जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थित - (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य
परिवाद सं0-168/08
नाम - जय प्रकाष तिवारी
निवास - ग्राम - तेदुंआमाफी, नगर पंचायत बीकापुर, फैजाबाद।
पता - ग्राम - तेदुंआमाफी (बीकापुर), पोस्ट-बीकापुर,
जिला - फैजाबाद। ............ परिवादी
बनाम
1. वाइस चेयरमैन व सी0ई0ओ0, सन्सुई एल0सी0डी0टी0वी0, 14 के0 एम0 पत्थर औरंगाबाद, पैथानरोड़, छोटे गंाव, जिला औरंगाबाद - 431105
2. अध्यक्ष ब्रांच आफिस-75 सेकेन्ड फ्लोर राजाराम कुमार प्लाजा, हजरतगंज, लखनऊ - 226001
3. डीलर/ प्रो0 खालसा रेडियो कम्पनी, बजाजा - फैजाबाद 224001 .... विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 25.05.2015
उद्घोषित द्वारा: श्री माया देवी षाक्य, सदस्या।
निर्णय
परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 द्वारा निर्मित एक सन्सुई एल0सी0डी0 टी0 वी0 दिनांक 31.10.2010 को विपक्षी संख्या 1 के अधिकृत डीलर विपक्षी संख्या 3 से माडल 522204 ल्ड-5, 22 इंच, रुपये 9,690/- में खरीदा जिसकी रसीद का बुक नं0 34 सीरियल नम्बर 1658 था। उक्त टी0वी0 की वारंटी एक वर्श थी। परिवादी के टी0वी0 को विपक्षी कम्पनी का कर्मचारी आ कर दीवार पर लगा गया और उस समय टी0वी0 में प्रत्यक्ष कोई दोश नहीं था। दिनांक 07.07.2011 को टी0वी0 में बांयी तरफ नीचे एक छोटा सा सफेद धब्बा दिखाई देने लगा। उसी दिन परिवादी ने विपक्षी संख्या 1 के मोबाइल नम्बर 93336598123 पर कई बार फोन किया मगर फोन नहीं उठा और विपक्षी कम्पनी में भी फोन करने पर फोन नहीं उठा। परिवादी कृशक है और छोटी छोटी बचत कर के उसने टी वी खरीदा था। परिवादी मजबूरी में टैक्सी कर के उक्त टी वी को ले कर विपक्षी संख्या 3 की दुकान पर पहुंचा तो उसने कम्पनी विपक्षी संख्या 1 के सर्विस सेन्टर पर फोन किया और षिकायत संख्या स्न्ब्087110207 पर दर्ज करायी और परिवादी टी वी ले कर सेन्सुई केयर सेन्टर उसी समय गया, केयर सेन्टर पर दिनांक 07.07.2011 को ही षाम 6 बजे सब की उपस्थिति में मेकेनिक ने टी वी खोला तो उसके अन्दर से तार काटने वाला औजार निकला। परिवादी से पुनः सालिहा अस्पताल के पास हौसिलानगर केयर सेन्टर पर जाने को कहा गया। परिवादी सेट लेकर हौसिलानगर पहुंचा तो वहां पर मेकेनिक ने सेट का निरीक्षण करते हुए कहा कि सेट तोड़ा गया है और दूसरी स्क्रीन बदलने के लिये रुपये 7,500/- जमा करने को कहा। इससे परिवादी को घोर मानसिक कश्ट से गुजरना पड़ा। क्यों कि परिवादी ने छोटी छोटी बचत कर के टी वी खरीदा था वह अपनी मेहनत की कमाई से खदीदा गया टी वी क्यों तोड़ेगा। केयर सेन्टर के मेकेनिक ने परिवादी पर दोशारोपण कर के परिवादी को मानसिक व आर्थिक कश्ट पहुंचाया है। टी वी में खराबी यांत्रिक दोश के कारण आयी है। परिवादी ने दिनांक 18.07.2011 को विपक्षीगण को नोटिस दिया जिसका उन्होेंने कोई उत्तर नहीं दिया और न ही टी वी को बदला। इसलिये परिवादी को अपना परिवाद दाखिाल करना पड़ा। परिवादी को विपक्षीगण से मानसिक व षारीरिक परेषानी के लिये रुपये 25,000/-, टी वी की कीमत रुपये 9,690/-, टैक्सी रिक्षा किराया रुपये 1,000/- तथा परिवाद व्यय रुपये 5,000/- दिलाया जाय।
फोरम से विपक्षीगण को नोटिस भेजे गये तथा विपक्षी संख्या 1 व 2 को भेजी गयी रजिस्ट्री लिफाफे वापस लौट आये जो पत्रावली पर उपलब्ध हैं। विपक्षी संख्या 3 ने नोटिस प्राप्त किया और अपना लिखित कथन दाखिल किया। विपक्षी संख्या 1 व 2 पर तामीला पर्याप्त मानते हुए विपक्षी संख्या 1 व 2 के विरुद्ध परिवाद की सुनवाई एक पक्षीय रुप से की गयी।
विपक्षी संख्या 3 ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया है तथा परिवादी के परिवाद के कथनों से इन्कार किया है। विपक्षी संख्या 3 ने अपने विषेश कथन में कहा है कि उत्तरदाता की दुकान में किसी प्रकार की मरम्मत का काम नहीं होता है। उत्तरदाता विभिन्न कम्पनियों के इलेक्ट्रानिक उत्पाद बेचता है और खरीदी गयी वस्तु के प्रति किसी ग्राहक को कोई षिकायत होती है तो वह उसे कम्पनी के अधिकृत सेन्टर पर भेज देता है या कम्पनी के अधिकृत मैकेनिक को ही दिखाने की सलाह दी जाती है। सेन्सुई कम्पनी का अधिकृत सेन्टर हौसिला नगर सिविल लाइन फैजाबाद में है, परिवादी ने अपने टी वी की मरम्मत अन्ततः वहीं से करायी थी, जिसे पक्षकार नहीं बनाया गया है जो कि इस परिवाद मंे आवष्यक पक्षकार है। परिवादी को यदि किसी प्रकार की आर्थिक व मानसिक क्षति हुई है तो वह कम्पनी के अधिकृत सेन्टर से हुई है। परिवादी का परिवाद पोशणीय नहीं है और परिवादी किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। सेन्सुई एक बहुत बड़ी इलेक्ट्रानिक कम्पनी है। टी वी के अन्दर यदि प्लास निकला था तो वह समझ से परे है। उक्त प्लास परिवादी द्वारा स्वयं रखा गया प्रतीत होता है। कम्पनी अपने सामानों की जांच कुषल इंजीनियरों से कराती है और उसके बाद ही बाजार में भेजती है। परिवादी का टी वी 8-9 महीने चल ही नहीं सकता था। उत्तरदाता केवल सील्ड सामानों की बिक्री करता है और सभी सामानोें को चला कर दिखाता है और ग्राहक की संतुश्टि के बाद ही उसे बेचता है। टी वी में यदि किसी प्रकार की खराबी आयी है तो वह निर्माता या सर्विस सेन्टर की जिम्मेदारी है उत्तरदाता की नहीं। उत्तरदाता ने अपनी सेवा में कोई कमी नहीं की है। उत्तरदाता को परिवादी ने अनावष्यक पक्षकार बनाया है। परिवादी किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है। परिवादी का परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।
पत्रावली काफी समय से बहस में है और पक्षकार कई पेषियों से अनुपस्थित हैं। इसलिये पत्रावली को निर्णय में सुरक्षित किया तथा पक्षकारों को बहस के लिये समय दिया, मगर किसी भी पक्ष की ओर से निर्णय के पूर्व तक किसी ने बहस नहीं की अतः परिवाद का निर्णय गुण दोश के आधार पर पत्रावली का भली भंाति परिषीलन करने के बाद किया। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन में विपक्षीगण को भेजे गये नोटिस की छाया प्रति, टी वी सेट खरीदे जाने की रसीद की छाया प्रति व मूल प्रति, कस्टमर वारंटी कार्ड की छाया प्रति व मूल प्रति, टी वी के अन्दर से निकले कटर प्लास की छाया प्रति दाखिल की है जो षामिल पत्रावली है। विपक्षी संख्या 3 ने अपने पक्ष के समर्थन में अपना लिखित कथन दाखिल किया है जो षामिल पत्रावली है। परिवादी एवं विपक्षी संख्या 3 द्वारा दाखिल प्रपत्रांे से प्रमाणित है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 3 से टी वी खरीदा था और विपक्षी संख्या 3 के पास ही परिवादी पहले अपना सेट ले कर गया था। विपक्षी संख्या 3 या केयर सेन्टर के अलावा किसी अन्य के द्वारा टी वी सेट कोे खोलना नहीं बताया गया है। परिवादी अपने टी वी को जो कि एल ई डी टी वी है उसे खोलने की बात केयर सेन्टर ने भी नहीं कही है। परिवादी का टी वी वारंटी अवधि में खराब हुआ था। परिवादी को वारंटी बेचने वाले दुकानदार अर्थात विपक्षी संख्या 3 ने दी थी इसलिये विपक्षी संख्या 3 सहित कम्पनी के केयर सेन्टर की जिम्मेदारी थी कि वह परिवादी के टी वी को ठीक कर के देते। किन्तु उन्होंने ऐसा न करके परिवादी पर ही गलत आरोप लगा दिया है। परिवादी अपना परिवाद प्रमाणित करने में सफल रहा है। विपक्षी संख्या 3 ने अपनी सेवा में कमी की है। परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरुद्ध अंाषिक रुप से स्वीकार एवं अंाषिक रुप से खारिज किये जाने योग्य है।
आदेष
परिवादी का परिवाद अंाषिक रुप से स्वीकार एवं अंाषिक रुप से खारिज किया जाता है। विपक्षी संख्या 1 व 2 के विरुद्ध परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। विपक्षी संख्या 3 को आदेषित किया जाता है कि वह परिवादी को उसके टी वी की कीमत रुपये 9,690/- आदेष की दिनांक से 30 दिन के अन्दर वापस करे। विपक्षी संख्या 3 यदि परिवादी को टी वी की कीमत रुपये 9,690/- निर्धारित अवधि 30 दिन में भुगतान नहीं करता है तो विपक्षी संख्या 3 परिवादी को टी वी की कीमत रुपये 9,690/- पर परिवाद दाखिल करने की दिनांक से तारोज वसूली की दिनांक तक 9 प्रतिषत साधारण वार्शिक ब्याज का भी भुगतान करेगा। विपक्षी संख्या 3 परिवादी को क्षतिपूर्ति के मद मंे रुपये 3,000/- तथा परिवाद व्यय के मद में रुपये 2,000/- भी अदा करेगा। भुगतान के समय परिवादी विपक्षी संख्या 3 को पुराना टी वी वापस करेगा।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 25.05.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।
(विष्णु उपाध्याय) (माया देवी शाक्य) (चन्द्र पाल)
सदस्य सदस्या अध्यक्ष