Rajasthan

Kota

CC/175/2008

Nyodhyan Bai Meena - Complainant(s)

Versus

The New India Insurance company ltd., Manager - Opp.Party(s)

Dayaram sen

17 Apr 2015

ORDER

 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )

पीठासीनः- अध्यक्ष, श्री नंदलाल शर्मा, मेम्बर श्री महावीर तंवर

परिवाद संख्या:-   175/08

श्रीमती न्योध्यान बाई पत्नी नंदकिशोर मीणा आयु 47 वर्ष निवासी ग्राम बक्षपुरा तहसील लाडपुरा जिला कोटा।                               परिवादिया

                    बनाम
01.    दी न्यू इंडिया इंश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड उद्योग मार्ग, आकाश टाकीज के पीछे     एरोड्राम सर्किल कोटा राजस्थान। 
02.    दी न्यू इंडिया इंश्योरेन्स कंपनी लिमिटेडएवं पंजीकृत एवं प्रमुख कार्यालय न्यू     इंडिया इंश्योरेन्स बिल्डिंग 87, महात्मा गंाधी मार्ग, फोर्ट मुम्बई- 400023                                                                  अप्रार्थीगण


    प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थिति:-

01.    श्री दयाराम सेन,  अधिवक्ता, परिवादिया की ओर से।
02.    श्री संजीव जैन,अधिवक्ता, अप्रार्थीगण की ओर से। 

 

            निर्णय             दिनांक 17.04.15

    परिवादिया का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ जिसमें अंकित किया कि उसने दिनांक 25.04.05 को ग्राम बक्षपुरा में दुग्ध व्यवसाय के हेतु दो भैसे खरीद की थी, जिसका लोन सी.बी.आई बैक शाखा मंडाना ने 25,000/- रूपये स्वीकृत किया तथा 15,000/- स्वयं परिवादिया ने मिलाकर 40,000/- रूपये में खरीद की, जिसकी रसीद विक्रेता महोदय ने दी। दोनो भैसो के टेग नं. 10,841,10842 थे। उक्त भैसो का बीमा अप्रार्थीसं. 1 द्वारा किया गया था, जिसकी बीमा पालिसी  सं. 330901147/05/01/0000075 है। टेग नं. 10841 की मृत्यु बीमारी के कारण हो गई, टेग नं. 10842 की मृत्यु दिनांक 05.09.06 को बाढ आ जाने के कारण हो गई, जिसकी पुष्टि  चिकित्साधिकारी द्वारा की गई। उक्त दोनो भैसो का क्लेम बीमा कंपनी में पेश किया। बीमा कंपनी ने मनमाने तरीके से परिवादी के बीमा क्लेम को खारिज कर दिया। अप्रार्थीगण ने परिवादिया का बीमा क्लेम अप्रार्थीगण ने मनमाने तरीके से खारिज कर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये परिवादिया को अप्रार्थीगण से बीमा क्लेम की राशि,मानसिक संताप की राशि, परिवाद खर्च दिलवाया जावे। 

    अप्रार्थीगण ने परिवादिया के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि अप्रार्थीगण ने परिवादिया का बीमा क्लेम अस्वीकार कर उसकी सूचना परिवादिया को समय पर दे दी थी, इसमें अप्रार्थीगण ने परिवादिया की सेवा में कोई कमी नहीं की। टेग नं. 10841 भैस का क्लेम बीमा पालिसी के अनुसार प्रेगनेन्सी के दौरान पोइजन फैल जाने के कारण मृत्यु होने के लिये बीमा कंपनी उत्तरदायी नहीं है, टेग नं. 10842 भैस बाढ में बहने के कारण मृत्यु हुई है, मृत्यु के दिनांक के संबंध में अन्तर होने के कारण मृत्यु का क्लेम अस्वीकार किया है। परिवादिया ने उक्त दोनो भैसे दुग्य व्यवसाय के लिये खरीद की थी, इसलिये परिवादिया अप्रार्थीगण की उपभोक्ता नहीं है। परिवादिया का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे। 


    उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-

01.    क्या परिवादिया अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?

     उभय पक्षों की मौखिक बहस सुनने, प़त्रावली का अध्य्यन अवलोकन करने से यह स्पष्ट होता है कि परिवादिया ने अपने परिवाद की मद नं. 2 में अंकित किया है कि- उसने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा आयोजित शिविर दिनांक 25.04.05 ग्राम बक्षपुरा में दुग्ध व्यवसाय हेतु दौ भैसे खरीद की थी। उक्त कथन की पुष्टि परिवादिया ने अपने शपथ-प़त्र से एवं अप्रार्थीगण के जवाब के मद सं. 6 से होती है। परन्तु अप्रार्थीगण ने ऐसी कोई दस्तावेजात प्रस्तुत नहीं किये जिनसे परिवादिया दूध का व्यवसाय करती हो, अप्रार्थीगण ने परिवादिया के दुध की डेरी होना, दो से अधिक भैसों का होने के संबंध में न तो कोई शपथ-पत्र पेश किया है और ना ही अपने जवाब में उक्त कथन के संबंध में कोई टिप्पणी की। केवल मात्र अपने जवाब के पैरा नं. 6 में परिवादिया के द्वारा अपने परिवाद में दूध के व्यवसाय के लिये भैसे खरीदने लिखा, उसी को आधार बनाते हुये परिवादिया को उनकी उपभोक्ता नहीं माना। जबकि ऐसा प्रतीत होता है कि परिवादिया ने उक्त भैसो का दूध अपने स्वरोजगार के लिये बेचती हो जो उपभोक्ता अधिनियम के तहत उपभोक्ता की श्रेणी में आता है और परिवादिया, अप्राथीगण की उपभोक्ता है।   

02.    क्या अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?

    उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली का अध्य्यन अवलोकन करने पर यह स्पष्ट होता है कि उभय पक्ष इस बात पर सहमत है कि परिवादिया की भैसो की मृत्यु हुई है। उभय पक्ष में मतभेद इतना है कि परिवादिया कहती है कि टेग नं. 10.841 की मृत्यु बीमार होने के कारण उपचार के दौरान मृत्यु हुई और टेग नं. 10842 की मृत्यृ बाढ आ जाने के कारण हुई वही अप्रार्थीगण टेग नं. 10841 भैस का  मृत्यु का कारण प्रेगनेन्सी के दौरान पोइजन फैल जाना है, टेग नं. 10842 भैस बाढ में बहने के कारण मृत्यु होना बताता है और टेग नं.10842 की भैस के मरने की दिनांक में अन्तर बताता है। परिवादिया की उक्त भैसों की मरने की पुष्टि पशु चिकित्साधिकारी, राजकीय चिकित्सालय, विज्ञान नगर कोटा अपने पत्र दिनांक 15.05.06 से की है जिसमें अंकित किया कि - नोध्यान बाई  पत्नी नंदकिशोर मीण गांव बक्शपुरा तहसील लाडपुरा जिला कोटा की एक भैस बाढ में बह गई थी, दूसरी भैस टेग नं. 10842 बाढ समाप्त होने के बाद तलाश करने दिनांक 05.09.06 को मृत मिली, जिसको मैने स्वयं ने देखी थी, उक्त भैस की टेग उसके सामने  कान से निकाल कर परिवादिया को दी थी, से होती है। परिवादिया ने भैसो की मृत्यु दिनांक 02.10.06 बीमा क्लेम आवेदन में बताया था और परिवाद में व चिकित्सक के प्रमाण-पत्र में भैसो की मृत्यु दिनांक 05.09.06 को होना बताया, यह अन्तर आना भी स्वभाविक लगता है क्योंकि ग्रामीण क्षैत्र की महिला से जो कम पढी लिखी होती जिसने न तो आवेदन क्लेम भरा न परिवाद को लिखाया, यह दोनो कार्य किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा किये गये है, ऐसे में मृत्यु की दिनांक में अन्तर आना एक स्वभाविक तथ्य हैै। मृत्यु की दिनांक में अन्तर आने से बीमा क्लेम खारिज नहीं किया जा सकता। अप्रार्थीगण ने जिन कारणों से बीमा क्लेम खारिज करना बताया है, इस संदर्भ में बीमा पालिसी की कापी जिसमंे उक्त कारणों से बीमा क्लेम खारिज किया जा सकता है मंच में पेश नहीं किया है जिससे यह प्रमाणित हो सके कि उक्त कारण बीमा पालिसी में सम्मलित नहीं है, इसलिये बीमा क्लेम नियमानुसार खारिज किया गया। परन्तु अप्रार्थीगण ने परिवादिया का बीमा क्लेम मनमाने तरीके से खारिज कर परिवादिया की सेवा में कमी की है।  

03.    अनुतोष ?
    परिवादिया ने जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा आयोजित शिविर दिनांक 25.04.05 में दो भैसे 40,000/- रूपये में खरीद की थी और उनका बीमा होना और पालिसी जारी करना अप्रार्थीगण स्वीकार करते है तथा दिनांक 05.09.06 को दोनो भैसों की मृत्यु हो गई, और उनका बीमा क्लेम मनमाने तरीके से खारिज अप्रार्थीगण द्वारा किया गया है, इसलिये अप्रार्थीगण संयुक्त रूप से या पृथक-पृथक रूप से परिवादिया उक्त दोनो भैसो की खरीद राशि 40,000/- रूपये, मानसिक क्षति, परिवाद खर्च प्राप्त करने की अधिकारी है। 
     


                
                आदेश 

     परिवादिया न्योधान बाई का परिवाद  संयुक्त रूप से या पृथक-पृथक रूप से अप्रार्थीगण के खिलाफ  आंशिक रूप से स्वीकार  किया जाकर आदेश दिया जाता है  कि:-

01.    अप्रार्थीगण परिवादिया को 40,000/- रूपये भैसो की खरीद के अदा करे।
02.    अप्रार्थीगण परिवादिया को 2,000/- रूपये, अक्षरे दो हजार रूपये, मानसिक संताप     के, 2,000/- रूपये, अक्षरे दो हजार रूपये परिवाद खर्च के अदा करे।   

03.    अप्रार्थीगण आदेश की पालना निर्णय की दिनांक से दो माह के अंदर करे। 


     (महावीर तंवर)                (नंदलाल शर्मा)
        सदस्य                       अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा           मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

    निर्णय आज दिनांक 17.04.15 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।


   सदस्य                            अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा            मंच, झालावाड, केम्प कोटा।

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