Uttar Pradesh

StateCommission

A/2000/1015

Mohd. Mobin - Complainant(s)

Versus

U P State Electricity Board - Opp.Party(s)

T H Naqvi

08 Jan 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2000/1015
( Date of Filing : 10 May 2000 )
(Arisen out of Order Dated 07/04/2000 in Case No. C/731/1997 of District Muradabad-I)
 
1. Mohd. Mobin
a
...........Appellant(s)
Versus
1. U P State Electricity Board
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 08 Jan 2021
Final Order / Judgement

 

                                          (मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1015/2000

 (जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-731/1997 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.04.2000 के विरूद्ध)

 

मो0 मोबीन पुत्र स्‍व0 मकबूल हुसैन, निवासी लाल मस्जिद, दुकानदार झब्‍बू का नाला मुरादाबाद।

अपीलार्थी/परिवादी

                                               बनाम        

1. यू0पी0 स्‍टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड, डिवीजन-III, द्वारा एग्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, कंपनी बाग, मुरादाबद।

2. यू0पी0 स्‍टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड, शक्ति भवन, 14, अशोक मार्ग, लखनऊ द्वारा चेयरमैन।

                                                                     प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  : श्री टी0एच0 नकवी, विद्वान अधिवक्‍त।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन, विद्वान अधिवक्‍ता। 

दिनांक:  08.01.2021  

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-731/1997, मो0 मोबीन बनाम उ0प्र0 राज्‍य विद्युत परिषद तथा अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07.04.2000 के विरूद्ध उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अन्‍तर्गत यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग ने परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद खारिज कर दिया है।

2.         परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी का एक विद्युत कनेक्‍शन-5162/1772794  है।  दिनांक 22.08.1990 को परिवादी पर बिजली चोरी

-2-

का एक मिथ्‍या मुकदमा कायम किया गया और दिनांक 22.08.1990 को परिवादी का मीटर और केबिल उखाड़ कर थाना नागपनी में जमा कर दिया तथा विद्युत चोरी के लिए अंकन 9,469.10 रू0 का असेसमेंट जारी कर दिया। अत: इसी बिल को रद्द करने का अनुतोष परिवाद प्रस्‍तुत करते हुए मांगा गया।

3.         विपक्षीगण का कथन है कि परिवादी के संस्‍थान पर स्‍थापित विद्युत कनेक्‍शन की चेकिंग की गई और पाया गया कि परिवादी द्वारा विद्युत चोरी की जा रही थी, इसलिए चोरी की गई बिजली का असेसमेंट बिल तैयार किया गया, जो परिवादी को दिया गया है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग को इस प्रकरण को सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है।

4.         दोनों पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात् विद्वान जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग ने उपरोक्‍त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया, जिसे इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि अपीलार्थी कई बार इस बिल राशि को जमा करने के लिए विद्युत विभाग के कार्यालय में गया, परन्‍तु स्‍वंय प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 द्वारा जमा नहीं किया गया। निर्णय में अंकित किसी प्रकार की त्रुटि का किसी प्रकार का कोई उल्‍लेख नहीं है, केवल तथ्‍यात्‍मक त्रुटि दर्शित की गई हैं।

6.         अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री टी0एच0 नकवी तथा प्रत्‍यर्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन को सुना गया एवं पत्रावली तथा प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।

7.         परिवाद पत्र के अवलोकन से स्‍पष्‍ट हो जाता है कि परिवाद पत्र में उल्‍लेख किया गया है कि परिवादी के संस्‍थान पर लगे हुए विद्युत कनेक्‍शन की जांच की गई और जांच के समय विद्युत चोरी का मामला प्रकाश में आया, जिसका एक मुकदमा परिवादी/अपीलार्थी के विरूद्ध पंजीकृत

-3-

हुआ, इसलिए इस प्रकरण की सुनवाई का क्षेत्राधिकार विद्वान जिला उपभोक्‍ता फोरम/आयोग को प्राप्‍त नहीं है। तदनुसार निर्णय एवं आदेश विधिसम्‍मत है। अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

8.         प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। यद्यपि परिवादी/अपीलार्थी को अधिकार होगा कि वह विधिसम्‍मत संस्‍थान के समक्ष वाद प्रस्‍तुत कर सकता है।

9.         अपील में उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

 

                     

     (विकास सक्‍सेना)                           (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                                    सदस्‍य

 

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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