Uttar Pradesh

Faizabad

CC/167/2012

Ramkaran Dubey - Complainant(s)

Versus

Uppcl - Opp.Party(s)

19 Jun 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
Judgement of Faizabad
 
Complaint Case No. CC/167/2012
 
1. Ramkaran Dubey
Bikapur Faizabad
...........Complainant(s)
Versus
1. Uppcl
FAIZABAD
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA MEMBER
 HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।

 

उपस्थित -     (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
        (2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
(3) श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य

परिवाद सं0-167/2012

               
राम करन दूबे आयु लगभग 46 साल पुत्र स्व0 श्री राम सूरत दूबे निवासी गंगापुर परगना पष्चिमराठ तहसील बीकापुर जिला फैजाबाद।                          ............. प्रार्थाी 
बनाम
1.    अधिषाशी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय महोदय फैजाबाद। 
2.    अवर अभियंता विद्युत उपकेन्द्र हैरिंग्टनगंज जनपद फैजाबाद। .............. विपक्षीगण
निर्णय दिनाॅंक 19.06.2015            
उद्घोषित द्वारा: श्री विष्णु उपाध्याय, सदस्य।
                        निर्णय
    परिवादी के परिवाद का संक्षेप इस प्रकार है कि परिवादी अपने निवास स्थान गंगापुर में नहीं रहता है बल्कि 15 वर्शों से षहर मंे रहता है। परिवादी ने अपने प्रष्तगत घर पर कोई विद्युत कनेक्षन नहीं ले रखा है और न ही कोई आवेदन किया है। परिवादी के घर से विद्युत पोल की दूरी लगभग 500 मीटर है। विपक्षीगण विद्युत विभाग ने फर्जी कूट रचना कर के परिवादी के नाम फर्जी विद्युत कनेक्षन संख्या 645740 बता कर उक्त कनेक्षन के विरुद्ध रुपये 40,000/- की आर0सी0 भेजी दी है। उक्त के सम्बन्ध में परिवादी ने जिलाधिकारी महोदय से प्रार्थना पत्र दे कर षिकायत की जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। विपक्षीगण के कारण परिवादी को आर्थिक, मानसिक व षारीरिक कश्ट उठाना पड़ा। विपक्षीगण द्वारा आर0सी0 दिनांक 14.07.2012 को जारी की गयी तब परिवादी को इस बात की जानकारी हुई। परिवादी को विपक्षीगण से रुपये 20,000/- क्षतिपूर्ति दिलाई जाय तथा आर0सी0 रुपये 40,000/- निरस्त की जाय।
    विपक्षीगण ने अपना उत्तर पत्र प्रस्तुत किया है तथा परिवादी के परिवाद के तथ्यों से इन्कार किया है। विपक्षीगण का कहना है कि परिवादी का यह कहना गलत है कि वह नौकरी करता है और दिल्ली में रहता है। परिवादी सपरिवार अपने गंाव गंगापुर में ही स्थाई रुप से रहता है। परिवादी के विरुद्ध वसूली प्रमाण पत्र जारी हुआ और आर0सी0 जारी होने की जानकारी होने पर परिवदी ने झूठे तथ्यों पर अपना परिवाद दाखिल कर दिया। परिवादी ने अपना विद्युत कनेक्षन हैरिंग्टनगंज विद्युत उप केन्द्र से प्राप्त किया था, जिसका कनेक्षन संख्या 645740 है जिस पर बकाया चल रहा है। परिवादी को आर0सी0 जारी करने के पूर्व नोटिस दी गयी थी तथा उससे पूर्व परिवादी से विद्युत बिल का बकाया जमा करने का अनुरोध किया था। जब परिवादी ने बिल नहीं जमा किया तो उसके विरुद्ध रुपये 40,000/- की आर0सी0 जारी की गयी। विपक्षीगण की परिवादी से कोई दुष्मनी नहीं है। विपक्षीगण परिवादी के नाम गलत आर0सी0 जारी नहीं करेेंगे। परिवादी के कथनानुसार यदि परिवादी ने विद्युत कनेक्षन नहीं लिया है तो परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता नहीं है और परिवादी का परिवाद फोरम में चलने लायक नहीं है। परिवादी को अपना परिवाद सिविल न्यायायल में दाखिल करना चाहिए। परिवादी का मामला कलेक्टर महोदय के यहां विचाराधीन है और परिवादी ने कलेक्टर महोदय को पक्षकार नहीं बनाया है। परिवादी किसी प्रकार का उपषमन पाने का अधिकारी नहीं है। परिवादी का परिवाद मय हर्जे के खारिज किये जाने योग्य है। 
     परिवादी की ओर से बहस के समय कोई उपस्थित नहीं हुआ। परिवादी को बहस के लिये समय दिया गया किन्तु निर्णय के पूर्व तक परिवादी की ओर से किसी ने बहस नहीं की। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना एवं पत्रावली का भली भंाति परिषीलन करने के बाद परिवाद का निर्णय गुण दोश के आधार पर किया। परिवादी ने अपने पक्ष के समर्थन मंे अपना षपथ पत्र, परिवादी द्वारा अधिषाशी अभियंता व जिलाधिकारी फैजाबाद महोदय को दिये गये पत्र दिनांक 19.07.2012 की छाया प्रतियां दाखिल की हैं जो षामिल पत्रावली हैं। विपक्षीगण ने अपने पक्ष के समर्थन में अपना लिखित कथन दाखिल किया है जो षामिल पत्रावली है। विपक्षीगण ने परिवादी के कथन को अस्वीकार करते हुए कहा है कि परिवादी अपने निवास स्थान गंाव गंगापुर में ही रहता है और उसके नाम से विद्युत कनेक्षन संख्या 645740 संचालित है। परिवादी ने कभी भी अपने विद्युत बिल का भुगतान नहीं किया है और परिवादी को आर0सी0 जारी करने के पूर्व बकाये की नोटिस भी भेजी गयी थी और विद्युत बिल न जमा करने पर रुपये 40,000/- की आर0सी0 जारी की गयी। परिवादी का प्रकरण जिलाधिकारी महोदय के यहां भी इसी मामले पर लंबित है और परिवादी ने आर0सी0 जारी होने पर अपना परिवाद विद्युत बिल के बकाये से बचने के लिये दाखिल कर दिया है। परिवादी ने अपने परिवाद के साथ आर0सी0 की प्रतिलिपि भी दाखिल नहीं की है। परिवादी यह प्रमाणित करने में असफल रहा है कि वह अपने निवास स्थान गंगापुर में नहीं रहता है। परिवादी यह प्रमाणित करने मंे असफल रहा है कि परिवादी विद्युत विभाग का उपभोक्ता है। परिवादी का परिवाद उपभोक्ता की श्रेणी में न आने के कारण फोरम में पोशणीय नहीं है। अतः परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।   
आदेश
    परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। 
          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)              
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष      
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 19.06.2015 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उद्घोषित किया गया।

          (विष्णु उपाध्याय)         (माया देवी शाक्य)             (चन्द्र पाल)           
              सदस्य                  सदस्या                    अध्यक्ष

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE MR. CHANDRA PAAL]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. MAYA DEVI SHAKYA]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. VISHNU UPADHYAY]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.