न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम, चन्दौली।
परिवाद संख्या 72 सन् 2016ई0
रामचन्द्र यादव,पुत्र स्व0 नन्हकू यादव निवासी शिवनाथपुर पो0 पचोखर जिला चन्दौली।
...........परिवादी बनाम
शाखा प्रबन्धक यूनाइटेड इण्डिया इश्योरेंस कम्पनी लि0 कार्यालय नईबस्ती (बेचूपुर)जी0टी0रोड मुगलसराय जिला चन्दौली।
.............................विपक्षी
उपस्थितिः-
रामजीत सिंह यादव, अध्यक्ष
लक्ष्मण स्वरूप सदस्य
निर्णय
द्वारा श्री रामजीत सिंह यादव,अध्यक्ष
1- परिवादी ने यह परिवाद विपक्षी से मृतक भैस की कीमत रू0 50000/-वाद व्यय हेतु रू0 5000/-,मानसिक व शारीरिक क्षति हेतु रू0 20000/-एवं भाग दौड में खर्च हेतु रू0 5000/- कुल रूपया 80,000/- मय 15प्रतिशत व्याज के साथ दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया है।
2- परिवादी द्वारा संक्षेप में कथन किया गया है कि परिवादी ने सामान्य डेयरी योजना के अर्न्तगत अपने जीविकोपार्जन हेतु भैस क्रय किया था जिसका जिसका स्वास्थ्य परीक्षण पशु चिकित्साधिकारी चन्दौली से कराने के बाद विपक्षी के अधिकृत अधिकारी/एजेण्ट द्वारा देखने के बाद ब्लाक के माध्यम से बीमा कराया गया और भैस को छल्ला पहनाया गया, जिसका छल्ला क्रमांक यू0आई0ओ0 81000/8208 था। परिवादी की उक्त छल्ला क्रमांक की भैस दिनांक 7-11-2015 को बीमार पड गयी,जिसका इलाज भी कराया किन्तु इलाज के दौरान दिनांक 7-11-2015 को समय लगभग 2 बजे दोपहर में उक्त भैस मर गयी, जिसका शव परीक्षण धानापुर चन्दौली के पशुचिकित्साधिकारी द्वारा किया गया। परिवादी ने अपने भैस की मृत्यु की सूचना दिनांक 10-11-2015 को रजिस्टर्ड डाक से विपक्षी को दिया। विपक्षी के अन्वेषक द्वारा मांगे गये सम्पूर्ण आवश्यक कागजात मय कान सहित छल्ला दिनांक 20-1-2016 को विपक्षी के अन्वेषक/अधिवक्ता ज्ञानेन्द्र दूबे को उपलब्ध कराया। तत्पश्चात विपक्षी से बीमा दावा के भुगतान हेतु मांग किया। विपक्षी द्वारा परिवादी के बीमा दावा के भुगतान हेतु अपने कार्यालय बुलाया गया तथा आश्वासन दिया गया कि आपके दावे का भुगतान कर दिया जायेगा। परिवादी विपक्षी के कार्यालय में बार-बार दौडता रहा किन्तु विपक्षी ने परिवादी के दावे का भुगतान नहीं किया। तब परिवादी ने विपक्षी को दिनांक 3-8-2016को रजिस्टर्ड डाक से बीमा दावे के 15 दिन में भुगतान हेतु नोटिस दिया लेकिन नोटिस भेजने के लगभग 2 माह बीत जाने के बाद भी विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी तब परिवादी द्वारा यह परिवाद दाखिल किया गया है।
3- विपक्षी को इस फोरम द्वारा रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजी गयी जो उन पर तामिल भी हुई किन्तु विपक्षी की ओर से न तो कोई हाजिर आया न ही
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जबाबदावा दाखिल किया गया। अतः यह परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय सुना गया।
4- परिवादी की ओर से अपने अभिकथनों के समर्थन में स्वयं परिवादी का शपथ पत्र दाखिल किया गया है तथा दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में भैस के शव परीक्षण रिर्पोट की छायाप्रति, क्लेम फार्म की छायाप्रति,दावा प्रपत्र की छायाप्रति,पशु चिकित्साधिकारी चन्दौली द्वारा भैस के मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति,परिवादी द्वारा भैस के मरने की सूचना विपक्षी को देने के प्रार्थना पत्र की छायाप्रति,रजिस्ट्री रसीद की छायाप्रति,पालिसी बाण्ड की छायाप्रति,भैस के स्वस्थता के प्रमाण पत्र की छायाप्रति, अन्वेषक ज्ञानेन्द्र नाथ दूबे द्वारा परिवादी को प्रेषित पत्र की छायाप्रति,नोटिस एवं रजिस्ट्री रसीद की छायाप्रति दाखिल की गयी है।
5- परिवादी के अधिवक्ता की बहस सुनी गयी है। पत्रावली का सम्यक रूपेण परिशीलन किया गया है।
6- परिवादी का अभिकथन है कि उसने जीविकोपार्जन हेतु सामान्य डेयरी योजना के अर्न्तगत एक भैस खरीदा था जिसका रू0 50000/- का बीमा विपक्षी यूनाइटेड इण्डिया इश्योरेंस कम्पनी लि0 से कराया था। उक्त भैस की बीमारी के कारण दिनांक 7-11-2015 को मृत्यु हो गयी जिसका शव परीक्षण पशुचिकित्साधिकारी धानापुर चन्दौली द्वारा किया गया और जिसकी सूचना विपक्षी को दी गयी। विपक्षी के अन्वेषक द्वारा मांगे गये सम्पूर्ण कागजात भी उन्हें उपलब्ध कराया इसके बावजूद विपक्षी बीमा कम्पनी बीमा क्लेम का पैसा अदा नहीं किया। अतः परिवादी ने यह परिवाद दाखिल किया। अपने परिवाद के समर्थन में परिवादी रामचन्द्र यादव ने अपना शपथ पत्र भी दाखिल किया है जिससे परिवाद के अभिकथनों की पुष्टि होती है इसके अतिरिक्त दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में जो सबूत दाखिल किये गये है जिनका विवरण ऊपर दिया जा चुका है के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि उक्त भैस की मृत्यु दिनांक 7-11-2015 को हुई है और परिवादी ने भैस का जो बीमा विपक्षी बीमा कम्पनी से कराया है वह दिनांक 19-12-2014 से 18-12-2015 के मध्य रात्रि तक के लिए वैध था। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों से यह सिद्ध है कि परिवादी के भैस की मृत्यु दिनांक 7-11-2015 को हुई है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि जिस समय भैस की मृत्यु हुई उस समय बीमा वैध था अतः विपक्षी बीमा पालिसी के तहत रू0 50000/-की क्षतिपूर्ति परिवादी को देने के लिए विधिक रूप से बाध्य है। प्रस्तुत मामले में विपक्षी नोटिस के बावजूद न तो उपस्थित हुआ है और न ही उसकी ओर से कोई आपत्ति या साक्ष्य दाखिल किया गया है। इस प्रकार पत्रावली में परिवादी की ओर से दिये गये साक्ष्य अखण्डित है और उन पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है।
ऐसी स्थिति में फोरम की राय में परिवादी का परिवाद एक पक्षीय व आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य पाया जाता है।
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आदेश
परिवादी का परिवाद एक पक्षीय व आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी यूनाइटेड इण्डिया इश्योरेंस कम्पनी लि0 को आदेशित किया जाता है कि वे 2 माह के अन्दर परिवादी को बीमा की धनराशि रू0 50000/-(पचास हजार)तथा परिवादी को शारीरिक व मानसिक क्षति के क्षतिपूर्ति के रूप में रू0 2000/-(दो हजार) तथा भागदौड एवं वाद व्यय के रूप में रू0 1500/-(एक हजार पांच सौ)अर्थात कुल रू0 53500/-(तिरपन हजार पांच सौ) अदा करें। यदि उक्त अवधि में विपक्षी द्वारा उपरोक्त धनराशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो विपक्षी को दावा दाखिल करने की तिथि अर्थात दिनांक 21-10-2016 से पैसा अदा करने की तिथि तक उपरोक्त धनराशि पर 8 प्रतिशत साधारण वार्षिक की दर से व्याज भी अदा करना होगा।ृ
(लक्ष्मण स्वरूप) (रामजीत सिंह यादव)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांक-20-2-2017