(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-899/2011
Canara Bank, Branch Chandola Sujapur
Versus
Yograj singh Son of Kunwar Prithvi & other
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एस0एम0 रायकवार, विद्धान अधिवक्ता
के सहयोगी अधिवक्ता श्री शिव प्रताप सिंह
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित:- श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्धान
अधिवक्ता
दिनांक :13.12.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद संख्या-186/2009, योगराज सिंह बनाम शाखा प्रबन्धक, कैनरा बैंक व अन्य में विद्वान जिला आयोग, अलीगढ़ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 16.03.2011 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमित गाय की मृत्यु होने पर बीमित राशि 06 प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार परिवादी द्वारा ऋण लेकर गाय क्रय की गयी, जिसका बीमा कराया गया, गाय के कान मे टैग लगाया गया था, जिसका क्रमांक 1517 था। दिनांक 30.05.2008 को गाय की मृत्यु बीमार होने के कारण हो गयी, जिसका पोस्टमार्टम दिनांक 31.05.2008 को कराया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ ही कान का एक टैग लगा हुआ था। क्लेम के साथ प्रेषित किया। तदनुसार जिला उपभोक्ता ने बीमित राशि अदा करने का आदेश पारित किया है।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि बीमा कम्पनी को सूचना देरी से दी गयी है तथा टैग भी देरी से उपलब्ध कराया गया है, जबकि बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार 24 घंटे के अंदर सूचना दी जानी चाहिए, परंतु चूंकि परिवादी का दायित्व केवल बैंक को समय पर सूचना देने का तथ्य स्थापित है, फिर यह भी कि यह प्रावधान केवल निर्देशात्मक है न कि आज्ञात्मक है। सूचना देने में कारित होने का विपरीत प्रभाव इसलिए नहीं है कि प्रश्नगत मामले में कोई वस्तु चोरी नहीं हुई है, जिसकी खोज की जा सके, इसलिए मृतक गाय का बीमा की राशि अदा करने के आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश पुष्ट किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2