राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
पुनरीक्षण याचिका संख्या:-130/2024
मुसहफ रजा जैदी
बनाम
विद्युत नगरीय वितरण खंड व अन्य
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री इश्तेखार हसन
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : श्री इशार हुसैन
दिनांक :- 16.12.2024
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रश्नगत पुनरीक्षण याचिका जिला आयोग, प्रथम लखनऊ द्धारा पारित निम्न आदेश दिनांक 02.12.2024 के विरूद्ध योजित की गई है:-
‘’ 02.12.2024
परिवादी की तरफ से आवेदन अंतर्गत धारा 71/72 उ0सं० अिव० प्रस्तुत आदेश हुआ।पत्रावली के साथ पेश है।पत्रावली प्रस्तुत हई। आवेदन पर आदेश हुआ कि आपत्ति आमंत्रित हो, P.O. की डायरी व्यस्त है। आपित्त दाखिल हो। वादद आपत्ति निस्तारण नियत तिथि को प्रस्तुत हो।‘’
पूर्व दिनांक 13.12.2024 को न्यायालय द्धारा निम्न आदेश पारित किया गया:-
‘’ 13.12.2024
वाद पुकारा गया।
पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता श्री इफ्तखार हसन तथा विपक्षी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री इशार हुसैन उपस्थित है।
प्रश्नगत पुनरीक्षण वाद पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी के अधिवक्ता द्धारा यह कथन उल्लिखित करते हुये योजित किया गया है कि विद्धान जिला आयोग द्धारा परिवाद संख्या-407/2023 मुसहफ रजा जैदी बनाम विद्युत नगरीय वितरण खंड व अन्य में पारित आदेश दिनांक 29.09.2023 का अनुपालन यद्पि परिवादी/पुनरीक्षणकर्ता द्धारा सुनिश्चित किया जा रहा है फिर भी विपक्षीगण द्धारा परिवादी/पुनरीक्षणकर्ता का विद्युत का संयोजन काट दिया गया है अर्थात विद्युत का वितरण बन्द कर दिया गया है।
पुनरीक्षणकर्ता को वास्तव में विद्धान जिला आयोग के सम्मुख उपरोक्त तथ्य उल्लिखित करते हुये विविध प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है जिसे विद्धान जिला आयोग द्धारा नियत तिथि पर प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया है जिसमे तिथि 19.02.2025 नियत है।
प्रश्नगत तथ्य को दृष्टिगत रखते हुये मेरे विचार से विद्धान जिला आयोग द्धारा प्रार्थना पत्र का परीक्षण/परिशीलन करने के उपरान्त यदि विपक्षी द्धारा जिला आयोग के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है तथा आदेश का उल्लघंन किया जा रहा है तब तत्काल विशेष परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये समुचित आदेश यथाशीघ्र पारित किया जाना चाहिये था।
तदनुसार उक्त को दृष्टिगत रखते हुये यह आदेश दिया जाता है कि जिला आयोग के उपरोक्त आदेश दिनांक 29.09.2023 के अनुसार यदि पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी द्धारा रू0 40,000/-विपक्षी के पक्ष में जमा किया जा चुका हो व भविष्य में विद्युत उपभोग के विरूद्ध विपक्षी द्धारा प्रेषित विद्युत बिलों का भुगतान सुनिश्चित किया जाता रहा हो तो उस स्थिति में विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह तत्काल 24 घंटे की अवधि में पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी का विद्युत संयोजन किया जाना सुनिश्चित करें। तदनुसार इस न्यायालय को विविध प्रार्थना पत्र के साथ विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता श्री इशार हुसैन द्धारा लिखित रूप से दिनांक 16.12.2024 को इस आदेश के अनुपालन के संबंध में सूचित किया जावेगा।
प्रस्तुत पुनरीक्षण वाद को पुनः सुनवाई हेतु दिनांक 16.12.2024 को अपरान्ह 2.00 बजे सूचीबद्ध किया जावे।‘’
उपरोक्त आदेश दिनांक 13.12.2024 के अनुपालन में विपक्षी द्धारा पुनरीक्षणकर्ता का विद्युत संयोजन पुर्नस्थापित किया गया है। इस न्यायालय के सम्मुख विपक्षी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री इशार हुसैन तथा अधिशाषी अभियन्ता श्री अरूण कुमार भारती उपस्थित हुये है। बिना किसी गुण-दोष के आधार पर विचार करते हुये मेरे विचार से चूंकि, परिवाद विद्धान जिला आयोग के सम्मुख गुण-दोष पर सुनवाई हेतु लम्बित है, निम्न आदेश पारित किया जाता है,
परिवाद संख्या-407/2023 को विद्धान जिला आयोग, प्रथम लखनऊ द्धारा अगली नियत तिथि पर पक्षकारों को सुनवाई का अवसर देते हुये अथवा गुण-दोष के आधार पर समुचित आदेश पारित किया जावेगा। यदि पक्षकारों द्धारा अंतिम रूप से अपने कथन को प्रस्तुत किया जाता है तब निर्णीत किया जावेगा। इस मध्य पुनरीक्षणकर्ता द्धारा विद्युत प्रयोग के विरूद्ध विपक्षी द्धारा जारी बिल का नियमित भुगतान सुनिश्चित किया जावेगा। यदि पुनरीक्षणकर्ता द्धारा किसी भी नियमित बिल भुगतान में देरी की जावेगी तब उस दशा में विपक्षी द्धारा विधिनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी।
तदनुसार प्रश्नगत पुनरीक्षण याचिका अंतिम रूप से निस्तारित की जाती है।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
रंजीत,पी. ए.
कोर्ट नं0-01