Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/46

S B I - Complainant(s)

Versus

Yogiraj Sri Raman Tat Baba - Opp.Party(s)

J N Mishra

23 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/46
( Date of Filing : 12 Jan 2009 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. S B I
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Yogiraj Sri Raman Tat Baba
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 23 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-46/2009

State Bank of India

Versus

Yogiraj Sri Ram Tat Baba Yoga Siddha Ashram & other

समक्ष:-

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री जे0एन0 मिश्रा, विद्धान

                          अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री मनीष मेहरोत्रा, विद्धान अधिवक्‍ता

                   के सहयोगी अधिवक्‍ता श्री विजय कुमार यादव

दिनांक :23.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.        परिवाद संख्‍या-130/2007, योगीराज श्री रमन व अन्‍य बनाम स्‍टेट बैंक आफ इंडिया में विद्वान जिला आयोग, फिरोजाबाद द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 12.12.2008 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना गया। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2         परिवाद पत्र के अनुसार रमन टाट बाबा ने राष्‍ट्रीयकृत बैंक में एफ0डी0आर0 बनवायी थी, जिनका बचत खाता सं0 2519 था, जिसमें दिनांक 06.02.1993 को 28,858/-रू0 बैलेंस था। श्री रमन टाट बाबार ने अपने जीवन काल में दिनांक 21.03.1988 को डीड द्वारा ट्रस्‍ट निष्‍पादित किया था और सभी सम्‍पत्ति ट्रस्‍ट में निहित की गयी थी। सिविल वाद सं0 819/89 दिनांक 13.11.1991 को निर्णीत हुआ, जिसमें परिवादी को भुगतान प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत माना गया। जिला उपभोक्‍ता आयोग ने इसी आधार पर औपचारिकतायें पूर्ण करने के पश्‍चात परिवादी के पक्ष में जमा राशि अदा करने का आदेश पारित किया है, परंतु साथ ही यह भी अंकित किया है कि विपक्षी पर प्रश्‍नगत खाता परिवादी सं0 1 के नाम खोलकर चालू करें। स्‍वयं प्रत्‍यर्थी/परिवादी के विद्धान अधिवक्‍ता द्वारा यह बहस की गयी है कि परिवादी एक Juristic Person है, इसलिए परिवाद संचालित करने का अधिकार प्राप्‍त है, परंतु यदि परिवादी स्‍वयं को Juristic Person क्‍लेम करते हैं तब नया खाता खोले जाने का आदेश देने की कोई आवश्‍यकता नहीं थी, जो खाता संचालित है, उसी खाते में धनराशि परिपक्‍वता अवधि के पश्‍चात वापस लौटायी जायेगी तथा परिपक्‍वता अवधि के पश्‍चात राशि पर बैंक दर से ब्‍याज देय होगा। अत: इस सीमा तक जिला उपभोक्‍ता उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश संशोधित होने योग्‍य है कि नया खाता खोलने का आदेश अवैधानिक है।

                        आदेश

          अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग का निर्णय/आदेश इस प्रकार संशोधित किया जाता है कि विपक्षी परिवादी के पुराने संचालित खाते में जमा धनराशि परिपक्‍वता अवधि के पश्‍चात बैंक दर के अनुसार नियमानुसार ब्‍याज सहित वापस करे। शेष निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है। 

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग  को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

   

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

  

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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