राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-1423/2019
कैंसर एड सोसाइटी, 2ए, प्रथम तल, रीजेंसी अवध कॉम्प्लेक्स, चौक, लखनऊ द्वारा पीयूष गुप्ता, कैंसर एड सोसाइटी के पीईओ, चौक, लखनऊ।
........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1- दि ब्रांच मैनेजर, सैमसंग इण्डिया लिमिटेड, 8 नंबर, चौहारा, निराला नगर, लखनऊ।
2- सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्रॉनिक्स प्रा0लि0, 7, 8वॉ तल, आईएफसीआई टॉवर, 61 नेहरू प्लेस, नई दिल्ली-19
3- सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्रॉनिक्स प्रा0लि0, सैमसंग पार्ट बी-1, सेक्टर 81, फेज-।।, नोएडा, यूपी-201305
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
अपीलार्थी की ओर से : डॉ0 पियूष गुप्ता
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : श्री मुजीब एफेण्डी
दिनांक :- 08.02.2023
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ कैंसर एड सोसाइटी द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद सं0-496/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.11.2019 के विरूद्ध योजित की गई है।
दौरान बहस अपीलार्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित डा0 पियूष गुप्ता द्वारा इस न्यायालय का ध्यान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा
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पारित निर्णय/आदेश के पृष्ठ सं0-4 के उपरोक्त प्रस्तर की ओर आकर्षित किया गया, जो कि निम्नवत है:-
''अभिलेख अवलोकन से यह प्रतीत होता है कि परिवादी को आखिरी बार कैम कार्डर बदलकर दिनांक 25.3.2006 को दिया गया। यदि परिवादी का कथन मान भी लिया जाए तब भी उसकी वारण्टी दिनांक 24.3.2007 तक है और अंतिम बार भी वाद दिनांक 24.3.2009 तक दाखिल हो जाना चाहिए था, क्योंकि वाद का कारण उत्पन्न होने के दो वर्ष के अन्दर वाद दायर हो जाना चाहिए। परन्तु प्रस्तुत वाद दिनांक 08.3.2009 को दायर हुआ है। अत: परिवाद पत्र समय सीमा से बाधित है।''
उपरोक्त प्रस्तर के परिशीलन से यह तथ्य उल्लिखित पाया गया कि जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा स्वयं में जो तथ्य अथवा तिथि का आंकलन उपरोक्त निर्णय में उल्लिखित किया है, वह वास्तव में वाद दायर करने के समय से सम्बन्धित है एवं विरोधाभाषी है।
प्रथम दृष्टया हमारे विचार से अपीलार्थी/परिवादी द्वारा उल्लिखित उपरोक्त कथन सुसंगत प्रतीत होते है, तद्नुसार बिना किसी गुणदोष पर विचार एवं टिप्पणी किये प्रस्तुत अपील इस प्रकार निर्णीत की जाती है अर्थात विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद सं0-496/2009 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 13.11.2019 अपास्त किया जाता है तथा प्रकरण सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को इस आग्रह के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त परिवाद सं0-496/2009 को अपने पुराने नम्बर पर पुनर्स्थापित कर उभय पक्ष को साक्ष्य एवं सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए परिवाद का गुणदोष के आधार पर निस्तारण, इस आदेश की प्राप्ति से 03 माह की
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अवधि में बिना किसी पक्ष को स्थगन प्रदान करते हुए करना सुनिश्चित करें।
इस आदेश की प्रति अपीलार्थी/परिवादी द्वारा दिनांक 28.02.2023 अथवा उससे पूर्व जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख प्रस्तुत की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वइ इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश सिंह
वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,
कोर्ट नं0-1