राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील सं0-२१०६/२०१४
(जिला मंच, महामाया नगर द्वारा निष्पादन वाद सं0-१५/२०१२ में पारित आदेश दिनांक २६-०२-२०१४ के विरूद्ध)
इन्दल सिंह पुत्र स्व0 पृथ्वी सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट बेदई, तहसील सादाबाद, जिला हाथरस। ............. अपीलार्थी/डिक्रीदार।
बनाम
१. एक्जक्यूटिव इंजीनियर विद्युत वितरण खण्ड, चतुर्थ खण्ड (यू.पी.पावर कारपोरेशन लिमिटेड), सादाबाद, जिला- हाथरस (महामाया नगर)।
२. एक्जक्यूटिव इंजीनियर विद्युत वितरण खण्ड, प्रथम खण्ड (यू.पी.पावर कारपोरेशन लिमिटेड), जिला- मथुरा।
...........प्रत्यर्थीगण/निर्णीत ऋणीगण।
समक्ष:-
१- मा0 न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष।
२- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अनिल कुमार मिश्रा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक :- ३०-०९-२०१५.
मा0 न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम १९८६ की धारा-२७ (ए) के अन्तर्गत, जिला मंच, महामाया नगर द्वारा निष्पादन वाद सं0-१५/२०१२ में पारित आदेश दिनांक २६-०२-२०१४ के विरूद्ध योजित की गयी है। श्री अनिल कुमार मिश्रा विद्वान अधिवक्ता अपीलार्थी को इस अपील के अंगीकार के स्तर पर सुना गया। अभिलेख का अवलोकन किया गया।
पीठ को सूचित किया गया कि इस मामले से सम्बन्धित मूल परिवाद सं0-५९/२०१० में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांकित ०७-०५-२०१२, जिसके अनुपालनार्थ प्रश्नगत निष्पादन वाद सं0-१५/२०१२ योजित किया गया है, के विरूद्ध इस आयोग में अपीलार्थी/निष्पादनकर्ता श्री इन्दल सिंह की ओर से अपील संख्या २१०४/२०१४ योजित की
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गयी है, जिसके निस्तारण हेतु दिनांक १६-१२-२०१५ नियत है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से निष्पादन वाद में पारित प्रश्नगत आदेश को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। अत: यह अपील निराधार एवं औचित्यहीन होने के कारण अंगीकार के स्तर पर ही निरस्त होने योग्य है।
आदेश
अपील उपरोक्त अंगीकार के स्तर पर ही निरस्त की जाती है।
(न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह)
अध्यक्ष
(उदय शंकर अवस्थी)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड १,
कोर्ट नं०-१.