Uttar Pradesh

StateCommission

A/2005/1433

Samar Ali Hashmi - Complainant(s)

Versus

Toyota Commercial Toyota - Opp.Party(s)

R. P. Johari

19 Sep 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2005/1433
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Samar Ali Hashmi
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Toyota Commercial Toyota
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Alok Kumar Bose PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 19 Sep 2016
Final Order / Judgement

सुरक्षित

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ

 

 

(जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या 38 सन 2004 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं  आदेश दिनांक 08.08.2005  के विरूद्ध)

 

अपील संख्‍या 1433 सन 2005

समर अली  हाशमी पुत्र श्री अजहर अली हाशमी निवासी 37, घेर जाफर खा थाना बारादरी तहसील व जिला बरेली ।         ......अपीलार्थी/प्रत्‍यर्थी

बनाम

       

टोयटा कामर्शियल यूनिट कामर्शियल मोटर सेल्‍स प्रा0लि0 रामपुर रोड, थाना सी0वी0 गंज तहसील व जिला बरेली द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर एवं अन्‍य।

. .........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

 

समक्ष:-

मा0  श्री   आलोक कुमार बोस,  पीठासीन  सदस्‍य।

मा0    श्री  गोवर्धन यादव,               सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता  -  कोई नहीं ।

प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता   -  श्री सर्वेश कुमार शर्मा ।

 

दिनांक 21.10.2016        

श्री गोवर्धन यादव सदस्‍य द्वारा उदघोषित ।

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या 38 सन 2004 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं  आदेश दिनांक 08.08.2005  के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी है ।

संक्षेप में, प्रकरण के आवश्‍यक  तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने दिनांक 19.09.2003 को एक ''टोयटा क्‍वालिस'' संख्‍या यू0पी0 25 पी -0117 5,18,000.00 रू0 में पंजाब नेशनल बैंक मढ़ीनाथ बरेली से वित्‍त पोषित करके टोयटा कामर्शियल मोटर सेल्‍स प्रा0लि0 से क्रय की । खरीदने के बाद उक्‍त वाहन में निर्माण की त्रुटिया प्रकाश में आयी जो सर्विसिंग के उपरांत भी ठीक नहीं हुयी। परिवादी ने इस संबंध में विपक्षीगण को विधिक नोटिस दिया विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर जिला मंच में परिवाद दाखिल किया। जिला मंच के समक्ष विपक्षी ने उल्लिखित किया कि डिलीवरी के समय वाहन में किसी प्रकार की निर्माण संबंधी दोष नहीं था। प्रश्‍नगत वाहन 25 हजार किमी0 चलाने के उपरांत सर्विसिंग हेतु दिनांक 24.02.2004 को लाया गया और यह शिकायत की गयी कि वाहन चलते समय अत्‍यधिक धुआँ छोड़ता है जिसका निराकरण फिल्‍टर साफ करके कर दिया गया था। परिवादी ने निम्‍न श्रेणी का डीजल इस्‍तेमाल किया था तथा अनावश्‍यक रूप से एअरकण्‍डीशन लगवा लिया है, जिसके कारण इंजन पर दबाव रहता है तथा वाहन धुँआ छोड़ता है। वाहन में निर्माण संबंधी कोई दोष नहीं है।

जिला मंच ने उभय पक्ष के साक्ष्‍य एवं अभिवचनों के आधार पर यह पाते हुए कि वाहन परिवाद प्रस्‍तुत करने के समय तक 45000.00 किमी0 चल चुका है जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन में निर्माण संबंधी कोई दोष नही है, परिवादी के परिवाद को खारिज कर दिया, जिससे क्षुब्‍ध होकर यह अपील योजित की गयी है।

हमने प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस सुनी गयी तथा अभिलेख का सम्‍यक अनुशीलन किया गया । बहस हेतु अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

     अभिलेश के अनुशीलन से स्‍पष्‍ट है कि कि परिवादी ने दिनांक 19.09.2003 को ''टोयटा क्‍वालिस'' संख्‍या यू0पी0 25 पी -0117  ऋण लेकर विपक्षी से क्रय की । परिवादी के अनुसार उक्‍त वाहन में निर्माण संबंधी त्रुटियॉ हैं जो सर्विसिंग के उपरांत भी ठीक नहीं हुयी। शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई न होने पर उसने जिला मंच में परिवाद दाखिल किया जिसे जिला मंच ने खारिज कर दिया । जिला मंच ने अपने विवेच्‍य निर्णय में यह भी अवधारित किया है कि परिवादी ने निर्माण संबंधी त्रुटि के संबंध में किसी वाहन विशेषज्ञ या मैकेनिकल इंजीनियर की रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं की है इसके अतिरिक्‍त उक्‍त वाहन बिना ए0सी0 का था जिसमें परिवादी ने ए0सी0 फिट कर लिया जिसके कारण इंजन पर लोड़ पड़ने लगा और इंजन धुँआ देने लगा तथा प्रश्‍नगत परिवाद वाहन के 45000.00 किमी0 चलने के बाद दाखिल किया गया जो यह प्रमाणित करता है कि वाहन में निर्माण संबंधी कोई दोष नहीं था अन्‍यथा इतना लम्‍बा सफर वाहन कदापि नहीं कर पाता ।

 विद्वान अधिवकतागण की बहस सुनने के उपरांत पीठ के अभिमत से जिला मंच द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय सुसंगत साक्ष्‍यों पर आधारित है तथा जिला मंच ने समस्‍त तथ्‍यों के सम्‍यक विश्‍लेषण के उपरांत प्रश्‍नगत निर्णय पारित किया है जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

      परिणामत, प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

                                               

आदेश

            प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त करते हुए जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम, प्रथम बरेली द्वारा परिवाद संख्‍या 38 सन 2004 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 08.08.2005  की पुष्टि की जाती है।

उभय पक्ष अपना- अपना अपीलीय व्‍यय भार स्‍वयं  करेंगे।

            इस निर्णय की सत्‍य  प्रतिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध करा दी जाय।

 

 

(आलोक कुमार बोस)                              (गोवर्धन यादव)

  पीठासीन सदस्‍य                                                                           सदस्‍य

      कोर्ट-3

(S.K.Srivastav,PA)

 

 

 
 
[HON'BLE MR. Alok Kumar Bose]
PRESIDING MEMBER

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