(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 2333/2011
1. मण्डल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे हजरतगंज, लखनऊ।
2. सामान्य प्रबंधक उ0रे0 बड़ौदा हाऊस नई दिल्ली।
3. सहायक अभियंता उत्तर रेलवे, सुल्तानपुर।
........अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
तौफीक अहमद पुत्र अब्दुर गफूर निवासी- म0नं0 नार्मल चौराहा परगना मीरानपुर, तहसील-सदर, जिला-सुल्तानपुर।
......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य
अपीलार्थीगण की ओर से: श्री पी0पी0 श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : श्री अभिषेक सिंह, विद्वान अधिवक्ता।
एवं
अपील सं0- 2304/2011
1. मण्डल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे हजरतगंज, लखनऊ।
2. डिवीजन इंजीनियर उत्तर रेलवे, सुल्तानपुर।
3. सेक्सन इंजीनियर (कार्य) उत्तर रेलवे, सुल्तानपुर।
4. भारत संघ द्वारा सचिव, रेल मंत्रालय, नई दिल्ली।
........अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
बब्लू पुत्र सुरेश चन्द्र निवासी- मोहल्ला रूद्रनगर पोस्ट एवं जिला सुल्तानपुर।
......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य
अपीलार्थीगण की ओर से: श्री पी0पी0 श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : श्री अभिषेक सिंह, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 01.12.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 123/2006 तौफीक अहमद बनाम भारत गणराज्य द्वारा सामान्य प्रबंधक, उत्तर रेलवे व दो अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, सुल्तानपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 07.04.2011 के विरुद्ध अपील सं0- 2333/2011 मण्डल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे व दो अन्य बनाम तौफीक अहमद परिवाद के विपक्षीगण की ओर से तथा परिवाद सं0- 35/2002 बब्लू बनाम मंडल रेलवे प्रबंधक, उत्तर रेलवे व तीन अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, सुल्तानपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 30.05.2011 के विरुद्ध सम्बन्धित अपील सं0- 2304/2011 मण्डल रेल प्रबंधक उत्तर रेलवे व तीन अन्य बनाम बब्लू परिवाद के विपक्षीगण की ओर से धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत दोनों अपीलें इस आधार पर प्रस्तुत की गई हैं कि परिवादी व्यापारिक गतिविधियों में संलिप्त है, इसलिए विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग को सुनवाई का अधिकार प्राप्त नहीं है।
2. अपीलार्थीगण/विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री पी0पी0 श्रीवास्तव एवं प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता श्री अभिषेक सिंह को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया गया।
3. परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में उल्लेख है कि वह व्यवसाय करके जीविकोपार्जन करता है। उसने खुली नीलामी के अंतर्गत विपक्षीगण द्वारा संचालित रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध पेड़ों की नीलामी के लिए दि0 09.12.2000 को रू0 1,78,280/- जमा करके प्रश्नगत पेड़ों को विपक्षीगण से क्रय किया। परिवादी ने दिनांक 11.12.2000 को विपक्षीगण को सूचित किया कि दि0 18.12.2000 को प्रश्नगत पेड़ों की कटाई प्रारम्भ की जायेगी, आप अपने प्रतिनिधि को मौके पर भेजें। विभाग द्वारा आपत्ति लगाये जाने तथा 45 दिनों का समय बढ़ाये जाने और बार-बार यही क्रम जारी रहा, इसी बीच जो पेड़ कट चुके थे उसकी लकडि़यां मलेथू कनक स्टेशन के बीच होली के अवसर पर जला दी गईं। परिवादी ने घटना के पूर्व दि0 19.04.2001, 16.03.2001, 17.03.2001, 27.03.2001, 19.02.2001 एवं दि0 20.02.2001 को विपक्षीगण से परमिट मांगता रहा, लेकिन उसे परमिट नहीं दिया गया और न ही जमाशुदा धनराशि ही वापस की गई, जिससे परिवादी को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ा। अत: परिवादी ने उपरोक्त अनुतोष की याचना किया है।
4. उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि परिवादी ठेकदार है वह नीलामी में पेड़ को क्रय करता है, उसका यह कार्य व्यापारिक प्रकृति का है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 2(1)d के अनुसार व्यापारिक गतिविधियों से संलग्न मामले उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आते हैं। व्यावसायिक गतिविधियों से उत्पन्न विवाद का निस्तारण जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा नहीं किया जाता है। तदनुसार उपरोक्त दोनों अपीलें स्वीकार किए जाने योग्य हैं।
आदेश
5. उपरोक्त दोनों अपीलें स्वीकार की जाती हैं। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपास्त किया जाता है। संधारणीय न होने के कारण परिवाद खारिज किया जाता है।
उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
उपरोक्त प्रस्तुत दोनों अपीलों में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित इस निर्णय व आदेश के अनुसार अपीलार्थीगण/विपक्षीगण को वापस की जायें।
इस निर्णय/आदेश की मूल प्रति अपील सं0- 2333/2011 में रखी जाए एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्बन्धित अपील सं0- 2304/2011 में रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुशील कुमार) (विकास सक्सेना)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0-2