S.S. TRADERS filed a consumer case on 26 May 2022 against UNITED INDIA INSURANCE in the Bareilly-II Consumer Court. The case no is CC/67/2020 and the judgment uploaded on 02 Jun 2022.
Uttar Pradesh
Bareilly-II
CC/67/2020
S.S. TRADERS - Complainant(s)
Versus
UNITED INDIA INSURANCE - Opp.Party(s)
VIVEK SHEGAL
26 May 2022
ORDER
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- द्वितीय, बरेली।
उपस्थित :- 1- दीपक कुमार त्रिपाठी अध्यक्ष
2- दिनेश कुमार गुप्ता सदस्य
3- कुसुम सिंह सदस्य
परिवाद सं0 : 67/2020
मैसर्स एस.एस. ट्रेडर्स ईटपजाया चौराहा 442, कांकरटोला टोला श्यामगंज, थाना बारादरी, जिला बरेली। द्वारा सलीम मियां आर्नर एण्ड प्रोपराइटर।
..................परिवादी
प्रति
1. यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी लि. द्वारा डिवीजनल मैनेजर, डिवीजन आफिस 165-आर.एस. टावर सिविल लाइन, स्टेशन रोड़, बरेली।
2. सिंडीकेट बैंक द्वारा ब्रांच मैनेजर, स्टेशन रोड़, जिला बरेली।
.................विपक्षीगण
निर्णय उद्घोषित करने की तिथि 26.05.2022
निर्णय
1. परिवादी ने विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 35 के अंतर्गत यह परिवाद ैवचाममचमत प्देनतंदबम चवसपबल के अंतर्गत बीमित माल की अग्नि में क्षति होने के बावजूद क्लेम न दिए जाने के कृत्य को सेवा में कमी के अंतर्गत बीमित माल क्षति रू. 26,44,000/-, सेवा में कमी एवं अनुचित व्यवहार हेतु क्षतिपूर्ति रू. 75,000/- एवं परिवाद व्यय रू. 50,000/- दिलाए जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है।
2. परिवादी सलीम मियांॅ का मैसर्स एस.एस. ट्रडर्स ईटपजाया चौराहा, 442 कांकरटोला श्यामगंज थाना बारादरी, जिला बरेली के नाम से केन फर्नीचर का व्यवसाय होना, उक्त व्यवसाय विपक्षी क्रमांक 2 से ऋण प्राप्त कर परिवादी द्वारा संचालित किया जाना, विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा परिवादी के पक्ष में ैवचाममचमत प्देनतंदबम चवसपबल क्रमांक 0805002619च्102020973 समयावधि दिनांक 10.05.2019 से 09.05.2020 तक के लिए जारी किया जाना, उक्त बीमित अवधि के दौरान दिनांक 07.10.2019 को बीमित माल में आग लग जाने से माल जल माना, परिवादी द्वारा विपक्षी क्रमांक 2 बैंक के माध्यम से बीमा कम्पनी विपक्षी क्रमांक 1 को सूचित किया जाना तथा विपक्षी क्रमांक 1 के मण्डलीय कार्यालय द्वारा दुर्घटना के सर्वे हेतु राजीव कुमार का सर्वेयरे अधिकृत किया जाना एवं सर्वे में रू. 26,44,000/- का नुकसान पाया जाना स्वीकृत तथ्य है।
3. कंडिका 2 में उल्लिखित स्वीकृत तथ्यों के अलावा प्रस्तुत परिवाद संक्षेप में इस प्रकार है कि बीमा अवधि के दौरान दिनांक 07.10.2019 की रात्रि बीमित स्टॉक में आग लगने की सूचना सुबह 4ः30 बजे प्राप्त होने पर परिवादी ने फायर बिग्रेड को सूचित कर बुलाया। फायर बिग्रेड ने भी आग बुझाने का पूरा प्रयास किया लेकिन आग से रू. 26,44,000/- का माल जलकर राख में बदल गया। परिवादी ने विपक्षी क्रमांक 2 जो विपक्षी क्रमांक 1 का एजेंट था, के समक्ष सभी आवश्यक कागजी कार्यवाही कर विपक्षी क्रमांक 1 को सूचित किया गया किन्तु विपक्षी क्रमांक 2 ने पत्र दिनांक 07.12.2019 के माध्यम से परिवादी को सूचित किया कि उसका क्लेम विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा निरस्त कर दिया गया है, जिसका कारण यह दर्शित किया है कि जिस दुकान का बीमा कराया गया है, उसमें आग नहीं लगी बल्कि अन्य स्थान में आग लगने पर क्षति हुई।
आगे परिवाद यह है कि परिवादी ने माह सितम्बर,2018 से किराए पर लिए गोदाम में अपना माल रखा था जिसका विपक्षी क्रमांक 2 के ब्रांच मैनेजर ने प्देचमबजपवद भी किया था तथा माल का विपक्षी क्र्रमांक 1 से बीमा करवाया था। विपक्षी क्रमांक 1 व 2 संयुक्तः तथा पृथकतः सेवा में कमी तथा अनुचित व्यापार व्यवहार हेतु उत्तरदायी है। अतः विपक्षीगण से रू. 26,44,000/- माल की क्षति, रू. 75,000/- सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार की क्षतिपूर्ति तथा रू. 50,000/- वाद व्यय दिलाया जावे।
4. विपक्षी क्रमांक 1 ने निर्णय क्रमांक 2 की कंडिका के स्वीकृत तथ्यों के अलावा परिवाद में उल्लिखित शेष समस्त तथ्यों से इंकार करते हुए प्रस्तुत जवाबदावा के अतिरिक्त कथन में संक्षेप में यह उल्लेख किया है कि उसके द्वारा जारी ैवचाममचमत प्देनतंदबम चवसपबल मैसर्स एस.एस. ट्रडर्स ईट पजाया चौराहा, 442 कांकरटोला श्यामगंज थाना बारादरी, जिला बरेली के पक्ष में जारी की गई थी तथा पालिसी के अनुसार जोखिम भी 442, कांकरटोला तक ही सीमित था जिसका उल्लेख बीमा पालिसी की शर्तो में स्पष्ट रूप से है। बीमित स्थान के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकार की क्षति के लिए विपक्षी क्रमांक 1 जिम्मेदार नहीं हे। सर्वेयर राजीव कुमार ने अपने सर्वे में पाया कि जारी पालिसी एस.एस. ट्रेडर्स ईंटपजाया चौराहा, 442 कांकर टोला, श्यामगंज, बरेली में दिनांक 07.10.2019 को आग लगने जैसी कोई घटना घटित नहीं हुई बल्कि आग लगने की घटना 442 कांकर टोला के सामने मुन्ने के मकान में घटित हुई जिसे मैसर्स एस.एस. ट्रेडर्स के प्रोपराइटर सलीम मियॉं ने गोदाम हेतु किराए पर लिया था जोकि विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा बीमित नहीं था। परिवादी ने अपने उक्त प्रतिष्ठान के सामने मुन्ने पुत्र अहमद हुसैन निवासी कांकरटोला पुराना शहर, बरेली से उनके मकान में बने गोदाम को रू. 6,000/- प्रतिमाह किराए पर दिनांक 16.08.2019 से 11 माह के लिए लिया था तथा दिनांक 07.10.2019 को घटित घटना उसी गोदाम में घटित हुई जिसका विपक्षी क्र्रमांक 1 द्वारा जारी पालिसी से कोई संबंध नहीं है। उक्त घटना बीमित प्रतिष्ठान पर घटित न होकर अन्य स्थान पर घटित हुई जोकि विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा बीमित नही था और न ही उसकी क्षतिपूर्ति के लिए कोई जिम्मेदारी है।
विपक्षी क्रमांक 1 ने जवाबदावा में आगे यह भी उल्लेख किया है कि उसके द्वारा दिनांक 10.05.2019 को ैवचाममचमत प्देनतंदबम चवसपबल परिवादी के पक्ष में जारी की थी जिसकी समयावधि दिनांक 10.05.2019 से दिनांक 09.05.2020 तक थी। परिवादी ने उक्त समयावधि के मध्य दिनांक 16.08.2019 को मुन्ने पुत्र अहमद हुसैन से उसका मकान गोदाम हेतु किराए पर लिया किन्तु उक्त के संबंध में परिवादी अथवा विपक्षी क्रमांक 2 में से किसी के द्वारा विपक्षी क्रमांक 1 को इस तथ्य की जानकारी नहीं दी गई। परिवादी ने स्वयं स्वीकार किया है कि उसका सारा स्टॉक हमेशा किराए के लिए गए गोदाम जिसे माह सितम्बर,2018 में लिया था, रखा जाता था। किन्तु परिवादी ने दिनांक 16.08.2019 को किराए पर लिए गए गोदाम के संबंध में विपक्षी क्रमांक 1 से जानकारी जानबूझकर छिपाई्र। विपक्षी क्रमांक 1 ने परिवादी के प्रति अपनी सेवा में कोई त्रुटि नहीं की। दुर्घटना की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल सर्वे कराया, सर्वे रिपोर्ट के आधार पर बीमित स्थान पर आग न पाते हुए उचित रूप से क्लेम निरस्त किया गया। परिवाद स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है। परिवाद सव्यय निरस्त किया जाए।
5. विपक्षी क्रमांक 2 ने निर्णय क्रमांक 2 की कंडिका में उल्लिखित स्वीकृत तथ्यों के अलावा परिवादपत्र में उल्लिखित शेष तथ्यों से इंकार करते हुए प्रस्तुत जवाबदावा में यह उल्लेख किया है कि वह विपक्षी क्रमांक 1 का एजेंट नहीं हे। चूॅंकि परिवादी ने उसके यहॉं से ऋण लिया था अतः विपक्षी क्रमांक 2 ने सहयोग कर विपक्षी क्रमांक 1 से बीमा कराया। विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा बीमा क्लेम नकारे जाने के संबंध में जो पत्र उसे विपक्षी क्रमांक 1 ने दिया, वह उसने परिवादी को उपलब्ध करा दिया था। परिवादी ने विपक्षी क्रमांक 2 के यहॉं ऋण हेतु जो प्रार्थनापत्र दिनांक 14.02.2019 को दिया था उसमें लिखे अनुसार परिवादी बेंत का कारोबार मैसर्स एस.एस. ट्रेडर्स के नाम से ईट पजाया का चौराहा 442, कांकर टोला बरेली में करता था जिसका परिवादी मालिक व प्रोपराइटर था। विपक्षी क्रमांक 2 ने दिनांक 29.03.2019 को परिवादी को रू. 20,00,000/- का ऋण दिया जिसके संबंध में परिवादी ने कम्पोजिट हाईपोथिकेशन एग्रीमेंट बैंक के हक में निष्पादित किया है जिसके अंतर्गत ऋण की अदायगी मय ब्याज के परिवादी को करनी है। परिवादी का स्टॉक विपक्षी क्रमांक 1 के यहॉं बीमित था यदि कोई क्लेम देय होता है तो उसकी जवाबदेही विपक्षी क्रमांक 1 बीमा कम्पनी की होती हे। परिवादी द्वारा कारोबार के संबंध में जो पता बैंक में लिखकर दिया गया, उसी पते पर परिवादी बैंक द्वारा निरीक्षण किए जाने पर कारोबार करते हुए पाया गया। परिवादी की यूनिट का दिनांक 30.03.2019 को मौके पर निरीक्षण किया गया था तो परिवादी ईंट पजाया चौराहा, स्टेडियम रोड़, 442 कांकर टोला बरेली में अपना कारोबार कर रहा था। परिवादी ने विपक्षी क्रमांक 2 को अनावश्यक रूप से पक्षकार बनाया है।
6. परिवादी सलीम मियॉं ने अपने परिवादपत्र के समर्थन में स्वयं का शपथपत्र, पृष्ठ क्रमांक 15/1 लगायत 15/5 प्रस्तुत किया है जिसके साथ दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में बीमा पालिसी की प्रति पृष्ठ क्रमांक 16, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, बरेली की स्पेशल फायर रिपोर्ट पृष्ठ क्रमांक 17/1 व 17/2, विपक्षी क्रमांक 2 द्वारा परिवादी की ओर से संबंधित गोदाम में आग लग जाने की सूचना विपक्षी क्रमांक 1 को प्रेषित किए जाने की सूचना पृष्ठ क्रमांक 18, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा पावती स्लिप पृष्ठ क्रमांक 19, थाना बारादरी के रोजनामचा सं. 013 पर की गई रिपोर्ट दिनांक 07.10.2019 की प्रति पृष्ठ क्रमांक 20, किराएनामा दिनांक 16.08.2019 पृष्ठ क्रमांक 22/1 व 22/2, किराएनामा दिनांक 16.09.2018 पृष्ठ क्रमांक 23/1 व 23/2 प्रस्तुत किया है।
विपक्षी क्रमांक 1 ने पक्ष के समर्थन में सगीर कुमार घोषाल, मैनेजर का शपथपत्र पृष्ठ क्रमांक 29/1 व 29/2, नियुक्त सर्वेयर राजीव कुमार की सर्वे रिपोर्ट पृष्ठ क्रमांक 30/1 लगायत 30/6 प्रस्तुत किया है।
विपक्षी क्रमांक 2 ने अपने पक्ष समर्थन में इरफान खान, प्रबंधक, केनरा बैंक का शपथपत्र प्ाष्ठ क्रमांक 25/1 लगायत 25/3, च्तम ैंदबजपवद प्देचमबजपवद त्मचवतज दिनांक 1.02.2019 पृष्ठ क्रमांक 26 तथा न्दपज ैंदबजपवद प्देचमबजपवद त्मचवतज पृष्ठ क्रमांक 27/1 व 27/2 प्रस्तुत किए है।
7. परिवाद के निस्तारण हेतु निम्नलिखित विचारणीय प्रश्न उत्पन्न होते हैः-
प्रथम क्या विपक्षीगण द्वारा परिवादी के प्रति सेवा में काई कमी
की गई है?
द्वितीय यदि हॉं तो क्या परिवादी, विपक्षीगण से बीमित माल की
हानि रू. 26,44,000/-, सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापार
व्यवहार में क्षति रू. 75,000/- एवं वाद व्यय रू. 50,000/-
प्राप्त करने का अधिकारी है?
8. प्रथम विचारणीय प्रश्न पर विवेचना एवं निष्कर्ष
स्वीकृत तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में बिना किसी अन्य प्रमाण के यह प्पर्याप्त रूप से प्रमाणित होता है कि परिवादी ने केन फर्नीचर का व्यवसाय करने हेतु विपक्षी क्रमांक 2 से रू. 20,00,000/- का ऋण प्राप्त किया था तथा विपक्षी क्रमांक 2 के माध्यम से विपक्षी क्रमांक 1 बीमा कम्पनी से माल का बीमा दिनांक 10.05.2019 से दिनांक 09.05.2020 तक के लिए कराया था। उक्त परिप्रेक्ष्य में यह भी पर्याप्त रूप से प्रमाणित होना पाया जाता है कि दिनांक 07.10.2019 को परिवादी के गोदाम में आग लगी जिससे सारा माल जलकर राख हो गया। यह भी प्रमाणित पाया जाता है कि आग लगने की उक्त घटना दिनांक 07.10.2019 विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा बीमित समयावधि दिनांक 10.05.2019 से दिनांक 09.05.2020 के अंतर्गत दी थी। यह भी प्रमाणित होता है कि परिवादी द्वारा ऋण लेने वाले बैंक विपक्षी क्रमांक 2 के माध्यम से विपक्षी क्रमांक 1 को सूचित कया गया तथा विपक्षी क्रमांक 1 के मण्डलीय कार्यालय द्वारा दुर्घटना की सर्वे में राजीव कुमार को अधिकृत किया था।
एक मात्र विवाद शेष रह जाता है कि विपक्षी क्रमांक 1 के अनुसार परिवादी को दिनांक 10.05.2019 को शाप कीपर पालिसी जारी की गई जिसकी समयावधि दिनांक 10.05.2019 से दिनांक 09.05.2020 तक थी। परिवादी ने उक्त समयावधि के मध्य दिनांक 16.08.2019 को मुन्ने पुत्र अहमद हुसैन से उसका मकान वास्ते गोदाम किराए पर लिया किन्तु उक्त के संबंध में न तो परिवादी ने और न ही विपक्षी क्रमांक 2 द्वारा इसकी जानकारी विपक्षी क्रमांक 1 को नहीं दी गई तथा यह भी उल्लेख किया है कि परिवादी ने परिवादपत्र के पैरा 9 में स्वयं स्वीकार किया है कि उसका सारा स्टॉक स्वयं किराए पर लिए गए गोदाम जिसे माह सितम्बर,2018 में लिया गया था, रखा गया था किन्तु परिवादी ने बीमा कम्पनी से उक्त महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाया जोकि पालिसी की शर्तो का उल्लंघन की श्रेणी में आता है। परिवादी ने बीमा पालिसी दिनांक 10.05.2019 को प्राप्त की जबकि परिवादी ने उक्त किराए का गोदाम दिनांक 16.08.2019 को किराए पर लिया जिसकी सूचना विपक्षी क्रमांक 1 को नहीं दी, जोकि नियमानुसार दी जानी आवश्यक थी।
परिवादी की ओर किराएनामा दिनांक 16.08.2019 पृष्ठ क्रमांक 22/1 व 22/2 तथा किराएनामा दिनांक 16.09.2018 पृष्ठ क्रमांक 23/1 व 23/2 प्रस्तुत किए है। दोनो किराएनामों के अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादी से पूर्व में दिनांक 16.09.2018 को किरायानामा पृष्ठ क्रमांक 23/1 व 23/2 के अनुसार दिनांक 16.09.2018 को मुन्ने पुत्र अहमद हुसैन निवासी कांकर टोला पुराना शहर, जिला बरेली से 1 किता गोदाम 100 वर्गगज कॉंकर टोला पुराना शहर, बरेली व तकरूर जरे किराया रू. 5,700/- माहवार के हिसाब से 11 माह के किराए पर लिया था तथा उक्त अवधि पूर्ण होने पर दिनांक 16.08.2019 को पुनः उसी मकान मालिक मुन्ने पुत्र अहमद हुसैन निवासी कॉंकर टोला पुरानाशहर, बरेली रू. 6,000/- मासिक किराए पर अगले 11माह के लिए लिया था। उक्त किराएनामा दिनांक 16.08.2019 पृष्ठ सं. 21/1 व 22/2 के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि 100 वर्ग गज का वह मकान है जो गोदाम के रूप में परिवादी ने पुनः 11माह के किराए का इकरारनामा किया है।
अतः विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा क्लेम निरस्त किए जाने का दर्शित किया गया कारण व्यर्थ होना प्रकट होता हे। यदि तर्क के लिए एक बार यह मान भी लिया जाए कि बीमा कराते समय स्टॉक जिस स्थान पर रखा हुआ था उससे भिन्न स्थान पर रखा गया तो उस दूसरे स्थान पर माल रखने पर माल नष्ट हुआ तो भी उक्त तकनीकी बिन्दु के आधार पर क्लेम निरस्त किए जाने का कोई औचित्य नहीं था। इस संबंध में निर्णय विधि मा. राष्ट्रीय आयोग, नईदिल्ली द्वारा प्रकरण नेशनल इंश्योरेंस कं.लि. बनाम शार्प लाइन इलैक्ट्रानिक्स पअ ;2008द्ध ब्च्श्र 93 ;छब्द्ध अवलोकनीय है जिसमें स्पष्ट रूप से यह सिद्धांत प्रतिपादित किए है किः-
उपरोक्त प्राप्त निष्कर्ष से यह भलीभॉति सिद्ध होता है कि विपक्षी क्रमांक 1 बीमा कम्पनी ने परिवादी द्वारा बीमित माल आग में नष्ट हो जाने पर, विधिवत चाहें गए क्लेम के अनुसार तथ्यों के आधार पर निरस्त किए जाने पर, जहॉं सेवा में कमी है वहीं दूसरी ओर अनुचित व्यापार व्यवहार भी परिवादी के प्रति किया है। इस प्रकार से प्रथम विचारणीय प्रश्न पर यह सकारात्मक निष्कर्ष प्राप्त होता है कि विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा परिवादी के प्रति सेवा में कमी की गई है एवं अनुचित व्यापार व्यवहार किया गया हे।
विपक्षी क्रमांक 2 द्वारा परिवादी के प्रति सेवा में कमी किया जाना एवं अनुचित व्यापार व्यवहार किया जाता प्रमाणित नहीं होता है।
9. द्वितीय विचाराणीय प्रश्न पर विवेचना एवं निष्कर्ष
विचारणीय प्रश्न क्रमांक 1 पर प्राप्त निष्कर्ष के अनुसार विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा परिवादी के प्रति सेवा में कमी किया जाना तथा अनुचित व्यापार व्यवहार किए जाने के कारण ही परिवादी विपक्षी क्रमांक 1 से उचित क्लेम तथा क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का अधिकारी होना पाया जाता है।
अग्निशमन अधिकारी द्वारा दिनांक 07.10.2019 में लेख किया गया स्पेशल फायर रिपोर्ट पृष्ठ क्रमांक 17/1 व 17/2 के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि अग्निशमन अधिकारी ने अपनी जांच कर रू. 26,44,000/- की क्षति पाई थी। विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा नियुक्त सर्वेयर राजीव कुमार की रिपोर्ट पृष्ठ क्रमांक 30/1 लगायत 30/6 में परिवादी को रू. 26,44,000/- की क्षति होना निर्धारित किया गया है। अतः बीमित माल की क्षति रू. 26,44,000/- परिवादी बीमा कम्पनी विपक्षी क्रमांक 1 से प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है।
विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा परिवादी के प्रति सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार की क्षतिपूर्ति रू. 75,000/- परिवादी द्वारा दिलाए जाने की प्रार्थना की गई है जोकि कुछ अधिक होना प्रकट होती है। परिवादी का क्लेम विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा अनुचित रूप से निरस्त किए जाने के कारण परिवादी को जिला उपभोक्ता आयोग की शरण लेनी पड़ी हे। इसके बावजूद भी विपक्षी क्रमांक 1 ने परिवादी को क्षतिपूर्ति प्रदान न करते हुए पूरे प्रकरण में क्षतिपूर्ति दिए जाने का विरोध किया है। विपक्षी क्रमांक 1 द्वारा क्लेम निरस्त किए जाने हेतु दिए गए तर्क असत्य होना साबित होता है। अतः परिवादी को विपक्षी क्रमांक 1 से रू. 50,000/- सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार हेतु क्षतिपूर्ति दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है।
10. उपरोक्त दोनो विचारणीय बिन्दुओं पर प्राप्त निष्कर्ष के परिणामस्परूप परिवादी द्वारा प्रस्तुत धारा35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम2019 के अंतर्गत प्रस्तुत परिवाद अंशतः स्वीकार करते हुए परिवादी के पक्ष में एवं विपक्षी क्रमांक 1 यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कं. लि. के विरूद्ध निम्न आशय का आदेश पारित किया जाता हैः-
प्रथम यहकि विपक्षी क्रमांक 1 युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी 30 दिवस के भीतर परिवादी को रू. 26,44,000/- (छब्बीस लाख चौवालीस हजार) बीमित माल की क्षतिपूर्ति स्वरूप प्रदान करेगा।
द्वितीय यहकि विपक्षी क्रमांक 1 यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी 30 दिवस के भीतर परिवादी को सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापार व्यवहार की क्षतिपूर्ति रू. 50,000/- (पचास हजार) प्रदान करेगा।
तृतीय यहकि विपक्षी क्रमांक 1 युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी 30 दिवस के भीतर परिवादी को वाद व्यय के रूप में रू. 5,000/- (पॉंच हजार) प्रदान करेगा।
चतुर्थ यहकि आदेश की कंडिका 1 व 2 की क्षतिपूर्ति एक माह के भीतर न किए जाने की दशा में परिवादी उक्त दोनों की क्षतिपूर्ति राशि पर आदेश दिनांक से दावे की अदायगी की तिथि तक 09प्रतिशत वार्षिक दर पर ब्याज भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
(कुसुम सिंह) (दिनेश कुमार गुप्ता) (दीपक कुमार त्रिपाठी)
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