जिला फोरम उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, झुन्झुनू (राजस्थान)
परिवाद संख्या - 650/13
समक्ष:- 1. श्री सुखपाल बुन्देल, अध्यक्ष।
2. श्रीमती शबाना फारूकी, सदस्या।
3. श्री अजय कुमार मिश्रा, सदस्य।
औमप्रकाष स्वामी पुत्र श्री सागरमल जाति स्वामी निवासी धिन्धवा रोड़, पिलानी तहसील सूरजगढ़ जिला झुन्झुनू (राज.) - परिवादी
बनाम
1. दि न्यू इण्डिया एष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिये मुख्य प्रबंधक, दि न्यू इण्डिया एष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, न्यू इण्डिया एष्योरेंस बिल्डिंग, 87 एम.जी. रोड़, फोर्ट मुम्बई-400001
2. दि न्यू इण्डिया एष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिये शाखा प्रबंधक, दि न्यू इण्डिया एष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, जालान भवन, सीकर (राज0)
3. दि न्यू इण्डिया एष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड जरिये शाखा प्रबंधक, दि न्यू इण्डिया एष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, रोड़ नम्बर 3, गहलोत मोटर्स के सामने, झुंझुनू तहसील व जिला झुंझुनू (राज) - विपक्षीगण।
परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1. श्री राजेष पूनिया, अधिवक्ता - परिवादी की ओर से।
2. श्री अनवर हसऩ, अधिवक्ता - विपक्षीगण की ओर से।
- निर्णय - दिनांक: 29.04.2016
परिवादी ने यह परिवाद पत्र मंच के समक्ष पेष किया, जिसे दिनांक 05.12.2013 को संस्थित किया गया।
विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी औमप्रकाष स्वामी वाहन संख्या RJ-18 C.A.- 7350 का रजिस्टर्ड मालिक है। उक्त वाहन विपक्षी बीमा कम्पनी के शाखा कार्यालय, सीकर से दिनांक 31.07.2012 को बीमित करवाया था। इस प्रकार परिवादी, विपक्षी का उपभोक्ता है।
विद्धान अधिवक्ता परिवादी का बहस के दौरान यह भी कथन रहा है कि परिवादी का वाहन दिनांक 22.08.2012 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। परिवादी द्वारा तुंरत दुर्घटना की सूचना मोबाईल फोन के जरिये विपक्षी बीमा कम्पनी को दी गई । विपक्षी बीमा कम्पनी के सर्वेयर ने दुर्घटनास्थल पर जाकर दुर्घटनाग्रस्त वाहन के फोटोग्राफ व अन्य आवष्यक कार्यवाही की तथा 15-20 दिन में क्लेम राषि दिलवाने का आष्वासन दिया। परिवादी ने क्लेम से सम्बन्धित सभी आवष्यक कार्यवाही पूरी कर अपनी क्लेम फाईल विपक्षी बीमा कम्पनी के शाखा कार्यालय, सीकर में जमा करवादी। विपक्षी शाखा प्रबधक ने बताया कि परिवादी की क्लेम फाईल हैड आफिस से खारिज होकर आ गई है। इस प्रकार विपक्षी का उक्त कृत्य सेवा-दोष की श्रेणी में आता है।
अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादी ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार करने एंव विपक्षी से उक्त दुर्घटनाग्रस्त वाहन की क्लेम राषि 21,072/- रूपये मय ब्याज भुगतान दिलाये जाने का निवेदन किया।
विद्धान अधिवक्ता विपक्षी बीमा कम्पनी ने उक्त तर्को का विरोध करते हुए अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादी ने परिवाद पत्र में समस्त तथ्य झूठे अंकित किये है। वाहन संख्या RJ-18 C.A.- 7350 विपक्षी बीमा कम्पनी के शाखा कार्यालय, सीकर द्वारा दिनांक 31.07.2012 को बीमित नहीं किया गया है। उक्त वाहन के संबंध में तथाकथित दुर्घटना बाबत कोई सूचना विपक्षी बीमा कम्पनी को नहीं दी गई है तथा न ही परिवादी द्वारा कोई क्लेम आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया है। यदि परिवादी के पास कोई कवरनोट है तो वह फर्जी है। विपक्षी बीमा कम्पनी को गलत पक्षकार बनाया गया है।
अन्त में विद्धान् अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादी का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया।
उभयपक्ष के तर्को पर विचार कर पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया।
पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि परिवादी द्वारा वाहन संख्या RJ-18 C.A.- 7350 को विपक्षी बीमा कम्पनी के कार्यालय में दिनांक 31.07.2012 को बीमित नहीं कराया गया है। इस सम्बंध में श्री सुरेष कुमार माथुर बीमा कम्पनी के सर्वेयर द्वारा मण्डल कार्यालय, सीकर को पत्र जारी कर उक्त वाहन संख्या RJ-18 C.A.- 7350 के संबंध में जानकारी चाही है। उक्त सूचना के क्रम में विपक्षी बीमा कम्पनी के मण्डलय कार्यालय सीकर द्वारा स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि वाहन संख्या RJ-18 C.A.- 7350 का कवरनोट संख्या 51023127 उनके यहां से जारी नहीं किया गया है। परिवादी की ओर से परिवाद पत्र के साथ कवरनोट संख्या 51023127 की अस्पष्ट फोटो कोपी पेष की गई है, जिसमें परिवादी का नाम अवष्य दर्ज किया गया है परन्तु वाहन के नम्बर व रजिस्ट्रेषन नम्बर, चेसिस तथा इंजिन नम्बर आदि का इस कवरनोट में कोई उल्लेख नहीं किया गया है । वाहन किस तारीख से किस तारीख तक की अवधि के लिये बीमित किया गया है, इस प्रकार का उल्लेख भी उक्त कवरनोट में अंकित नहीं है। उक्त कवरनोट विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा जारी करने के संबंध में स्पष्ट रूप से इन्कार करते हुये कवरनोट फर्जी होना बताया है। परिवादी की ओर से प्रस्तुत कवरनोट विष्वास किये जाने योग्य नहीं है। इसके अतिरिक्त परिवादी की ओर से ऐसा कोई प्रलेख पेष नहीं किया गया है जिससे यह स्पष्ट हो कि वाहन संख्या RJ-18 C.A.- 7350 विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां वक्त दुर्घटना बीमित था।
पत्रावली के अवलोकन से यह भी स्पष्ट हो जाता है कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन वक्त दुर्घटना विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां बीमित नहीं था। इसलिये विपक्षीगण परिवादी को दुर्घटनाग्रस्त वाहन की क्षतिपूर्ति के लिये किसी भी तरह से उत्तरदायी नहीं है।
अतः उपरोक्त विवेचन के अनुसार परिवादी यह साबित करने में असफल रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन वक्त घटना विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां बीमित हो। इसलिये परिवादी का परिवादपत्र खारिज किये जाने योग्य है, जो एतद्द्वारा खारिज किया जाता है।
पक्षकारान खर्चा मुकदमा अपना-अपना वहन करेगें।
निर्णय आज दिनांक 29.04.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया।