Uttar Pradesh

StateCommission

A/2013/746

Pankaj Jain - Complainant(s)

Versus

Tikaula Sugar Mill - Opp.Party(s)

Self

17 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2013/745
( Date of Filing : 09 Apr 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Anju Jain
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Tikaula Sugar Mill
a
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2013/746
( Date of Filing : 09 Apr 2013 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Pankaj Jain
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Tikaula Sugar Mill
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 17 Mar 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग उ0प्र0, लखनऊ

 (मौखिक)

अपील सं0- 745/2013

श्रीमती अंजू जैन उम्र लगभग 59 वर्ष पत्‍नी स्‍व0 श्री शशी कुमार जैन निवासी मकान संख्‍या- 344 सदर बाजार मेरठ कैन्‍ट, जिला मेरठ।

                                                      .......अपीलार्थी

                             बनाम

 

1. टिकौला शुगर मिल्‍स लि0 118 न्‍यू मण्‍डी मुजफ्फरनगर, यू0पी0 द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

2. एस0पी0 जैन (सुखवीर प्रसाद जैन) पुत्र स्‍व0 प्रकाश चन्‍द जैन निवासी जी0टी0 रोड खतौली, जिला मुजफ्फरनगर, उ0प्र0 द्वारा डायरेक्‍टर टिकौला शुगर मिल्‍स लि0 कार्यस्‍त 118 न्‍यू मण्‍डी मुजफ्फरनगर, यू0पी0।

3. जिला फोरम उपभोक्‍ता संरक्षण मेरठ द्वारा अध्‍यक्ष कलेक्‍ट्रेट कम्‍पाउण्‍ड जिला मेरठ।                                                       

                                                     .......प्रत्‍यर्थीगण

 

एवं

 

अपील सं0- 746/2013

पंकज जैन उम्र लगभग 36 वर्ष पुत्र स्‍व0 श्री शशी कुमार जैन निवासी मकान संख्‍या- 344 सदर बाजार मेरठ कैन्‍ट, जिला मेरठ।

                                                      .......अपीलार्थी

                             बनाम

1. टिकौला शुगर मिल्‍स लि0 118 न्‍यू मण्‍डी मुजफ्फरनगर, यू0पी0 द्वारा मैनेजिंग डायरेक्‍टर।

2. एस0पी0 जैन (सुखवीर प्रसाद जैन) पुत्र स्‍व0 प्रकाश चन्‍द जैन निवासी जी0टी0 रोड खतौली, जिला मुजफ्फरनगर, उ0प्र0 द्वारा डायरेक्‍टर टिकौला शुगर मिल्‍स लि0 कार्यस्‍त 118 न्‍यू मण्‍डी मुजफ्फरनगर, यू0पी0।

3. जिला फोरम उपभोक्‍ता संरक्षण मेरठ द्वारा अध्‍यक्ष कलेक्‍ट्रेट कम्‍पाउण्‍ड जिला मेरठ।                                                       

                                                     .......प्रत्‍यर्थीगण

समक्ष:-

   माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

   माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : स्‍वयं व्‍यक्तिगत रूप से। 

प्रत्‍यर्थीगण सं0- 1 व 2 की ओर से उपस्थित : श्री सुशील कुमार शर्मा,

                                         विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0- 3 की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।                                           

दिनांक:- 17.03.2023

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

1.          परिवाद सं0- 534/2009 श्रीमती अंजू जैन बनाम टिकौला शुगर मिल्‍स लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 14.03.2013 के विरुद्ध अपील सं0- 745/2013 तथा परिवाद सं0- 102/2008 पंकज जैन बनाम टिकौला शुगर मिल्‍स लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 14.03.2013 के विरुद्ध अपील सं0- 746/2013 उपरोक्‍त दोनों अपीलें परिवाद के परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत की गई हैं। 

2.          इन दोनों प्रकरणों में तथ्‍य एवं विधि के अनुसार एक ही प्रकृति के प्रश्‍न समाहित हैं। इसलिए दोनों अपीलों का निर्णय एक साथ किया जा रहा है।

3.          परिवाद सं0- 102/2008 के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी ने ड्राफ्ट सं0- 923054 दिनांकित 06.05.1998 के द्वारा 3,00,000/-रू0 विपक्षी कम्‍पनी के डायरेक्‍टर श्री एस0पी0 जैन को दिया था, जिसकी रसीद कम्‍पनी द्वारा प्राप्‍त की गई थी। उक्‍त राशि पर प्रतिवर्ष लाभांश देने का वादा किया गया था जो नहीं दिया गया। इसलिए अंकन 3,00,000/-रू0 तथा लाभांश की राशि प्राप्‍त करने के लिए यह परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

4.          परिवाद सं0- 534/2009 के अनुसार ड्राफ्ट सं0- 923183 दिनांकित 10.06.1998 द्वारा परिवादिनी ने अंकन 3,00,000/-रू0 जमा किए थे इनको भी जमा राशि तथा लाभांश प्रदान नहीं किया गया। इसलिए दोनों राशियों को प्राप्‍त करने के लिए परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

5.          उपरोक्‍त दोनों अपीलों में अपीलार्थी की ओर से अपीलार्थी/परिवादी पंकज जैन स्‍वयं व्‍यक्तिगत रूप से उपस्थित हैं। विपक्षीगण सं0- 1 व 2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री सुशील कुमार शर्मा उपस्थित हैं। हमने परिवादी और विपक्षीगण सं0- 1 व 2 के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया। प्रत्‍यर्थी सं0- 3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।  

6.          दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह निष्‍कर्ष दिया गया कि परिवाद पत्र में जो राशि अंकित है उस राशि का ड्राफ्ट दिया जाना साबित नहीं हो पाया। इसलिए उपरोक्‍त दोनों परिवाद खारिज कर दिए गए।

7.          परिवादी का यह तर्क है कि इस आयोग द्वारा पारित आदेश दि0 07.12.2021 के अनुपालन में परिवादी द्वारा जमा की गई राशि का लेजर बैंक से मंगवाया गया और वह रिपोर्ट पत्रावली पर मौजूद है जिससे इस तथ्‍य की पुष्टि होती है कि परिवादीगण द्वारा अपने परिवाद पत्रों में वर्णित धनराशि का ड्राफ्ट बनवाया गया। अत: विपक्षीगण की ओर से यथार्थ में धनराशि जमा करने के बिन्‍दु पर बहस नहीं की गई, अपितु केवल यह बहस की गई है कि धनराशि दि0 10.06.1998 में जमा करना कहा गया है, जब कि उपरोक्‍त दोनों परिवाद क्रमश: वर्ष 2008 एवं 2009 में दायर किए गए हैं।

8.          प्रस्‍तुत केस में यथार्थ में धनराशि जमा करने की तिथि को वाद का कारण उत्‍पन्‍न नहीं हुआ है, अपितु परिपक्‍वता अवधि पूर्ण हो जाने के पश्‍चात भी बार-बार मांग किए जाने पर भी धनराशि न लौटाये जाने के कारण वाद उत्‍पन्‍न हुआ है। अत: इस तर्क में कोई बल नहीं है। दोनों परिवादी अपने-अपने द्वारा जमा धनराशि अंकन तीन-तीन लाख रूपये मय 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज वाद योजन की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक प्राप्‍त करने के लिए अधिकृत हैं तथा चूँकि परिवादीगण को मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक प्रताड़ना झेलने के लिए बाध्‍य होना पड़ा है, अत: इस मद में परिवादीगण को अंकन एक-एक लाख रूपये तथा वाद व्‍यय के रूप में अंकन पच्‍चीस-पच्‍चीस हजार रूपये दिलाया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है। तदनुसार उपरोक्‍त दोनों अपीलें आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य हैं।

आदेश

9.          उपरोक्‍त प्रस्‍तुत दोनों अपीलें आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती हैं तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश अपास्‍त  करते हुए उपरोक्‍त दोनों परिवाद स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षीगण सं0- 1 व 2 टिकौला शुगर मिल्‍स लि0 को आदेशित किया जाता है कि परिवादीगण के द्वारा जमा धनराशि अंकन तीन-तीन लाख रूपये मय 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज वाद योजन की ति‍थि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक परिवादीगण को अदा करें। विपक्षीगण सं0- 1 व 2 टिकौला शुगर मिल्‍स लि0 को यह भी आदेशित किया जाता है कि मानसिक, शारीरिक एवं आर्थिक प्रताड़ना हेतु अंकन एक-एक लाख रूपये तथा वाद व्‍यय के रूप में अंकन पच्‍चीस-पच्‍चीस हजार रूपये परिवादीगण को अदा करें।

            इस निर्णय एवं आदेश की मूल प्रति अपील सं0 745/2013 में रखी जाए एवं इसकी प्रमाणित प्रतिलिपि सम्‍बन्धित अपील सं0- 746/2013 में रखी जाए।

            आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।  

 

        (विकास सक्‍सेना)                              (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                                      सदस्‍य     

 

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0- 3

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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