Rajasthan

Jaisalmer

cc/05/15

SURESH KUMAR - Complainant(s)

Versus

U.I.I.CO. AND OTHERS - Opp.Party(s)

H.S.SODHA

19 Nov 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. cc/05/15
 
1. SURESH KUMAR
Jaisalmer
...........Complainant(s)
Versus
1. U.I.I.CO. AND OTHERS
Jaisalmer
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES SH. RAMCHARAN MEENA PRESIDENT
  SANTOSH VYAS MEMBER
  MANOHAR SINGH NARAWAT MEMBER
 
For the Complainant:H.S.SODHA, Advocate
For the Opp. Party: M.D.JOSHI, Advocate
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,जैसलमेर(राज0)

1. अध्यक्ष    ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या   : श्रीमती संतोष व्यास।
3. सदस्य    ः श्री मनोहर सिंह नरावत।        
    
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 10.02.2015
मूल परिवाद संख्या:- 05/2015


श्री सुरेष कुमार लखारा पुत्र श्री किषनाराम लखारा, जाति- लखारा,
निवासी- सत्यनारायण मार्ग गांधी काॅलोनी जैसलमेर, तह. व जिला जैसलमेर    
                                    ............परिवादी।

बनाम

1.    युनाईटेड इण्डिया इंष्योरेंस कं. लि. कार्यालय पता- बी.ओ. 5,एम.जी.एस रोड़ जोधपुर राजस्थान।
2.    युनाईटेड इण्डिया इंष्योरेंस कं. लि. कार्यालय पता- षिव रोड़ जैसलमेर तहसील व जिला जैसलमेर।
3.    रूचि मोटर्स, गांधी काॅलोनी जैसलमेर।
.......अप्रार्थीगण

प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थित/-
1.    श्री हैमसिंह राठौड़, अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2.    श्री मुरलीधर जोषी अधिवक्तागण अप्रार्थीगण की ओर से।

ः- निर्णय -ः            दिनांक 19.11.2015


1.        परिवादी का सक्षिप्त मे परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी का दूपहिया वाहन बजाज कम्पनी का पलसर 220 जिसके इजन नम्बर क्ज्र्ञब्ब्थ्21365 व चैसिस नम्बर 3मर््1ब्ब्थ्22128 है वह रूची मोटर्स जैसलमेर से खरीदकर वाहन की डिलेवरी दिनांक 11.01.2013 को प्राप्त की गई तथा उक्त वाहन का बीमा अप्रार्थी सं. 1 व 2 के यहा कराया परिवादी ने उक्त वाहन का रजिस्टेªषन कराने हैतु जिला परिवहन अधिकारी जैसलमेर कार्यालय मे रजिस्टेªषन फीस, ग्रीन टेªक्स, रोड टेक्स आदि की राषि 5357 रू दिनांक 21.01.2013 को जमा की गई। तथा उक्त वाहन मे दिनंाक 23.01.2013 को रात्रि 11.00 बजे डेडानसर मैदान के पास अचानक आग लग गई। जिसके कारण उक्त दूपहिया वाहन मौके पर ही पूर्ण रूप से ही जल गई जिसकी रिपोर्ट पुलिस थाना जैसलमेर मे ही दर्ज कराई गई। उक्त घटना की जानकारी अप्रार्थी सं. 2 को देकर आवष्यक कार्यवाही हैतु निवेदन किया तथा अप्रार्थी सं0 2 के यहा उक्त वाहन बीमित होने के कारण क्लैम दावा पेष किया। अप्रार्थी सं0 1 द्वारा प्रार्थी से उक्त वाहन की आर्सी की नकल माॅगी गई जिस पर जिला परिवहन अधिकारी जैसलमेर को आर.सी. हेतु निवेदन किया लेकिन उन्होने रजिस्टेªषन हेतु असमर्थता जतायी तो उसकी सूचना अप्रार्थी सं. 1 को जरिये डाॅक दी गई। अप्रार्थीगण द्वारा परिवादी का क्लैम दावा स्वीकार नही कर सेवा मे त्रुटि की है। अप्रार्थीगण का यह कृत्य सेवा दोष की श्रेणी मे आता है। इस प्रकार परिवादी द्वारा परिवाद पेष कर कुल दावाकृत राषि 1,63,649 अप्रार्थीगण से दिलाये जाने का निवेदन किया।
2.             अप्रार्थीगण ने जवाब पेष कर कहा कि वाहन पंजीयन होने के बाद ही परिवादी का क्लैम परिवादी के पास वाहन का रजिस्टेªषन प्रमाण पत्र नही होने के कारण परिवादी का क्लैम सही आधार पर खारीज किया है कोई सेवा दोष नही किया है। रजिस्टेªषन नही होने से कम्पनी कोई कार्यवाही नही कर सकती है तथा मोटर वाहन अधिनियम के अन्तर्गत जब तक वाहन का पंजीयन नही हो जाता तब तक वाहन को कानूनन आम रास्ते पर चलाने की इजाजत नही है इस वाहन का पंजीयन नही होने से बीमा कम्पनी की पाॅलिसी की शर्तो का स्पष्ठ उल्लधन हुआ है इस प्रकार परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने का निवेदन किया।
3.         हमने विद्वान अभिभाषकगण पक्षकारान की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
4.         विद्वान अभिभाषकगण पक्षकारान द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1.            क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2.         क्या अप्रार्थीगण का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3.         अनुतोष क्या होगा ?
5.        बिन्दु संख्या 1:-  जिसे साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आते है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आते हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनीयम के प्रावधानों के तहत पोषणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवादी ने अपने दूपहिया वाहन बजाज कम्पनी का पलसर 220 जिसके इजन नम्बर क्ज्र्ञब्ब्थ्21365 व चैसिस नम्बर 3मर््1ब्ब्थ्22128 का बीमा अप्रार्थीगण बीमा कम्पनी के यहा दिनांक 10.01.2013 को राषि 1974 रू अदा कर बीमा कराया है जिसकी बीमित अवधि 10.01.2013 से 09.01.2014 है। इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादीया उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है, फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
6.    बिन्दु संख्या 2:-    जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षीगण का उक्त कृत्य एक सेवा दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ? यह स्वीकृत तथ्य है कि परिवादी के दूपहिया वाहन बजाज कम्पनी का पलसर 220 जिसके इजन नम्बर क्ज्र्ञब्ब्थ्21365 व चैसिस नम्बर 3मर््1ब्ब्थ्22128 का बीमा अप्रार्थीगण बीमा कम्पनी के यहा दिनांक 10.01.2013 से 09.01.2014 तक कराया गया था तथा उक्त वाहन दिनांक 23.01.2013 को अचानक आग लगने के कारण जल गई जो बीमित अवधि के भीतर दूर्घटनाग्रस्त हुई है। विद्वान परिवादी अभिभाषक की दलील है कि परिवादी ने उक्त वाहन का रजिस्ट्रेषन कराने हेतु जिला परिवहन अधिकारी जैसलमेर मे उपस्थित होकर निर्धारित अवधि मे रजिस्ट्रेषन फीस, ग्रीन टेक्स, रोड टेक्स आदि की राषि 5,357 रू दिनांक 21.01.2013 को जमा करा दिये है। ओर उसके बाद दिनंाक 23.01.2013 को उक्त वाहन मोटर साईकल दूर्घटनाग्रस्त हो गई उक्त निर्धारित अवधि मे रजिस्ट्रेषन के लिए कार्यवाही करने के पश्चात् भी रजिस्ट्रेषन के अभाव मे जो क्लैम खारिज किया गया है वो गलत है। उनकी यह भी दलील है कि बीमा शर्तो का कोई उल्लघन नही है क्योकि मोटर वाहन अधिनियम के तहत् यदि कोई अपराध रजिस्ट्रेषन के अभाव मे बनता है तो उसके लिए बीमा कम्पनी क्लैम खारिज नही कर सकती न ही ज्मबींदपबपंस ळतवनदक पर पुरे मामले को खारिज कर सकती बल्कि छवद ेजंदकंतक के आधार पर क्लैम को ैंजजमसमक  किया जा सकता था। अपने तर्को के समर्थन मे सिविल अपील नम्बर 2703/2010 ।उंसमदकन ैंीन टे व्तपमदजंस प्देनतंदबम बवण्स्जक दिनांक 25.03.2010 मान्य उच्चतम न्यायालय का विनिष्चय पेष किया।
    इसका प्रबल विरोध करते हुए विद्वान अभिभाषक बीमा कम्पनी की दलील है कि परिवादी का क्लैम सही आधार पर खारिज किया गया है। वक्त दूर्घटना परिवादी के पास वाहन का रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र नही था अतः क्लैम खारिज कर कोई सेवा त्रुटि कारित नही की है। परिवादी का परिवाद खारिज किया जावें।
7.    उभयपक्षों के तर्को पर मनन किया गया पत्रावली का ध्यानपूर्वक परिषिलन किया गया अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने परिवादी का क्लैम खारिज किया है कि प्रार्थी का वाहन दिनांक 23.01.2013 को जल गया उस समय वाहन का कोई पंजीयन नही कराया गया था।अतः वाहन बिना पंजीयन था इस कारण परिवादी का क्लैम खारिज किया गया है। इस सम्बंध मे परिवादी ने अपनी साक्ष्य मे यह बताया है कि उसने दूपहिया वाहन बजाज कम्पनी का पलसर 220 खरीद किया जिसके इजन नम्बर क्ज्र्ञब्ब्थ्21365 व चैसिस नम्बर 3मर््1ब्ब्थ्22128 है और उक्त वाहन का बीमा परिवादी द्वारा अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहा करवाया गया था उनकी यह भी साक्ष्य है कि उक्त वाहन का रजिस्टेªषन हैतु जिला परिवहन कार्यालय मे रजिस्टेªषन फीस, ग्रीन टेक्स, रोड टेक्स आदि 5,357 रू दिनांक 21.01.2013 को जमा करा दिये उक्त वाहन दिनांक 23.01.2013 को दूर्घटनाग्रस्त हो गया उनकी यह भी साक्ष्य है कि मेरे द्वारा वाहन खरीदने के एक माह के भीतर भीतर रजिस्टेªषन प्रमाण पत्र हेतु परिवहन कार्यालय मे आवेदन कर दिया था उसकी तरफ से कोई कोताही व लापरवाही नही थी। न ही कोई नियम का उल्लघन किया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा उसका क्लैम खारिज कर दिया। अतः परिवादी द्वारा प्रस्तुत मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य से यह प्रकट है कि परिवादी ने उस वाहन को दिनांक 11.01.2013 को खरीदा जिसके इजन नम्बर क्ज्र्ञब्ब्थ्21365 व चैसिस नम्बर 3मर््1ब्ब्थ्22128 है। तथा उसी दौरान अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने इजन नम्बर क्ज्र्ञब्ब्थ्21365 व चैसिस नम्बर 3मर््1ब्ब्थ्22128 का हवाला देते हुए दिनांक 10.01.2013 को 1974 रू प्रीमियम जमा कर परिवादी के दूपहिया वाहन का बीमा किया व नियमानुसार बीमा कवर नोट जारी किया। यह बात सही है कि वाहन का रजिस्टेªषन एक आवष्यक शर्ते है जिसकी पालना मे परिवादी ने वाहन खरीदने के बाद निर्धारित समय मे ही रजिस्टेªषन फीस व अन्य फीस परिवहन कार्यालय मे जमा करा दिया था। परिवहन कार्यालय द्वारा रजिस्टेªषन प्रमाण पत्र जारी करने मे जो समय लगा वह परिवादी की गलती का घोतक नही है। परिवादी का इरादा तुरंत रजिस्टेªषन कराने का था उसने इस संदर्भ मे तुरंत कार्यवाही भी की अतः यह एक प्रकार से टेक्नीकल मामला है कि परिवादी को वाहन का रजिस्टेªषन प्रमाण पत्र दूर्घटना के दिन नही मिल पाया अतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी को उसका क्लैम नाॅन स्टेन्डर्ड के आधार पर निर्णित करना चाहिए था। इन परिस्थितियों मे बीमा कम्पनी द्वारा पूर्ण क्लैम खारिज कर सेवा दोष कारित किया है।
फलतः बिन्दु संख्या 2 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
8.    बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 2 परिवादी के पक्ष में निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद आंषिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है जो स्वीकार किया जाता है । जहां तक क्लेम की राषि का प्रष्न है परिवादी अपने दूर्घटनाग्रस्त वाहन का बीमा क्लैम अप्रार्थी बीमा कम्पनी से नाॅन स्टेन्डर्ड बेसिस पर पूर्ण क्लैम मे 25 प्रतिषत राषि कम कर शेष 75 प्रतिषत राषि प्राप्त करने का अधिकारी है तथा अप्रार्थी बीमा कम्पनी परिवादी से मोटर साईकिल  इजन नम्बर क्ज्र्ञब्ब्थ्21365 व चैसिस नम्बर 3मर््1ब्ब्थ्22128 का साल्वेज प्राप्त करने की अधिकारीणी है तथा परिवादी को अप्रार्थी बीमा कम्पनी से मानसिक वैदना हैतु 2,000 रू व परिवाद व्यय  के 1000 रू दिलाया जाना उचित है।   
ः-ः आदेष:-ः
        परिणामतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थी सं0 1 व 2 के विरूद्व आंषिक रूप से स्वीकार किया जाकर अप्रार्थी सं0 1 व 2 को आदेषित किया जाता है कि वे आज से 2 माह के भीतर भीतर परिवादी को पूर्ण बीमा क्लैम मे से 25 प्रतिषत राषि कम कर शेष 75 प्रतिषत राषि अदा करे तथा अप्रार्थी सं0 1 व 2 द्वारा वाहन मोटर साईकिल इजन नम्बर क्ज्र्ञब्ब्थ्21365 व चैसिस नम्बर 3मर््1ब्ब्थ्22128 का साल्वेज मागें जाने पर प्रार्थी उसे दे। साथ ही अप्रार्थी बीमा कम्पनी मानसिक हर्जाना पेटे 2,000 /- रूपये अक्षरे रू दो हजार रूपये व परिवाद व्यय 1,000 /- अक्षरे रू. एक हजार रूपये दो माह के भीतर अदा करे।
 
    
     ( मनोहर सिंह नारावत )          (संतोष व्यास)                     (रामचरन मीना)
  सदस्य,                                  सदस्या                              अध्यक्ष,
जला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,,      जला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,           जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
         जैसलमेर।                            जैसलमेर।                     जैसलमेर।


    आदेश आज दिनांक 19.11.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।

 

     ( मनोहर सिंह नारावत )              (संतोष व्यास)            (रामचरन मीना)
  सदस्य,                                  सदस्या                             अध्यक्ष,
जला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,       जला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,           जला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
         जैसलमेर।                               जैसलमेर।                    जैसलमेर।

 

 
 
[JUDGES SH. RAMCHARAN MEENA]
PRESIDENT
 
[ SANTOSH VYAS]
MEMBER
 
[ MANOHAR SINGH NARAWAT]
MEMBER

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