राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील संख्या-199/2000
1.सुपरिटेन्डेन्ट पोस्ट आफिसेस सिविल लाइन मथुरा।
2.डि0 पोस्ट मास्टर, हेड पोस्ट आफिस, बृन्दावन।
...........अपीलार्थीगण@विपक्षीगण
बनाम
उपभोक्ता संरक्षण एवं कल्याण समिति सीताराम निधि, राधे निवास
बृन्दावन जिला मथुरा द्वारा सेक्रेटरी शशिभूषन मिश्रा।
.......प्रत्यर्थी/परिवादी
अपील संख्या-200/2000
1.सुपरिटेन्डेन्ट पोस्ट आफिसेस सिविल लाइन मथुरा।
2.डि0 पोस्ट मास्टर, हेड पोस्ट आफिस, बृन्दावन।
...........अपीलार्थीगण@विपक्षीगण
बनाम
उपभोक्ता संरक्षण एवं कल्याण समिति सीताराम निधि, राधे निवास
बृन्दावन जिला मथुरा द्वारा सेक्रेटरी शशिभूषन मिश्रा।
.......प्रत्यर्थी/परिवादी
अपील संख्या-201/2000
1.सुपरिटेन्डेन्ट पोस्ट आफिसेस सिविल लाइन मथुरा।
2.डि0 पोस्ट मास्टर, हेड पोस्ट आफिस, बृन्दावन।
...........अपीलार्थीगण@विपक्षीगण
बनाम
उपभोक्ता संरक्षण एवं कल्याण समिति सीताराम निधि, राधे निवास
बृन्दावन जिला मथुरा द्वारा सेक्रेटरी शशिभूषन मिश्रा।
.......प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री विशाल चौधरी, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक 01.03.2021
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
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1. तीनों परिवाद संख्या 129/98, 130/98 व 131/98 में पारित निर्णय/आदेश दि. 19.12.1999 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। तीनों प्रकरण में तथ्य लगभग एक समान है, इसलिए तीनों अपीलों का निस्तारण एक ही निर्णय से किया जा रहा है। प्रत्येक पत्रावली में निर्णय की एक प्रति रखी जाए।
2. तीनों परिवाद को स्वीकार करते हुए जिला उपभोक्ता मंच मथुरा द्वारा विपक्षीगण को निर्देशित किया गया है कि परिवादी द्वारा पार्सल राशि 12 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान की जाए। अंकन रू. 250/- प्रत्येक परिवाद में वाद व्यय के रूप में अदा करने का भी आदेश दिया गया है।
3. परिवाद संख्या 129/98 के तथ्य इस प्रकार हैं कि विपक्षी संख्या 2 को एक पार्सल दिया गया था जो रू. 2000/- के लिए बीमित था। यह पार्सल कभी भी प्राप्त नहीं हुआ, अत: अंकन रू. 2000/- ब्याज सहित वसूली के लिए परिवाद प्रस्तुत किया गया।
4. विपक्षीगण का कथन है कि वादी द्वारा कोई बीमित पार्सल नहीं भेजा गया था, बल्कि पंजीकृत वैल्यू पेयबल पार्सल भेजा था। संबंधित बी.पी.पी. पर सही पता नहीं लिखा था। वादी की शिकायत पर इम्फाल के पोस्ट मास्टर को लिखा गया था। उन्होंने बताया कि बी.पी.पी. उनके डाक घर में नहीं है। इसकी खोज के लिए दि. 23.06.1998 को पत्र लिखा गया। पोस्ट आफिस एक्ट की धारा 6 के अनुसार गलत वितरण विलम्ब आदि के लिए पोस्ट आफिस उत्तरदायी नहीं है। वादी ने प्रापक को पार्टी भी नहीं बनाया है, इसलिए परिवाद निरस्त होने योग्य है।
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5. परिवाद संख्या 130/98 के तथ्य भी एक पार्सल के प्रेषित करने के संबंध में है जो कभी भी प्राप्त नहीं हुआ। विपक्षी द्वारा इस परिवाद का वही उत्तर दिया गया है, जिसका उल्लेख ऊपर दिया गया है।
6. परिवाद संख्या 131/98 में जो पार्सल प्रेषित किया गया है, उसकी कीमत रू. 4000/- बताई गई है। विपक्षी की ओर से इस परिवाद का वही उत्तर दिया गया है, जिसका उल्लेख ऊपर किया गया है।
7. दोनों पक्षकार के साक्ष्य पर विचार करने के पश्चात जिला उपभोक्ता मंच द्वारा यह निर्णय/आदेश पारित किया गया है। पोस्ट आफिस पार्सल न देने के लिए उत्तरदायी है और तदनुसार पार्सल राशि को वापस लौटाने का आदेश पारित किया गया है, जिसका उल्लेख ऊपर किया गया है।
8. जिला उपभोक्ता मंच मथुरा द्वारा पारित निर्णय व आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि यह आदेश विधि विरूद्ध हे। पोस्ट आफिस एक्ट के प्रावधानों के विरूद्ध है, जो अपास्त होने योग्य है।
9. केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गई। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया।
10. पोस्ट आफिस एक्ट की धारा 6 में व्यवस्था दी गई है कि किसी डाक के विलम्ब या गुम होने आदि के संबंध में पोस्ट विभाग उत्तरदायी नहीं है। इस धारा की व्याख्या करने से स्पष्ट होता है कि पोस्ट आफिस से केवल वह राशि वापस प्राप्त की जा सकती है जो राशि डाक खर्च के रूप में खर्च की गई है न कि पार्सल में वर्णित राशि, अत: अपील इस सीमा तक स्वीकार होने योग्य है कि परिवादी केवल डाक खर्च की राशि तथा इस राशि पर जिला उपभोक्ता मंच द्वारा निर्धारित ब्याज एवं वाद व्यय प्राप्त करने के
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लिए अधिकृत है। तदनुसार उपरोक्त अपीलें आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
11. उपरोक्त सभी अपीलें आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला मंच द्वारा पारित निर्णय व आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी केवल डाक खर्च राशि तथा इस राशि पर 12 प्रतिशत ब्याज परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से अंतिम भुगतान की तिथि तक प्राप्त करेंगे। वाद व्यय के संबंध में जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित आदेश पुष्ट किया जाता है।
इस निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्ध करा दी जाए।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार) सदस्य सदस्य
राकेश, पी0ए0-2
कोर्ट-2