(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 2942/2000
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वितीय, मुरादाबाद द्वारा परिवाद सं0- 813/1998 में पारित निर्णय और आदेश दि0 31.10.2000 के विरूद्ध)
Moradabad development authority through its Vice Chairman.
……..Appellant
Versus
Suresh kumar chandravanshi, son of Sri chetram, resident of Mohallah, kisrol Rani ka Phatak, Moradabad.
……….Respondent
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री सर्वेश कुमार शर्मा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से : श्री आलोक सिन्हा,
विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक:- 12.01.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 813/1998 सुरेश कुमार चन्द्रवंशी बनाम मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में पारित निर्णय एवं आदेश दि0 31.10.2000 के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के अंतर्गत यह अपील प्रस्तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग द्वितीय, मुरादाबाद द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी को निर्देशित किया गया है कि अंकन 1200/-रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त भूमि का मूल्य प्राप्त किया जाए और कार्नर शुल्क के रूप में 16,653/-रू0 की मॉंग निरस्त की जाती है।
2. परिवाद पत्र के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी ने दीन दयाल नगर फेस- 2 आवासीय योजना मुरादाबाद में भूखण्ड सं0- 133 बी 120 वर्गमीटर अंकन 28,800/-रू0 में आरक्षित कराया था। फ्री होल्ड शुल्क 21,982/-रू0 तथा कार्नर शुल्क 16,653/-रू0 एवं अतिरिक्त भूमि का मूल्य 1650/-रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से प्राधिकरण द्वारा मॉंगा गया। प्रत्यर्थी/परिवादी का कथन है कि अंकन 16,653/-रू0 प्रत्यर्थी/परिवादी से वसूल नहीं किया जाना चाहिए और अतिरिक्त भूमि का मूल्य केवल 1200/-रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से ही वसूल किया जाना चाहिए।
3. अपीलार्थी/विपक्षी का कथन है कि प्रत्यर्थी/परिवादी उपभोक्ता नहीं है। यह भी उल्लेख है कि प्रत्यर्थी/परिवादी से केवल 1,82,922/-रू0 जमा कराए गए हैं, शिकायत निरर्थक है।
4. दोनों पक्षकारों को सुनने के पश्चात विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग द्वारा उपरोक्त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, जिससे इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि यह आदेश विधि विरुद्ध है। अपीलार्थी द्वारा केवल कीमत के अन्दर की धनराशि जमा करने के लिए प्रत्यर्थी/परिवादी से कहा गया था। विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग का यह आदेश विधि विरुद्ध है कि केवल 1200/-रू0 प्रति वर्गमीटर की दर से अतिरिक्त भूमि का मूल्य वसूला जाए।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री सर्वेश कुमार शर्मा और प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आलोक सिन्हा के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।
6. प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी को आवंटित भूखण्ड में जो अतिरिक्त भूखण्ड दस प्रतिशत क्षेत्रफल से अधिक नहीं है। इसलिए उसी दर से अतिरिक्त भूखण्ड की कीमत वसूल की जानी चाहिए, जिस दर से मूल भूखण्ड आवंटित किया गया है। अत: विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग द्वारा पारित निर्णय विधि सम्मत है। निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि इस निर्णय में यह निष्कर्ष नहीं दिया गया है कि कार्नर चार्ज प्राधिकरण द्वारा क्यों नहीं वसूल किया जाना चाहिए? कोने पर स्थित भूखण्ड का अतिरिक्त शुल्क सामान्यत: वसूल किया जाता है। इस बिन्दु पर कोई निष्कर्ष दिए बिना केवल आदेश में यह उल्लेख करना कि कार्नर शुल्क के रूप में 16,653/-रू0 वसूल न किया जाए विधि सम्मत आदेश नहीं है। अत: अपील अंशत: स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
7. अपील अंशत: स्वीकार की जाती है। कार्नर शुल्क से सम्बन्धित आदेश अपास्त किया जाता है। विद्वान जिला उपभोक्ता फोरम/आयोग द्वारा पारित शेष निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
8. अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 2