राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
मौखिक
अपील संख्या-२४३९/२०१५
(जिला मंच, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-३५९/२०१२ में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक ०९-०६-२०१५ के विरूद्ध)
जंग बहादुर पुत्र श्री भिक्खू निवासी २५-ए, बंगाली कालोनी, सफीपुर, हरजेन्दर नगर, कानपुर नगर। ................... अपीलार्थी/परिवादी सं0-१.
बनाम
१. टाटा मोटर्स स्थित ८४/१०५, प्रथम तल जुगल भवन अफीम कोठी, जी0टी0 कानपुर नगर।
२. टाटा मोटर्स लि0 पंजीकृत कार्यालय बॉम्बे हाउस २४ होमी मोदी स्ट्रीट मुम्बई-४००००१.
३. मोटर फेब्स सेल्स प्रा0लि0 कमता चिनहट फैजाबाद रोड, लखनऊ।
४. मोटर फैब्स सेल्स प्रा0लि0 ऑथराइज्ड डीलर फार टाटा डीजल हैवी व्हीकल्स ११ एम0जी0 रोड हजरतगंज, लखनऊ।
.................... प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
५. श्याम सुन्दर पुत्र श्री गोविन्द पाल निवासी ६१, चकेरी पोस्ट सनिगंवा कानपुर नगर।
................... प्रत्यर्थी/परिवादी सं0-२.
समक्ष:-
१. मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य ।
२. मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- कोई नहीं।
प्रत्यर्थी सं0-१ व २ की ओर से उपस्थित :- श्री राजेश चड्ढा विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-३ की ओर से उपस्थित :- श्री राजेश पाण्डेय विद्वान अधिवक्ता।
शेष प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : १६-०४-२०१९.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
आज यह पत्रावली प्रस्तुत हुई। अपीलार्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी सं0-१ व २ की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी सं0-३ व ४ पर नोटिस की तामील आदेश दिनांक २८-०९-२०१६ द्वारा पर्याप्त मानी जा चुकी है। प्रत्यर्थी सं0-३ की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश पाण्डेय उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी सं0-४ व ५ की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी सं0-५ मूल परिवाद में सह-परिवादी है।
-२-
प्रत्यर्थी सं0-१ व २ की ओर से अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के विरूद्ध आपत्ति प्रस्तुत की गई। अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के सन्दर्भ में प्रत्यर्थी सं0-१ व २ के विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश चड्ढा तथा प्रत्यर्थी सं0-३ के विद्वान अधिवक्ता श्री राजेश पाण्डेय को सुना गया तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, कानपुर नगर द्वारा परिवाद सं0-३५९/२०१२ में पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक ०९-०६-२०१५ के विरूद्ध योजित की गयी है।
पत्रावली के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रश्नगत निर्णय दिनांक ०९-०६-२०१५ को पारित किया गया। निर्विवाद रूप से प्रश्नगत निर्णय की प्रमाणित प्रति अपीलार्थी/परिवादी को ११-०६-२०१५ को प्राप्त हुई तथा प्रस्तुत अपील दिनांक २७-११-२०१५ को योजित की गई। इस प्रकार यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-१५ के अन्तर्गत निर्धारित समय सीमा से ०४ माह से अधिक विलम्ब से योजित की गई है। अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के समर्थन में परिवादी जंग बहादुर ने अपना शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। शपथ पत्र के अभिकथनों के अनुसार परिवादी द्वारा यह अभिकथित किया गया है कि अपीलार्थी द्वारा प्रश्नगत निर्णय की प्रमाणित प्रतिलिपि दिनांक ११-०६-२०१५ को प्राप्त की गई। तदोपरान्त अपने अधिवक्ता से उन्होंने जुलाई २०१५ के अन्तिम सप्ताह में सम्पर्क किया, जिन्होंने अपील योजित किए जाने का परामर्श दिया। अपीलार्थी ने तदोपरान्त अपने स्थानीय अधिवक्ता से भेंट की किन्तु परिवादी दिनांक ०१-०८-२०१५ तक वाइरल फीवर से पीडि़त रहा। अत: उसने लखनऊ में दिनांक ०३-०८-२०१५ को अधिवक्ता नियुक्त किया तब यह अपील योजित की गई। उल्लेखनीय है कि अपीलार्थी ने अपनी अस्वस्थता के सन्दर्भ में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं की है। साथ ही यह भी उल्लेखनीय है कि स्वयं अपीलार्थी यह स्वीकार करता है कि उसे अपील दाखिल करने हेतु अपने अधिवक्ता को दिनांक ०३-०८-२०१५ को नियुक्त कर लिया था। दिनांक ०३-०८-२०१५ के बाद से दिनांक
-३-
२७-११-२०१५ के बीच की अवधि के विलम्ब का कोई स्पष्टीकरण अपीलार्थी द्वारा नहीं दिया गया है। ऐसी परिस्थिति में अपील के प्रस्तुतीकरण में हुए विलम्ब को क्षमा किए जाने हेतु प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में दिया गया स्पष्टीकरण सन्तोषजनक न होने के कारण अपील कालबाधित है। तद्नुसार अपील कालबाधित होने के कारण सुनवाई हेतु अंगीकृत किए जाने योग्य नहीं है तथा अपील अंगीकरण के स्तर पर निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील कालबाधित होने के कारण अंगीकरण के स्तर पर निरस्त की जाती है।
इस अपील का व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना वहन करेंगे।
पक्षकारों को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी) (गोवर्द्धन यादव)
पीठासीन सदस्य सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-२.