जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जैसलमेर(राज0)
1. अध्यक्ष ः श्री रामचरन मीना ।
3. सदस्य ः श्री मनोहर सिंह नरावत।
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 12.02.2015
मूल परिवाद संख्या:- 07/2015
श्री मोहम्मद खाॅ पुत्र श्री माले खाॅ, जाति- मूसलमान,
निवासी- चांदन, तहसील व जिला जैसलमेर
............परिवादी।
बनाम
दी न्यू इण्डिया इष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिये मैनेजर माइक्रो आॅफिस, प्रथम तल गीता आश्रम रोड, जैसलमेर राजस्थान
...........अप्रार्थी।
प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित/-
1. श्री आसुसिंह सौलकी अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2. श्री मुरलीधर जोषी अधिवक्ता अप्रार्थी की ओर से।
ः- निर्णय -ः दिनांक ः03.12.2015
1. परिवादी का सक्षिप्त मे परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी का वाहन बोलेरो आर जे 21 यूए 6170 दिनांक 26.05.2012 से 25.05.2013 तक पाॅलिसी सं. 33050031120100001597 द्वारा अप्रार्थी के यहा बीमित था। परिवादी का उक्त वाहन दिनांक 28.12.2012 को दूर्घटनाग्रस्त हो गया जिस पर परिवादी ने अपने वाहन को नागौर आॅटो मोबाईलस प्राईवेट लि. के यहा रिपेयर करवाया जिस पर कुल 2,33060 रू का खर्चा आया जिसका भुगतान स्वयं परिवादी ने डीलर के नकद किया। परिवादी ने उक्त वाहन दूर्घटनाग्रस्त होने पर अप्रार्थी को सूचना देकर दूर्घटनाग्रस्त वाहन का मौका मुआयना किया व वाहन की रिपेयरिग करवाकर क्लैम प्राप्त करने हैतु आवेदन करने का कहा जिस पर परिवादी ने अप्रार्थी बीमा कम्पनी को क्लैम हैतु आवेदन किया तो अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने दिनांक 02.01.2014 को क्लैम खारिज कर दिया जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी का सेवा दोष है। अप्रार्थी का उक्त कत्य सेवा दोष की श्रेणी मे आता है परिवादी द्वारा अप्रार्थी से 233060 रू व आर्थिक नुकसान पेटे 50,000 रू मय ब्याज दूर्घटना तिथि से व परिवाद व्यय दिलाये जाने की प्रार्थना की ।
2. अप्रार्थी की ओर से जवाब पेष कर प्रकट किया कि परिवादी का क्लैम दिनंाक 02.01.2014 को खारिज किया गया है वह सही है क्योकि उक्त वाहन का वर्ष 2011-12 मे जारी पाॅलिसी सं.331402/31/11/010001137 के अन्तर्गत प्रार्थी ने दूर्घटना दिनांक 26.06.2011 घटित होने का क्लैम 2,52050 रू का क्लैम लिया था जो पाॅलिसी नागौर से जारी की गई थी उसी पाॅलिसी के आधार पर जैसलमेर मे नवीनिकरण करने की घोषणा पत्र दिया था। प्रार्थी ने यह जानते हुए उसने क्लैम पूर्व मे प्राप्त किया था झुठी घोषणा देकर नो क्लैम बोनस प्राप्त किया था इस प्रकार उक्त झुठी घोषणा देने से वह तथ्यों को छिपाकर नो क्लैम बोनस का लाभ लिया जो बीमा शर्तो का उल्लघन है इस आधार पर परिवादी कोई क्लैम प्राप्त नही कर सकता अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने क्लैम खारिज कर कोई सेवा दोष कारित नही किया है। परिवादी का परिवाद मय हर्जे खर्च के खारिज किये जाने की प्रार्थना की।
3 हमने विद्वान अभिभाषक परिवादी व अप्रार्थी की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
4 विद्वान अभिभाषक परिवादी व अप्रार्थी द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1. क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2. क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3. अनुतोष क्या होगा ?
5 बिन्दु संख्या 1:- जिसे साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आता है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आता हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पोषणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवादी ने अपने वाहन सं. आर जे 21 यूए 6170 का बीमा अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहा दिनांक 26.05.2012 से 25.05.2013 तक की अवधि के लिए कुल प्रीमियम 5,122 रू जमा कर पाॅलिसी सं. 33050031120100001597 जारी की गई जिसे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने भी माना है। इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है, फलतः बिन्दु संख्या 1 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।
6. बिन्दु संख्या 2:- जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटी के दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ? विद्वान परिवादी अभिभाषक की दलील है कि परिवादी का वाहन सं. आरजे 21 यूए 6170 दिनांक 28.12.2012 को दूर्घटनाग्रस्त हो गया जो कि दिनांक 26.05.2012 से 25.05.2013 तक की अवधि के लिए अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहा बीमित था। जिसकी रिपेयरिग के कार्य पर कुल 2,33,060 रू का खर्चा आया इस दूघर्टना की सूचना अप्रार्थी बीमा कम्पनी को भी दी थी जिस पर अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा दूर्घटनाग्रस्त वाहन व जगह का मौका मुआयना किया गया था जिस पर परिवादी ने मौका मुआयना, स्टीमेंट व अन्य दस्तावेज, सम्पूर्ण लागत के बिल क्लैम प्राप्ति हेतु बीमा कम्पनी को प्रस्तुत कर दिये थे लेकिन बीमा कम्पनी ने बिना किसी आधार के उसका क्लैम खारिज कर दिया गया। उनकी यह भी दलील है कि परिवादी अप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहा लगातार बीमा कराता आ रहा है। अतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी का क्लैम खारिज कर सेवा दोष कारित किया है उन्हे वाहन की क्षतिपूर्ति 2,33,060 रू मय हर्जा खर्चा व परिवाद व्यय की दिलायी जावे।
7. इसका प्रबल विरोध करते हुए विद्वान अप्रार्थी बीमा कम्पनी की दलील है कि परिवादी का क्लैम दिनांक 02.01.2014 को जिस आधार पर खारिज किया गया है वो सही है कोई सेवा दोष कारित नही किया है क्योकि उक्त वाहन सं. आरजे 21 यूए 6170 का वर्ष 2011-12 की जारी पाॅलिसी सं0 331402/31/11/010001137 के अन्तर्गत प्रार्थी ने जो दूर्घटना दिनांक 26.06.2011 घटित होने का क्लैम 2,52050 रू परिवादी द्वारा प्राप्त कर लिया था ओर परिवादी ने यह जानते हुए उसने पूर्व मे क्लैम प्राप्त कर लिया है। इसके पश्चात् उक्त वाहन का बीमा दिनांक 25.05.2012 को जारी पाॅलिसी सं.33050031120100001597 जो कि 26.05.2012 से 25.05.2013 तक वैद्य थी। जिस मे दिनांक 25.05.2012 को परिवादी ने झुठी घोषणा देकर नो क्लैम बोनस का लाभ प्राप्त किया इस प्रकार उक्त झुठी घोषणा देने व तथ्यों को छिपाकर नो क्लैम बोनस का लाभ प्राप्त किया है। जो पूर्णत बीमा शतों का उल्लघन है इस आधार पर परिवादी कोई क्लैम प्राप्त नही कर सकता। अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने क्लैम खारिज कर कोई सेवा दोष कारित नही किया है। परिवादी का परिवाद खारिज कर हर्जो खर्चा दिलाये जाने की प्रार्थना की।
8. उभयपक्षों के तर्को पर मनन किया गया पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का अघ्ययन किया गया। परिवादी का जो क्लैम बीमा कम्पनी ने दिनांक 02.01.2014 को खारिज किया गया है उसका आघार यह बताया गया है कि आपके वाहन की वर्ष 2011-12 हैतु जारी पाॅलिसी सं. 331402/31/11/01/00001131 के अन्तर्गत आप द्वारा वाहन की दूर्घटना जो दिनांक 02.06.2011 को घटित हुई थी। उसके अन्तर्गत राषि के 252050 रू का भुगतान रिपेयर 14.12.2011 को हुआ था। तत्पष्चात् आपके उक्त वाहन की बीमा पाॅलिसी जैसलमेर कार्यालय कार्यालय जो जोधपुर मण्डल के अन्तर्गत आता है। उससे आपने पाॅलिसी सं.33050031120100001597 बीमा अवधि 26.05.2012 से 25.05.2013 तक के लिये ली थी। तथा प्रस्ताव पत्र मे आप द्वारा अवगत कराया गया था कि उक्त वाहन पर कोई भी दावा पूर्व मे नही किया गया है। नो क्लैम बोनस के हकदार है जबकि आपके वाहन मे पूर्व मे दावा किया गया था इस कारण से तथ्यों को छिपाने व 20 प्रतिषत नो क्लैम राषि की छुट गलत तथ्य अवगत कराकर प्राप्त करने के कारण से यह दावा देय नही है।
9. क्लैम खारिज करने के तथ्य अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने अपने जवाब तथा शपथ पत्र मे भी प्रकट किया है कि वर्ष 2011-12 मे जारी पाॅलिसी सं.331402/31/11/010001137 के अन्तर्गत प्रार्थी ने दूर्घटना दिनांक 26.06.2011 घटित होने का क्लैम 2,52050 रू का क्लैम परिवादी द्वारा प्राप्त कर लिया था। जो पाॅलिसी नागौर से जारी की गई थी तथा पाॅलिसी के अनुसार मैसर्स नागौर आटोमोबाईलर्स पाईवेट लि. को राषि चुकता की गई थी। तथा नवीनीकरण के घोषणा पत्र मे यह जानते हुए भी कि प्रार्थी ने क्लैम पूर्व मे प्राप्त किया फिर भी झुठी घोषणा देकर नो क्लैम बोनस का लाभ प्राप्त किया प्रार्थी ने घोषणा देने मे पूर्व क्लैम प्राप्त किया उस तथ्य को छिपाते हुए नो क्लैम बोनस का लाभ प्राप्त किया अप्रार्थी ने अपने साक्ष्य के समर्थन मे प्रस्तुत दस्तावेज वाहन बीमा आवरण हैतु प्रस्ताव दिनांक 25.05.2012 मे यह घोषणा प्रस्ताव द्वारा की। कि मै/हम घोषणा करता/करते है कि जो ‘‘नो क्लैम बोनस‘‘ घोषित किया गया है वह सही है तथा अगर यह गलत पाया जाता है तो मेरी/हमारी पाॅलिसी निरस्त मानी जायेगी। उस पर स्वयं परिवादी मोहम्मद खाॅ के हस्ताक्षर है इस घोषणा के आधार पर बीमा कम्पनी द्वाारा परिवादी को पाॅलिसी सं.33050031120100001597 दिनांक 25.05.2012 मे 2623.54 रू ब्ंसबनसंजमक छब्ठ क्पेबवनदज का लाभ दिया गया जिसमे जिस पाॅलिसी मे परिवादी द्वारा कुल प्रीमियम 15,122 रू अदा किया गया तथा उक्त पाॅलिसी की अवधि दिनांक 26.05.2012 से 25.05.2013 तक वैद्य थी। उक्त पाॅलिसी से यह प्रमाणित है कि परिवादी के डिक्लेरेषन के आधार पर परिवादी को एनसीबी के तहत् 20 प्रतिषत छुट प्रीमियम की दी गई। तथा अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा पेष पाॅलिसी वर्ष 2011-12 मे जारी पाॅलिसी सं.331402/31/11/010001137 के अन्तर्गत प्रार्थी ने दूर्घटना दिनांक 26.06.2011 घटित होने का क्लैम 2,52050 रू का क्लैम परिवादी द्वारा प्राप्त कर लिया था। जो पाॅलिसी नागौर से जारी की गई थी तथा पाॅलिसी के अनुसार मैसर्स नागौर आटोमोबाईलर्स पाईवेट लि. को राषि चुकता की गई थी। इससे यह प्रकट है कि दूर्घटनाग्रस्त पाॅलिसी से पूर्व भी परिवादी ने उक्त वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर क्लैम लिया था लेकिन इस तथ्य को वाहन का बीमा दिनांक 25.05.2012 को जारी पाॅलिसी सं.33050031120100001597 जो कि 26.05.2012 से 25.05.2013 तक वैद्य थी। जिस मे दिनांक 25.05.2012 को परिवादी ने झुठी घोषणा देकर नो क्लैम बोनस का लाभ प्राप्त किया इस प्रकार उक्त झुठी घोषणा देने व तथ्यों को छिपाकर नो क्लैम बोनस का लाभ प्राप्त किया है। जो बीमा शर्तो का उल्लघन है। इस आधार पर परिवादी का क्लैम जो अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने खारिज किया गया है उसमे अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने कोई सेवा दोष कारित नही किया है।
अतः बिन्दू सं. 2 अप्रार्थी के पक्ष मे निस्तारित किया जाता है।
10. बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 2 अप्रार्थी के पक्ष में निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है जो अस्वीकार कर खारीज किया जाता है ।
ः-ः आदेष:-ः
परिणामतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थी के विरूद्व अस्वीकार किया जाकर खारीज किया जाता है । पक्षकारान अपना-अपना खर्चा स्वयं वहन करेंगें ।
( मनोहर सिंह नारावत ) (रामचरन मीना)
सदस्य, अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर।
आदेष आज दिनांक 03.12.2015 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
( मनोहर सिंह नारावत ) (रामचरन मीना)
सदस्य, अध्यक्ष,
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
जैसलमेर। जैसलमेर।