Uttar Pradesh

StateCommission

A/2014/997

Union Bank Of India - Complainant(s)

Versus

Geeta Devi - Opp.Party(s)

Rajesh Chadha

19 Sep 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2014/997
( Date of Filing : 15 May 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Union Bank Of India
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Geeta Devi
a
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2014/243
( Date of Filing : 03 Feb 2014 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Khadi Gramoudhyog Ayog
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Geeta Devi
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Sep 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील संख्‍या-997/2014

यूनियन बैंक आफ इंडिया सेवापुरी ब्रांच वाराणसी द्वारा ब्रांच

मैनेजर।                                            .....अपीलार्थी

बनाम

 

1.गीता देवी प्रोपेराइटर जे.एस.ईंट उद्योग देवपालपुर पोस्‍ट गोराई

जिला वाराणसी।

2.डायरेक्‍टर, खादी ग्रामोद्योग आयोग तेलीबाग जिला वाराणसी।

                                                .......प्रत्‍यर्थीगण

अपील संख्‍या-243/2014

निदेशक, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग क्षेत्रीय कार्यालय तेलीयाबाग

जिला वाराणसी।                                      .....अपीलार्थी

बनाम

 

1.गीता देवी प्रोपेराइटर जे.एस.ईंट उद्योग देवपालपुर पोस्‍ट गोराई

जिला वाराणसी।

2. मैनेजर यूनियन बैंक आफ इंडिया ब्रांच सेवापुरी वाराणसी।

                                                 .......प्रत्‍यर्थीगण

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री राजेश चडढा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित   : श्री आर0के0 गुप्‍ता, विद्वान अधिवक्‍ता।

खादी ग्रामोद्योग की ओर से उपस्थित: श्री अशोक कुमार सिंह, विद्वान

                               अधिवक्‍ता।

दिनांक 19.09.2022

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.   परिवाद संख्‍या 123/09 श्रीमती गीता देवी बनाम यूनियन बैंक आफ इंडिया में पारित निर्णय व आदेश दिनांक 03.01.2014 के विरूद्ध अपील संख्‍या 997/14 यूनियन बैंक आफ इंडिया की ओर से प्रस्‍तुत की गई है, जबकि अपील संख्‍या 243/14 निदेशक खादी एवं ग्रामोद्योग द्वारा प्रस्‍तुत

-2-

की गई है। चूंकि दोनों अपीलों में एक ही तथ्‍य विद्यमान है, अत: दोनों अपीलों का निस्‍तारण एक साथ किया जाता है।

2.   जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद के कथन को स्‍वीकार करते हुए खादी ग्रामोद्योग द्वारा ग्रान्‍ट राशि जारी नहीं की गई तथा बैंक द्वारा इस राशि को वसूलते समय समायोजित नहीं किया गया। दोनों के विरूद्ध अंकन रू. 210000/- की राशि अदा करने का आदेश दिया है तथा मार्जिन मनी पर रू. 5000/- मानसिक प्रताड़ना के मद में, रू. 2000/- वाद व्‍यय के रूप में अदा करने का आदेश दिया है।

3.   सभी पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

4.   खादी ग्रामोद्योग के अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि किसी व्‍यापारिक गतिविधियां स्‍थापित करने के उद्देश्‍य से सब्सिडी ग्रान्‍ट करना या न करना उपभोक्‍ता विवाद नहीं है। बैंक के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि सब्सिडी की जो राशि उन्‍हें प्राप्‍त होती है उस राशि को ऋण राशि में समायोजित कर दिया जाता है और जो राशि प्राप्‍त नहीं होती है वह समायोजित नहीं हो सकती, इसलिए संपूर्ण ऋण वसूला जाता है, जो परिवादी द्वारा चुकता भी कर दिया गया है, इसलिए उनके विरूद्ध कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता।

5.   परिवादी/प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि ऋण चुकता करने के पश्‍चात ही सब्सिडी की राशि देय होती है, जो परिवादी को अदा की जानी चाहिए।

6.   यथार्थ में परिवादी किसी उद्योग को स्‍थापित करने पर सब्सिडी प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है या नहीं, इस बिन्‍दु पर निष्‍कर्ष जिला उपभोक्‍ता

-3-

मंच द्वारा नहीं दिया जा सकता। यथार्थ में परिवादी को अपना यह अधिकार सिविल न्‍यायालय के समक्ष स्‍थापित करना होगा कि वह सब्सिडी प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत है और तदनुसार इस आशय की उद्घोषणात्‍मक डिक्री प्राप्‍त करनी होगी, जो जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा जारी नहीं की जा सकती, केवल प्रस्‍तुत विवाद उपभोक्‍ता विवाद नहीं है, जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा गैर उपभोक्‍ता विवाद पर अपना निर्णय पारित किया गया है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

7.   उपरोक्‍त दोनों अपीलें स्‍वीकार की जाती है तथा जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय अपास्‍त किया जाता है। परिवाद संधारणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है।

     उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय-व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

     निर्णय की एक प्रति अपील संख्‍या 243/2014 में भी रखी जाए।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (विकास सक्‍सेना)                       (सुशील कुमार)                                                                                                                                                   सदस्‍य                                सदस्‍य          

राकेश, पी0ए0-2

  कोर्ट-3 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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