मौखिक
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 552/07 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.02.2012 के विरूद्ध)
अपील संख्या 658 सन 2012
डा0 मधुर मोहन पुत्र श्री बी0एस0 श्रीवास्तव, निवासी सी-16, के रोड, महानगर इक्सटेंशन, महानगर, लखनऊ ।
.......अपीलार्थी/परिवादी
-बनाम-
1. यूनाइटेड इन्स्टीटयूट आफ मैनेजमेंट द्वारा डाइरेक्टर, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश।
2. रजिस्ट्रार, यू0पी0 टेक्निकल यूनीवर्सिटी, आई0ई0टी0 कैम्पस, सीतापुर रोड,
लखनऊ ।
. .........प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष:-
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
मा0 श्री गोवर्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता - श्री एम0एन0 मिश्रा।
प्रत्यर्थी की ओर से प्रबन्धक - श्री लाल मणि मिश्रा।
दिनांक:-10.12.2019
श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, द्वितीय, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या 552/07 में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.02.2012 के विरूद्ध योजित की गयी है ।
प्रश्नगत परिवाद में अपीलकर्ता/परिवादी ने प्रत्यर्थी संख्या 01 के विद्यालय में प्रवेश हेतु 30 हजार रू0 जमा किए थे जिसकी वापसी हेतु जिला मंच में परिवाद योजित किया गया ।
अपीलकर्ता/परिवादी के कथनानुसार यूनाइटेड इन्स्टीटयूट आफ मैनेजमेंट ग्रेटर नोएडा के विद्यालय में मैनेजमेंट कोर्स में उसने प्रवेश नहीं लिया था और स्टूडेंट एकाउण्ट प्रोविन्शियल फंड में जमा धनराशि प्रत्यर्थी/विपक्षीगण द्वारा वापस न करने पर जिला मंच में परिवाद योजित किया था किंतु जिला मंच ने इस आधार पर परिवाद निरस्त कर दिया कि परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार जिला मंच लखनऊ को प्राप्त नहीं है। इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी है।
हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री एम0एन0 मिश्रा एवं प्रत्यर्थी संख्या 01 के विद्यालय के प्रबन्धक श्री लालमणि मिश्रा के तर्क सुने।
अपीलकर्ता के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रत्यर्थी संख्या 01 का विद्यालय, प्रत्यर्थी संख्या 02, विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है, अत: लखनऊ के उपभोक्ता मंच को परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त है। जिला मंच द्वारा क्षेत्राधिकार के अभाव में परिवाद निरस्त करके त्रुटि की गयी है।
यह तथ्य निर्विवाद है कि प्रत्यर्थी संख्या 01 का विद्यालय ग्रेटर नोएडा में स्थित है। प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा 30 हजार रू0 फीस के रूप में प्रत्यर्थी संख्या 01 के विद्यालय में ही जमा किए, अत: मात्र इस आधार पर कि प्रत्यर्थी संख्या 01 का विद्यालय, प्रत्यर्थी संख्या 02 विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है, जिला मंच को प्रश्नगत परिवाद की सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त होना नहीं मान जा सकता। प्रस्तुत प्रकरण में वाद कारण जिला मंच लखनऊ के क्षेत्राधिकार में उत्पन्न होना सिद्ध नहीं हो रहा है। जिला मंच द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय त्रुटिपूर्ण नहीं है।
अत: प्रस्तुत अपील खारिज किए जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खारिज की जाती है। अपीलकर्ता/परिवादी सक्षम क्षेत्र के मंच में परिवाद योजित करने के लिए स्वतंत्र है ।
उभय पक्ष इस अपील का अपना अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
कोर्ट-2
(S.K.Srivastav,PA)