
MANOJ KUMAR SIGNH filed a consumer case on 05 Jan 2024 against UP SEHKARI GRAMIN VIKAS BANK in the Bareilly-II Consumer Court. The case no is MA/18/2023 and the judgment uploaded on 06 Jan 2024.
परिवादी सहित अधिवक्ता श्री हरीश सिंह।
परिवाद के अंगीकरण के बिन्दू पर तर्क सुने। प्रस्तुत परिवादपत्र के अनुसार परिवादी ने विपक्षीगण उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम वकास बैंक से रू. 1,90,000/- का ऋण लिया था जिसमे से वह रू. 1,04,000/- की अदायगी कर चुका है तथा शेष राशि ब्याज सहित वसूली किए जाने की कार्यवाही विपक्षीगण द्वारा प्रारम्भ कर दी गई है।
वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण एवं पुनर्गठन और प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (The Securitisation and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act, 2002 जिसे संक्षेप में SARFESI ACT कहा जाता है, के अतंर्गत बैंक द्वारा ऋण वसूली की कार्यवाही की अपील उक्त अधिनियम की धारा 18 के अंतर्गत 30दिन के भीतर ऋण वसूली प्राधिकरण (डी.आर.टी) के समक्ष ही की जा सकती है। उक्त अधिनियम की धारा 34 के अंतर्गत ऋण की रिकवरी के विरूद्ध सिविल कोर्ट को सुनवाई की कोई अधिकारिता नहीं है। उक्त अधिनियम की धारा 35 के अंतर्गत यह भी प्रावधानित है कि इस अधिनियम के प्रावधान अन्य विधियों पर अभिभावी होंगे।
निर्णय बैंक आफ इण्डिया बनाम रविन्द्ररन शंकरराम REVISION PETITION NO. 4502/2013 में मा. राष्ट्रीय आयोग ने यह सिद्वांत प्रतिपादित किया है कि SARFESI ACT 2002 की धारा 34 के अंतर्गत सिविल न्यायालय के साथ-साथ उपभोक्ता आयोग को भी सुनवाई की क्षेत्राधिकार न होने के कारण परिवाद पंजीकरण योग्य न पाते हुए, खारिज किया जाता है। अभिलेख दाखिल दफ्तर हो।
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.