/जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम, जशपुर (छ0ग0)/
प्रकरण क्रमांक :- CC/08/2015
प्रस्तुति दिनांक :- 14/05/2015
ऋषिकेश यादव पिता सुरेन्द्र राम यादव,
उम्र 29 वर्ष, निवासी ग्राम वासुदेवपुर,
थाना-दुलदुला, जिला- जशपुर (छ.ग.) ..................आवेदक/परिवादी
( विरूद्ध )
वरिष्ठ शाखा प्रबंधक,
नेशनल इंश्योरंस कंपनी लिमिटेड,
शाखा कार्यालय 13,
मीनु काम्पलेक्स कोसा बाड़ी कोरबा (छ.ग.) .........अनावेदक/विरोधी पक्षकार
///आदेश///
( आज दिनांक 25/11/2016 को पारित)
1. परिवादी/आवेदक ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद विरूद्ध पक्षकार/अनावेदक के विरूद्ध सेवा में कमी करने के आधार पर परिवादी को अनावेदक से मोटर सायकल हीरो सी.बी.जेड. रजि. नंबर सी.जी. 14 एम-6522 की बीमित कीमत 61,718.00/-रू. घटना दिनांक से 12 प्रतिशत ब्याज सहित, मानसिक परेशानी हेतु 50,000/-रू., अधिवक्ता शुल्क एवं दिलाए जाने हेतु दिनांक 14.05.2015 को प्रस्तुत किया है।
2. स्वीकृत तथ्य है कि :-
1. मोटर सायकल हीरो सी.बी.जेड. ईंजन नंबर ज्ञब्12म्ठ।ळज्ञ15611 एवं चेचिस नं. डठस्ज्ञब्12म्ब्।ळज्ञ16336 जिसका पंजीयन क्रमांक सी0जी0 14 एम- 6522 है। परिवादी के स्वामित्व की उक्त वाहन बीमा पालिसी क्रमांक 35100731106202180047 दिनांक 09.02.2011 से दिनांक 08.02.2012 तक के लिए अनावेदक बीमा कंपनी में बीमित थी।
2. परिवादी की उक्त वाहन चोरी हो जाने के आधार पर अनावेदक बीमा कंपनी में बीमा दावा प्रस्तुत किया था।
3. परिवादी ने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 29.01.2015 को पंजीकृत नोटिस भेजा था, जिसका अनावेदक बीमा कंपनी ने प्राप्ति स्वीकार करते हुए दिनांक 23.02.2015 को परिवादी को पत्र लिखा था।
4. परिवादी का बीमा दावा अनावेदक द्वारा निराकरण नहीं किया गया है।
3. अ. परिवाद के निराकरण के लिए आवश्यक तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि अनावेदक एक इंश्यारेंस कपंनी है जिसका कार्यालय कोरबा (छ.ग.) में है एवं अनावेदक सामान्य बीमा का कारोबार करती है। परिवादी ने अपनी मोटर सायकल हीरो सी.बी.जेड. रजि. नं. सी0जी0 14 एम- 6522, ईंजन नंबर ज्ञब्12म्ठ।ळज्ञ15611ए चेचिस नं. डठस्ज्ञब्12म्ब्।ळज्ञ16336 आकाश ऑटो मोबाईल्स गायत्री मंदिर के पास जशपुर (छ.ग.) से दिनांक 25.02.2011 को 61,718.00/- रूपये में क्रय किया था तथा चूंकि आकाश ऑटो मोबाइल्स ही अनावेदक बीमा कंपनी का स्थानीय अभिकर्ता है अतः उसी से उक्त मोटर सायकल का बीमा कराया था एवं पॉलिसी नंबर/सर्टिफिकेट नंबर 35100731106202180047 दिनांक 09.02.2011 से दिनांक 08.02.2012 तक की अवधि के लिए जारी किया गया था। दिनांक 10.09.2011 को उक्त मोटर सायकल अपरान्ह 3.00 बजे कासी हॉटल डोडकाचौरा के सामने से चोरी हो गई थी जिसकी रिपोर्ट परिवादी ने उसी दिन सिटी कोतवाली जशपुर में कर दिया था तथा अनावेदक के स्थानीय अभिकर्ता आकाश ऑटो मोबाइल्स गायत्री मंदिर के पास जशपुर (छ.ग.) को भी सूचना दे दिया था।
ब. अनावेदक के स्थानीय अभिकर्ता आकाश ऑटो मोबाइल्स द्वारा परिवादी को जानकारी दी गई थी कि उसका दावा प्रारंभ कर दिया गया है एवं मोटर दावा प्रपत्र भी उपलब्ध कराया गया था जिसे पूर्णतः भरकर परिवादी ने समस्त दस्तावेज सहित जमा कर दिया था। इस बीच परिवादी अनावेदक के कोरबा स्थित कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर दावा भुगतान का निवेदन किया तब अनावेदक की ओर से पुलिस प्रकरण का खात्मा रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था तब परिवादी ने पुलिस प्रकरण का खात्मा रिपोर्ट प्राप्त कर अनावेदक के स्थानीय अभिकर्ता आकाश ऑटो मोबाइल्स को प्रस्तुत कर दिया था किन्तु इसके बाद भी अनावेदक द्वारा परिवादी के दावा का भुगतान नहीं किया गया तब परिवादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अनावेदक को दिनांक 29.01.2015 को एक सूचना पत्र पंजीकृत डाक से प्रेषित किया जिसके जवाब में अनावेदक बीमा कंपनी ने अपने पत्र दिनांक 23.02.2015 के द्वारा परिवादी के अधिवक्ता से दावा का निराकरण करने हेतु 30 दिन का समय दिये जाने का निवेदन किया, किन्तु उसके बाद भी आज तक परिवादी के दावा का निराकरण नहीं किया गया है । अनावेदक ने दावा का निराकरण एवं दावा राशि भुगतान न कर स्वष्टतः सेवा में कमी किया है।
स. परिवादी के दावा का समय सीमा में अनावेदक द्वारा निराकरण नहीं किया गया है एवं टालमटोल किया गया है जिससे परिवादी को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा है तथा मोटर सायकल के अभाव में उसे अन्य साधन से किराया देकर यात्रा करनी पड़ी है जिसकी क्षतिपूर्ति करने हेतु भी अनावेदक दायी है। अतः परिवादी/आवेदक ने यह परिवाद प्रस्तुत कर अनावेदक से मोटर सायकल हीरो सी.बी.जेड. रजि. नंबर सी.जी. 14 एम-6522 की बीमित कीमत 61,718.00/-रू. घटना दिनांक से 12 प्रतिशत ब्याज सहित, मानसिक परेशानी हेतु 50,000/-रू., अधिवक्ता शुल्क एवं दिलाए जाने की प्रार्थना किया है।
4. अ. अनावेदक ने जवाबदावा प्रस्तुत कर स्वीकृत तथ्य को छोड़ शेष तथ्य को इंकार करते हुए अभिकथन किया है कि मोटर सायकल हीरो सी.बी.जेड. रजि. नं. सी0जी0 14 एम- 6522 किसके पास से क्रय की गई थी इसकी जानकारी अनावेदक को नहीं है। आवेदक द्वारा प्रस्तुत बीमा पॉलिसी में व्हीकल नं. लेख नहीं है। प्रस्तुत बीमा पालिसी में आवेदक द्वारा अपने आवेदन में लेख इंजन नंबर व चेचिस नं. जो इंद्राज किया गया है, उक्त नंबर प्रस्तुत बीमा दस्तावेज में लेख है और प्रस्तुत बीमा दस्तावेज के अनुसार उक्त पॉलिसी में बीमा की तिथि 09.02.2011 से मध्य रात्रि 08.02.2012 तक के लिए लेख किया गया है, किंतु उक्त बीमा पॉलिसी का भौतिक सत्यापन के बगैर स्पष्ट जवाब दिया जाना संभव नहीं है। अभिकर्ता आकाश ऑटोमोईल्स द्वारा इस अनावेदक को कोई सूचना नहीं दिया है और न ही बीमाधारक और डीलर के द्वारा कोई भी दस्तावेज प्रदाय की गई है।
ब. आकाश ऑटोमोबाईल्स के पास यदि दावा प्रारंभ किया गया था और दस्तावेज जमा कर दिये गये थे तो ऐसी दशा में डीलर के द्वारा कोई चूक की गई तो ऐसी दशा में डीलर आकाश ऑटोमोबाईल्स जो आवश्यक पक्षकार है को पक्षकार बनाया जाना चाहिए और उसे पक्षकार बनाए बगैर उक्त दावा किसी भी दशा में प्रचलन योग्य नहीं है। बीमा धारक को बीमा कंपनी के समक्ष दावा प्रपत्र भरा जाकर बीमा कंपनी के अधिकारी द्वारा चाही गई समस्त दस्तावेज जो बीमा दावा में आवश्यक है, दिया जाना चाहिए था, किंतु बीमा धारक ने अनावेदक को काई भी दस्तावेज नहीं दिया और त्रुटि की है, जिसके लिए परिवादी स्वयं जिम्मेदार है। दस्तावेज के अभाव में किसी भी दावा का भुगतान किया जाना संभव नहीं है। परिवादी द्वारा चाही गई अनुतोष एवं सहायता अनावेदक से प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। अनावेदक द्वारा किसी भी प्रकार से सेवा में कमी नहीं किया गया है। फलतः परिवादी का परिवाद अनावेदक के विरूद्ध निरस्त किए जाने का निवेदन किया गया है।
5. परिवाद पर उभय पक्ष के अधिवक्ता को विस्तार से सुना गया। अभिलेखगत सामग्री का परिशीलन किया गया है ।
6. विचारणीय प्रश्न यह है कि :-
क्या अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार ने परिवादी/आवेदक के विरूद्ध सेवा में कमी किया है ?
निष्कर्ष के आधार
विचारणीय प्रश्न का सकारण निष्कर्ष :-
7. परिवादी ने परिवाद के समर्थन में अपना शपथ पत्र एवं सूची अनुसार दस्तावेज एफ.आई.आर. दस्तावेज क्र. 1, क्राईम रजिस्ट्रार थाना जशपुर की प्रति दिनांक 23.09.2013 दस्तावेज क्र. 2, अंतिम प्रतिवेदन दिनांक 04.12.2013 दस्तावेज क्र. 3, जिला परिवहन अधिकारी को प्रस्तुत सूचना दिनांक 09.02.2012 दस्तावेज क्र. 4, मोटर सायकल का वेट/रिटेल नोटिस दिनांक 25.02.2011 दस्तावेज क्र. 5, सी.जी.14एम 6522 मोटर सायकल का वेव्हीकल पारटीकुलर दस्तावेज क्र. 6, मोटर सायकल सी.जी.14एम 6522 बीमा प्रमाण पत्र दस्तावेज क्र. 7, अनावेदक को प्रेषित अधिवक्ता नोटिस दस्तावेज क्र. 8, रजिस्ट्री की रसीद दस्तावेज क्र. 9, अनावेदक का पत्र दस्तावेज क्र. 10, अनावेदक द्वारा प्रेषित पत्र का लिफाफा दस्तावेज क्र. 11, दावा फार्म दस्तावेज क्र. 12 प्रस्तुत किया है।
8. परिवादी ने वाहन मोटर सायकल हीरो होण्डा सी.बी.जेड. रजि. नं. सी0जी0 14 एम- 6522 का पंजीकृत स्वामी होना बताया है, जिसके संदर्भ में दस्तावेज क्रमांक 5 एवं 6 प्रस्तुत किया है। उक्त वाहन अनावेदक बीमा कंपनी में बीमित होने का बीमा प्रमाण पत्र दस्तावेज क्रमांक 7 प्रस्तुत किया है। उक्त दस्तावेजी प्रमाण से परिवादी के स्वामित्व की वाहन मोटर सायकल हीरो सी.बी.जेड. रजि. नं. सी0जी0 14 एम- 6522 अनावेदक बीमा कंपनी में दिनांक 09.02.2011 से दिनांक 08.02.2012 तक बीमित थी। इस प्रकार परिवादी अनावेदक का उपभोक्ता है, उक्त बीमा पालिसी अनुसार परिवादी ने स्थापित, प्रमाणित किया है।
9. परिवादी ने उसके वाहन मोटर सायकल हीरो सी.बी.जेड. रजि. नं. सी0जी0 14 एम- 6522 दिनांक 10.09.2011 को दोपहर 3 बजे कासी हॉटल डोडकाचौरा के सामने से चोरी होना परिवाद पत्र एवं शपथ पत्र में बताया है, जिसकी थाना जशपुर में की गई प्रथम सूचना प्रतिवेदन दस्तावेज क्रमांक 1 एवं 2 प्रस्तुत किया है, जिसका अंतिम प्रतिवेदन दस्तावेज क्रमांक 2 एवं 3 प्रस्तुत किया है। परिवादी ने जिला परिवहन अधिकारी जशपुर नगर को उसके वाहन की चोरी होने की सूचना दिया था, जिसका पत्र दस्तावेज 4 प्रस्तुत किया है। परिवादी ने अनावेदक को दिनांक 29.01.2015 को पंजीकृत नोटिस दस्तावेज क्रमांक 8 भिजवाया था, जिसकी रसीद दस्तावेज क्रमांक 9 प्रस्तुत किया है, जो अनावेदक को प्राप्त हो गया था, जिसका अनावेदक ने पत्र दिनांक 23.02.2015 दिया था, जो दस्तावेज क्रमांक 10 के रूप में प्रस्तुत किया है। उक्त दस्तावेजी प्रमाण का अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा किसी प्रकार से खण्डन नहीं किया गया है, से परिवादी के स्वामित्व की उक्त वाहन दिनांक 10.09.2011 को चोरी हो गई थी, जिसका परिवादी पुलिस थाना जशपुर एवं जिला परिवहन अधिकारी को सूचना दिया था, स्थापित, प्रमाणित हुआ है।
10. परिवादी के स्वामित्व की उक्त वाहन के चोरी हो जाने पर उसने अनावेदक के समक्ष मोटर दावा पत्र प्रस्तुत किया था बतलाया है, जिसकी प्रति दस्तावेज क्रमांक 12 प्रस्तुत किया है। परिवादी के पंजीकृत नोटिस का अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा दिया गया पत्र दिनांक 23.02.2015 तथा जवाब दावा की कण्डिका 5 में अनावेदक ने दावा निराकरण में 30 दिन का समय दिये जाने को कहा। इस प्रकार परिवादी ने उसके स्वामित्व की बीमित वाहन की बीमा अवधि में चोरी हो जाने से अनावेदक के समक्ष मोटर दावा पत्र भरकर दिया था प्रमाणित है।
11. परिवादी द्वारा अनावेदक के समक्ष प्रस्तुत मोटर दावा प्रपत्र का दिनांक 23.02.2015 के बाद 1 माह पश्चात् तक किसी प्रकार से निराकरण नहीं किया है और न ही दावा का भुगतान किया गया है। नोटिस का जवाब तक नहीं दिया फलस्वरूप परिवादी ने दिनांक 14.05.2015 को अनावेदक के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया। परिवाद प्रस्तुत करने के बाद भी अनावेदक द्वारा परिवादी के मोटर दावा पत्र का निराकरण नहीं किया गया है, परिवाद का अनावेदक ने जवाब प्रस्तुत कर इंकार किया है। फलस्वरूप हम पाते हैं कि परिवादी के मोटर दावा प्रपत्र को निराकरण न कर कोई राशि प्रदान न कर अनावेदक ने सेवा में कमी किया है। तद्नुसार विचारणीय प्रश्न का निष्कर्ष ’’प्रमाणित’’ में देते हैं।
12. परिवाद पत्र में परिवादी के स्वामित्व की वाहन की बीमित कीमत 61,718/-रू. को घटना दिनांक से 12 प्रतिषत ब्याज सहित दिलाए जाने एवं 50,000/-रू. क्षतिपूर्ति एवं वादव्यय अनावेदक से दिलाए जाने की प्रार्थना किया गया है।
13. परिवादी के स्वामित्व की वाहन का रिटेल इन्व्हाइस दस्तावेज क्रमांक 5 में 61,718/-रू. की होना उल्लेखित है। बीमा पालिसी दस्तावेज क्रमांक 7 में अनावेदक ने बीमित वाहन का घोषित मूल्य आई.डी.व्ही. 58,653/-रू. उल्लेखित किया है, फलस्वरूप उक्त बीमा पालिसी अनुसार बीमा अवधि में वाहन के चोरी होने को बीमा पालिसी द्वारा आच्छादित होने से अनावेदक बीमा कंपनी वाहन का घोषित मूल्य आई.डी.व्ही. 58,653/-रू. परिवादी को देने के लिए दायित्वाधीन है।
14. अनावेदक ने परिवादी के पंजीकृत नोटिस का पंजीकृत डाक द्वारा जवाब देने के लिए दिनांक 22.03.2015 को एक माह का समय लगना था, किंतु न तो नोटिस का कोई जवाब दिया है और न ही परिवादी को वाहन का बीमित मूल्य का भुगतान किया है, से वाहन की बीमित मूल्य पर परिवादी दिनांक 23.02.2015 के एक माह के पश्चात अर्थात् दिनांक 23.03.2015 से ब्याज पाने का भी अधिकारी है।
15. उपरोक्त अनुसार अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद को स्वीकार करने योग्य होना पाते हुए हम स्वीकार करते हैं तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 14 अनुसार निम्नलिखित निर्देश देते हैं :-
अ. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार बीमा कंपनी, परिवादी के बीमित वाहन मोटर सायकल हीरो सी.बी.जेड. रजि. नं. सी0जी0 14 एम- 6522, ईंजन नंबर ज्ञब्12म्ठ।ळज्ञ15611ए चेचिस नं. डठस्ज्ञब्12म्ब्।ळज्ञ16336 का बीमा पालिसी में घोषित मूल्य आई.डी.व्ही. 58,653/-रू. (अन्ठावन हजार छः सौ तिरपन रूपये) परिवादी को एक माह के भीतर भुगतान करेगा।
ब. अनावेदक बीमा कंपनी परिवादी को 58,653/-रू. (अन्ठावन हजार छः सौ तिरपन रूपये) पर दिनांक 23.03.2015 से 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज का भी भुगतान करेगा।
स. अनावेदक, परिवादी से वाहन के स्वामित्व अंतरण से संबंधित दस्तावेज नियमानुसार प्राप्त करे यदि उसने अब तक प्राप्त नहीं किया है।
द. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार बीमा कंपनी परिवादी को मानसिक क्षति का 10,000/-रू. (दस हजार रूपये) 1 माह के भीतर परिवादी को भुगतान करेगा।
इ. अनावेदक/विरूद्ध पक्षकार बीमा कंपनी, परिवादी को परिवाद व्यय 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) का भुगतान एक माह के भीतर करेगा।
(श्रीमती अनामिका नन्दे) (संजय कुमार सोनी) (बी0पी0पाण्डेय)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रति. जिला उपभोक्ता विवाद प्रति. जिला उपभोक्ता विवाद प्रति.
फोरम जशपुर (छ0ग0) फोरम जशपुर ़(छ.ग.) फोरम जशपुर (छ0ग0)