सुरक्षित
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
परिवाद संख्या 128/2017
1- Mrs. Sadhana Dhawan W/O Mr. Anil Dhawan, R/O 10, Hedley Drive, Priceton NJ- 08540 New Jersey U.S.A.
2- Mr. Anil Dhawan,S/O Late V.R Dhawan R/O 10 Hedley Drive, Priceton NJ- 08540 New Jersey U.S.A.
Both Through power of Attorney Holder Ms.Annupurna Gupta D/O of Mr. Titu Gupta R/O -5/1 Sangam Vihar, New Delhi.
Complainants
Versus
1- Uniteck Ltd, Registered Office -6 Community Center, Saket New Delhi 110017 through its Chairman & Managing Director.
2- Mr N.K. Babbar, Dy Gen Mgr. {Comm} Uniteck Ltd. P-7, Sector 18 District Gautam Budh Nager.
Opposite Parties
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष।
परिवादीगण की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता, श्री पुनीत सहाय
बिसारिया
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित : कोई उपस्थित नहीं।
दिनांक: 04-05-2018
माननीय न्यायमूर्ति श्री अख्तर हुसैन खान, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
यह परिवाद, परिवादीगण श्रीमती साधना धवन और श्री अनिल धवन द्वारा पावर आफ अटार्नी होल्डर मिस अन्नपूर्णा गुप्ता ने विपक्षी यूनीटेक लि0 एवं एन०के० बब्बर, जनरल मैनेजर यूनीटेक लि0 जिला गौतम बुद्ध नगर के
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विरूद्ध धारा 17 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया है और निम्न अनुतोष चाहा है:-
a- The opposite party to be directed to pay an interest @ 18% P.A. on the entire amount deposited by the complainants from the date of possession offered till the date of actual possession.
b- The opposite party be directed to pay Rs. 1,00,000/- toward the mental and physical agony.
c- The opposite party be directed to pay the litigation charges of Rs. 2,00,000/- including legal notice charge sent on 29-10-2016.
d- Any other relief deem to be fit and proper by this commission be awarded.
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीण का कथन है कि उन्हें विज्ञापनों एवं अन्य स्त्रोतों से जानकारी हुयी कि विपक्षीगण प्लाट नं० 8 स्थित पी-1 ।।, ग्रेटर नोएडा, जिला गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश में ग्रुप हाउसिंग स्कीम “Alistonia Estate” में अपार्टमेंट बनाम रहे हैं, तब परिवादिनीगण ने विपक्षी संख्या 2 श्री एन०के० बब्बर, डिप्टी जनरल मैनेजर, यूनीटेक लि0 से सम्पर्क किया और तीन बेडरूम अपार्टमेंट के सम्बन्ध में जानकारी चाही। तब विपक्षी संख्या 2 ने उन्हें तीन बेडरूप अपार्टमेंट 1537 स्क्वायर फिट का बताया और उसका बेसिक प्राइस 2175/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से 35,73,146/- रू० बताया जिसमें, preferential location charges, रिर्जव्ड कार पार्किंग, लीज़ रेन्ट आदि का चार्ज भी शामिल था।
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परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षी संख्या 2 ने परिवादीगण को बताया कि बेसिक मूल्य का 10 प्रतिशत बुकिंग के समय 3,29,283/- रू० अप्लीकेशन के साथ जमा करना होगा और अवशेष धनराशि 32,92,830/- रू० का भुगतान बाद में करना होगा। विपक्षी संख्या 2 ने परिवादीगण से कहा कि उन्हें 3,00,000/- रू० ही बुकिंग के समय देना है। अत: दिनांक 23-08-2005 को परिवादीगण ने 3,00,000/- रू० का प्रारम्भिक भुगतान विपक्षीगण को किया और पंजीयन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। तब विपक्षी संख्या 2 ने पत्र दिनांक 14-11-2005 के द्वारा अपार्टमेंट जिसका सुपर एरिया 1537 वर्ग फिट था, उन्हें एलाट किया जिसका बेसिक मूल्य 35,73,146/- रू० था। एलाटमेंट लेटर के साथ विपक्षीगण ने पेमेण्ट प्लान संलग्न किया जिसके अनुसार परिवादिनीगण को अवशेष धनराशि का भुगतान करना था। इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि कब्जा दिनांक 31-03-2008 तक दिया जाएगा।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि बुकिंग की अवशेष धनराशि 29,283/- रू० उन्होंने दिनांक 07-09-2005 को विपक्षीगण को अदा किया है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि उन्होंने विपक्षीगण को उपरोक्त आवंटित फ्लैट का भुगतान पेमेण्ट प्लान के अनुसार किया है जिसका विवरण परिवाद पत्र की धारा 8 में अंकित है जो निम्न है:-
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Sr. .No. | Description | Due Date | Paid Date | Amount | Interest | Total |
1 | Registration Paid Vide their receipt on 000157 balance of 29283 through receipt no-000284 | 23/08/05 | 18/08/05 and 07/09/2005 | 329283 | 0 | 329283 |
2 | 1st Installment | 01/11/05 | 21/10/05 | 329283 | 0 | 329283 |
3 | 2nd Installment | 01/01/05 | 22/12/05 | 329283 | 0 | 329283 |
4 | 3rd Installment | 01/03/06 | 01/03/06 | 329283 | 0 | 329283 |
5 | 4th Installment | 01/05/06 | 01/05/06 | 164641 | 0 | 164641 |
6 | 5th Installment | 01/07/06 | 01/07/06 | 221510 | 0 | 236510 |
7 | 6th Installment | 01/09/06 | 27/08/06 | 388088 | 0 | 388088 |
8 | 7th Installment | 01/11/06 | 01/11/06 | 164641 | 2556 | 167197 |
9 | 8th Installment | 01/01/07 | 17/12/06 | 164641 | 0 | 164641 |
10 | 9th Installment | 01/03/07 | 02/03/07 | 164641 | 0 | 124641 |
11 | 10th Installment plus diff of 9th Installment 40000 | 01/05/07 | 26/04/07 | 164641 | 1690 | 206331 |
12 | 11th Installment | 01/07/07 | 01/07/07 | 164641 | 1668 | 166309 |
13 | 12th Installment | 01/09/07 | 27/08/07 | 164641 | 875 | 165516 |
14 | 13th Installment | 01/11/07 | 21/10/07 | 164641 | 503 | 165144 |
15 | 14th Installment | 01/01/08 | 13/12/07 | 164641 | 0 | 164641 |
16 | On possession | | | 164641 | | |
| | | Total | 3573140 | 7292 | 3430791 |
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि उन्होंने सम्पूर्ण भुगतान पेमेण्ट प्लान जो एलाटमेंट लेटर दिनांक 14-11-2005 के साथ सलंग्न था, के अनुसार समय से किया है फिर भी विपक्षीगण ने 10 प्रतिशत इन्ट्रेस्ट भुगतान में विलम्ब कहकर गलत ढंग से आरोपित किया है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि उन्हें कब्जा अन्तरण हेतु विपक्षीगण द्वारा बतायी गयी तिथि के बाद 6 महीने का और समय दिया गया फिर भी विपक्षीगण ने अपार्टमेंट परिवादीगण को अन्तरित नहीं किया है। अत: उन्होंने विवश होकर विपक्षीगण को विधिक नोटिस दिनांक
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29-10-2016 को प्रेषित किया जो विपक्षीगण पर तामील हुयी परन्तु विपक्षीगण ने उसका पालन नहीं किया।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि विपक्षीगण ने विक्रय पत्र परिवादीगण के पक्ष में निष्पादित करने और आवंटित फ्लैट का कब्जा हस्तगत करने में चूक की है। इस प्रकार विपक्षीगण ने सेवा में कमी की है। अत: परिवादीगण ने उनके विरूद्ध वर्तमान परिवाद उपरोक्त अनुतोष की याचना के साथ प्रस्तुत किया है।
विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री मोहित जौहरी ने वकालतनामा प्रस्तुत किया है परन्तु लिखित कथन 45 दिन की निश्चित समय सीमा के अन्दर प्रस्तुत नहीं किया है। अत: विपक्षीगण के लिखित कथन का
अवसर समाप्त किया गया और साक्ष्य परिवादी हेतु तिथि नियत की गयी। तब परिवादीगण की ओर से अन्नपूर्ण गुप्ता पावर आफ अटार्नी होल्डर का शपथपत्र साक्ष्य में प्रस्तुत किया गया।
परिवाद में अंतिम सुनवाई हेतु नियत तिथि पर परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री पुनीत सहाय बिसारिया उपस्थित आए हैं परन्तु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है। अत: परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता को सुनकर निर्णय पारित किया जा रहा है।
उपरोक्त विवरण से यह स्पष्ट है कि विपक्षीगण की ओर से विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुए हैं परन्तु विपक्षीगण की ओर से लिखित कथन प्रस्तुत नहीं किया गया है और परिवाद के कथन का खण्डन नहीं किया गया है। परिवादीगण की ओर से परिवाद पत्र के कथन का समर्थन उनकी मुख्तार-ए-आम अन्नपूर्णा गुप्ता ने शपथपत्र प्रस्तुत कर किया है।
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परिवाद पत्र के कथन के समर्थन में परिवादीगण की पावर आफ अटार्नी अन्नपूर्णा गुप्ता ने अपना शपथपत्र संलग्नकों सहित प्रस्तुत किया है जिससे परिवाद पत्र के कथन का समर्थन होता है। परिवाद पत्र के साथ एलाटमेंट लेटर दिनांकित 14-11-2005 की प्रति प्रस्तुत की गयी है जिससे स्पष्ट है कि परिवादी अनिल धवन एवं उनकी पत्नी परिवादिनी श्रीमती साधना धवन के नाम अपार्टमेंट नं०1602 टावर नं० 4 के 15th फ्लोर पर 1537 सुपर एरिया का आवंटित किया गया है जिसका बेसिक सेल प्राइस 35,73,146/- रू० था जिसमें 3,00,000/- रू० अर्नेस्ट मनी परिवादीगण ने पहले ही जमा किया है। एलाटमेंट लेटर के प्रस्तर 2 के अनुसार एलाटमेंट लेटर के साथ संलग्न संलग्नक- 1 के अनुसार धनराशि का भुगतान किया गया है। इस पेमेण्ट प्लान संलग्नक 1 के अनुसार अवशेष धनराशि का भुगतान 14 किस्तों में किया जाना था और अंतिम किस्त 1,64,641/- रू०50 प्रतिशत CCRC के साथ कब्जा की नोटिस प्राप्त होने पर अदा की जानी है। पेमेण्ट प्लान के अनुसार आवंटित फ्लैट का कब्जा दिनांक 31 मार्च 2008 तक दिया जाना था जो फोर्स म्योजोर के अधीन था।
परिवादीगण की अटार्नी होल्डर अन्नपूर्णा गुप्ता के शपथपत्र से स्पष्ट है कि आवंटित फ्लैट का निर्माण कार्य पूरा कर कब्जा परिवादीगण को अन्तरित नहीं किया गया है। एलाटमेंट लेटर के प्रस्तर 4- ई में प्राविधान है कि यदि कम्पनी एलाटी को कब्जा अन्तरित करने की स्थिति में नहीं है तो वह उसे वैकल्पिक भवन उपलब्ध कराएगी अथवा जमा धनराशि 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सहित अदा करेगी। परन्तु विपक्षीगण ने करार के अनुसार परिवादीगण को आवंटित फ्लैट का कब्जा नियत तिथि दिनांक 31 मार्च 2008 तक हस्तगत नहीं किया है और उसके बाद दस साल से भी अधिक का समय
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बीत चुका है फिर भी फ्लैट का कब्जा परिवादीगण को अन्तरित नहीं किया गया है और न कोई वैकल्पिक भवन उपलब्ध कराया गया है।
सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों एवं परिवादीगण द्वारा याचित अनुतोष को दृष्टिगत रखते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया जाना उचित है कि वे एलाटमेंट लेटर के अनुसार कब्जा अन्तरण की तय तिथि दिनांक 31 मार्च 2008 के बाद से अर्थात दिनांक 01-04-2008 से परिवादीगण को कब्जा हस्तगत किये जाने की तिथि तक उनके द्वारा जमा सम्पूर्ण धनराशि पर 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा करें।
परिवादीगण द्वारा याचित अन्य अनुतोष प्रदान किये जाने हेतु उचित आधार नहीं दिखता है।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है और विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे परिवादीगण को उनके द्वारा जमा सम्पूर्ण धनराशि पर दिनांक 01-04-2008 से कब्जा हस्तगत किये जाने की तिथि तक 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज अदा करें। इस निर्णय के अनुसार आगे देय ब्याज की धनराशि का भुगतान प्रत्येक मास की दस तारीख तक किया जाएगा।
विपक्षीगण, परिवादीगण को 10,000/- रू० वाद व्यय भी अदा करेंगे।.
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान)
अध्यक्ष
कृष्णा, आशु0
कोर्ट नं01