Uttar Pradesh

StateCommission

A/1235/2019

Rajpati Singh Kishwaha - Complainant(s)

Versus

Tata Motors varanasi Auto Seles Ltd - Opp.Party(s)

Anup Kashyap

01 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1235/2019
( Date of Filing : 18 Oct 2019 )
(Arisen out of Order Dated 19/09/2019 in Case No. C/09/2017 of District Varanasi)
 
1. Rajpati Singh Kishwaha
S/O Sri Brijlal Singh R/O Village and Post Rehati Malipur Distt. Ghazipur Presently R/O House No. B-37/170 A-2 C Virdopur Bhelupur Varanasi
...........Appellant(s)
Versus
1. Tata Motors varanasi Auto Seles Ltd
G.T. Road Alaipur Varanasi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 01 Dec 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1235/2019

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्‍या 09/2017 में पारित आदेश दिनांक 19.09.2019 के विरूद्ध)

राजपति सिंह कुशवाहा पुत्र बृजलाल सिंह निवासी- ग्राम व पोस्‍ट – रेहटी मालीपुर, जिला- गाजीपुर, वर्तमान निवासी- मकान नं0-बी. 37/170 ए-2 सी. विरदोपुर भेलूपुर, वाराणसी                     

                             ........................अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

1. टाटा मोटर्स वाराणसी आटो सेल्‍स लिमिटेड, जी0टी0 रोड अलईपुर वाराणसी

2. टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड, बिल्डिंग ''ए'' द्वितीय तल लोधा-1 थिंक टेक्‍नो कैम्‍पस आफ पोखरण रोड-2 थाने (वेस्‍ट) 400607 द्वारा मैनेजर                          

                                ...................प्रत्‍यर्थी/विपक्षीगण

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री प्रेम प्रकाश पाण्‍डेय,                                                        

                            विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री डी0एन0 साहा,                   

                          विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक: 01.12.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील अपीलार्थी द्वारा इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्‍या-09/2017 राजपति सिंह बनाम टाटा मोटर्स व एक अन्‍य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 19.09.2019 के विरूद्ध योजित की गयी है।

प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश के द्वारा जिला उपभोक्‍ता आयोग ने उपरोक्‍त परिवाद खारिज किया है।

संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी द्वारा दिनांक 26.02.2013 को विपक्षी संख्‍या-1 से एक वाहन खरीदने हेतु  वित्‍तपोषण

 

 

 

-2-

कराया तथा दिनांक 26.02.2013 को ऋण/वित्‍त पोषण इकरारनामा पक्षकारों के मध्‍य निष्‍पादित हुआ। कुल वित्‍त पोषण 11,50,000/-रू0 का हुआ तथा 47 किस्‍तों में मु0 36,800/-रू0 जमा करना तय हुआ तथा परिपक्‍वता तिथि दिनांक 02.02.2017 निर्धारित हुई।

परिवादी का कथन है कि परिवादी द्वारा उक्‍त ऋण से एक माल वाहक वाहन टाटा खरीदा गया तथा उसका पंजीकरण कराया गया तथा अपनी आजीविका हेतु स्‍वरोजगार में प्रयोग किया गया। परिवादी द्वारा 2,43,000/-रू0 जमा किया गया, परन्‍तु आर्थिक संकट के कारण किस्‍तों को जमा नहीं कर पाया। विपक्षी के कर्मचारी द्वारा दिनांक 05.09.2014 को जबरदस्‍ती उक्‍त वाहन को परिवादी के घर से ले जाकर अपने यहॉं रख लिया गया तथा यह कि वाहन ले जाने के पूर्व विपक्षी द्वारा परिवादी को कोई नोटिस नहीं दी गयी तथा बिना नोटिस दिये वाहन को ले जाने का कोई अधिकार विपक्षी को नहीं था। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादी द्वारा विपक्षीगण के विरूद्ध जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख परिवाद योजित करते हुए वांछित अनुतोष की मांग की गयी।

विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्‍तुत किया तथा परिवाद पत्र का विरोध करते हुए परिवाद निरस्‍त किये जाने की मांग की।

प्रत्‍यर्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री डी0एन0 साहा द्वारा अवगत कराया गया कि यद्यपि जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय में भी यह स्‍पष्‍ट रूप से उल्लिखित किया गया कि पक्षकारों के मध्‍य जो विवाद था वह आर्बिट्रेशन के अन्‍तर्गत आर्बिट्रेटर द्वारा निर्णीत किया जा चुका है। तदनुसार उक्‍त तथ्‍यों को उल्लिखित करते हुए एवं जिला                   उपभोक्‍ता आयोग के सम्‍मुख उद्धरित माननीय राष्‍ट्रीय आयोग एवं माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्णयों को दृष्टिगत रखते हुए जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा क्षेत्राधिकार के बिन्‍दु पर परिवाद निरस्‍त किया गया।

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री प्रेम प्रकाश पाण्‍डेय एवं प्रत्‍यर्थी  की  ओर  से  उपस्थित  विद्वान  अधिवक्‍ता              

 

 

-3-

श्री डी0एन0 साहा को सुना गया, जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का सम्‍यक परीक्षण एवं परिशीलन किया गया तथा यह तथ्‍य स्‍पष्‍ट रूप से पाया गया कि पक्षकारों के मध्‍य विवाद के सम्‍बन्‍ध में आर्बिट्रेशन की प्रक्रिया सम्‍पादित की जा चुकी है, तदनुसार क्षेत्राधिकार के बिन्‍दु पर विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो निर्णय पारित किया गया है एवं परिवाद निरस्‍त किया गया है, वह पूर्णत: विधि अनुसार है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

                           (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           

                          अध्‍यक्ष            

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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