राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-163/1996
(सुरक्षित)
(जिला उपभोक्ता फोरम, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या- 284/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19-12-1995 के विरूद्ध)
प्रबन्धक, यूनाइटेड ट्रैक्टर्स, 7 पार्क रोड, गोरखपुर।
..अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
श्री विश्वनाथ मणि पुत्र स्व0 हरिभद्र मणि, ग्राम- बरारी, पोस्ट- बैतालपुर, जिला- देवरिया।
..प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1-माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य।
2-माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री एच0के0 श्रीवास्तव, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : बी0के0 उपाध्याय, विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक- 09-07-2015
माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्य, द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलकर्ता ने यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम, देवरिया द्वारा परिवाद संख्या- 284/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19-12-1995 के विरूद्ध प्रस्तुत की है, जिसके द्वारा जिला उपभोक्ता द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया है:-
“परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा प्रतिपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी को एक माह के अन्दर विक्रय किये गये आयल पम्प को वापस लेकर के दूसरा आयल पम्प उतनी ही कीमत पर दें, अन्यथा विक्रय की कीमत मु0 2650-00 रूपये वापस करें। इसके अलावा परिवादी को शारीरिक एवं मानसिक कष्ट के लिए मु0 500-00 रूपये भी निर्धारित अवधि के अन्दर देंगे। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो मु0 2650-00 पर विक्रय करने के दिन से व क्षतिपूर्ति के धनराशि पर निर्णय की तिथि से
(2)
वास्तविक भुगतान तक 12 प्रतिशत ब्याज भी प्रतिपक्षी द्वारा दिया जायेगा।”
संक्षेप में केस के तथ्य इस प्रकार से है कि परिवादी ने दिनांक14-06-1993 को प्रतिपक्षी के यहॉ से अपने ट्रैक्टर के लिए नया आयल पम्प मु0 2650-00 रूपये में क्रय किया और देवरिया में दूसरे दिन मिस्त्री को दिया तो मिस्त्री ने कहा कि पम्प खराब है। अत: उक्त पम्प को लेकर परिवादी प्रतिपक्षी के यहॉ गये तो सेल्स मैन ने कहा कि इस पम्प को मालिक या मैनेजर ही वापस कर सकते है। उक्त पम्प को एवं रसीद को सेल्स मैन के पास भेजवा दिया। सेल्स मैन ने पम्प व रसीद को वापस कर दिया और उसी बीच रसीद पर यह अंकित कर दिया कि बिका हुआ माल वापस नहीं है। इस प्रकार परिवादी को परेशान किया है।
जिला उपभोक्ता फोरम के समक्ष विपक्षी द्वारा अपना प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें कहा गया है कि आयल पम्प परिवादी को बेचा गया है, परन्तु आयल पम्प बनाने वाली कम्पनी कोई वारण्टी नहीं देती है और आयल पम्प में रोटर रहता है जो कीमती और मुख्य हिस्सा होता है तथा ऊपर तीन स्क्रू लगे होते है। इसी स्क्रू को खोल करके रोटर बदला जा सकता है, इसीलिए रसीद पर लिख दिया जाता है कि बिका हुआ माल वापस नहीं होगा। प्रतिपक्षी ने कहा कि तीनों स्क्रू खोलकर और पुराना रोटर लगाया जा सकता है। परिवादी यदि चाहे तो आयल पम्प को कपड़े में सिल कर निर्माता कम्पनी को भेज दिया जायेगा और जो रिपोर्ट प्राप्त होगी उससे
परिवादी को अवगत करा दिया जायेगा। यह भी कहा गया है कि इस फोरम को क्षेत्राधिकार इस परिवाद को देखने का नहीं है।
इस सम्बन्ध में दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा अपील के आधार का अवलोकन किया गया।
(3)
अपील के आधार में कहा गया है कि परिवादी ने परिवाद यूनाइटेड ट्रैक्टर्स 7 पार्क रोड़ गोरखपुर के विरूद्ध दाखिल किया, परन्तु जिला उपभोक्ता फोरम, देवरिया ने इसे न देखने में कानूनी गलती किया है। वाद का कारण देवरिया में उत्पन्न नहीं हुआ और आयल पम्प गोरखपुर में लिया गया था और परिवादी के अनुसार वह गोरखपुर में ही वापस करने आया और वापस नहीं किया गया, इसलिए वाद का कारण गोरखपुर में ही उत्पन्न हुआ। अपील आधार में यह भी कहा गया है कि आयल पम्प जिसमें तीन स्क्रू लगे होत है, उसके अन्दर रोटर होता है, स्क्रू को खोलकर बड़ी आसानी से रोटर बदला जा सकता है और परिवादी ने भी ऐसा ही किया और उससे कहा गया कि आयल पम्प को अपने हाथ से कपड़े में सिल करके दें और निर्माता कम्पनी को भेज दिया जाय, परन्तु परिवादी इसके लिए तैयार नहीं हुआ। यह भी कहा गया है कि जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने निर्णय में गलत कहा गया है कि परिवादी के द्वारा आयल पम्प प्रस्तुत किया गया था, जिसमें टैपरिंग का होना नहीं पाया गया। परिवादी ने आयल पम्प दिखलाया भी नहीं, फिर भी यह लिख दिया गया कि परिवादी ने आयल पम्प प्रस्तुत किया।
प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि यूनाइटेड ट्रैक्टर्स के ब्रान्च देवरिया, गोरखपुर दोनों जगह है। इस सम्बन्ध में मूल रसीद की फोटो प्रति अपीलकर्ता के तरफ से दाखिल किया गया है, उसको भी देखने से स्पष्ट होता है कि यूनाइटेड ट्रैक्टर्स 7 पार्क रोड़ गोरखपुर दर्शाया गया है, जिसकी ब्रान्च बस्ती, सिद्धार्थनगर व देवरिया लिखा है। इस प्रकार से कैश मेमों में स्वयं ब्रान्च आफिस देवरिया लिखा गया है। इस प्रकार से हम यह पाते हैं कि देवरिया जिला उपभोक्ता फोरम में केस दायर किया गया, वहॉ से केस का निस्तारण किया जा सकता था।
(4)
केस के तथ्यों परिस्थितियों को देखते हुए हम यह पाते है कि जिला उपभोक्ता फोरम के द्वारा दोनों पक्षों के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का वर्णन करते हुए निर्णय पारित किया गया है, जो विधि सम्मत् है, उसमें हस्तक्षेप किये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। अपीलकर्ता की अपील खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है तथा जिला उपभोक्ता फोरम, गोरखपुर द्वारा परिवाद संख्या- 284/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19-12-1995 की पुष्टि की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वयं वहन करें।
(राम चरन चौधरी) ( राज कमल गुप्ता )
पीठासीन सदस्य सदस्य
आर.सी. वर्मा, आशु.
कोर्ट नं0-5