही मानसिक कष्‍ट हेतु रू0 25,000.00 एवं वाद व्‍यय हेतु रू0 10,000.00 उक्‍त अवधि में अदा करने हेतु आदेशित किया गया है।

उभय पक्ष की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍तागण के कथन को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। 

मेरे द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त अभिलेखों के परिशीलनोंपरांत तथा

-3-

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य की सहमति से प्रस्‍तुत अपील को अंतिम रूप से निस्‍तारित करते हुए यह आदेशित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-220/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.4.2022 का अनुपालन अपीलार्थी द्वारा इस निर्णय/आदेश की तिथि से 30 दिन की अवधि में देय धनराशि मय ब्‍याज पूर्णत: शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जावेगा।

जहॉ तक विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपने प्रश्‍नगत आदेश में अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा मानसिक कष्‍ट के मद में रू0 25,000.00 की देयता निर्धारित की गई है वह कुछ अधिक प्रतीत हो रही है, अत: उसके स्‍थान पर रू0 15,000.00 की देयता तथा वाद व्‍यय के मद में रू0 10,000.00 की देयता के स्‍थान पर रू0 5,000.00 की देयता में परिवर्तित किया जाता है। निर्णय/आदेश का शेष भाग यथावत कायम रहेगा। तद्नुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत अपील में जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को नियमानुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जावे।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                                            (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)               

                                             अध्‍यक्ष                                                                                                             

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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