राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील सं0-१४४३/२००६
(जिला मंच, हरदोई द्वारा परिवाद सं0-१४७/२००५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १९-०५-२००६ के विरूद्ध)
श्री बालाजी ट्रैक्टर्स बजाज एजेन्सी के सामने लखनऊ रोड सुम्बाबाग कस्बा परगना व तहसील सण्डीला जिला हरदोई द्वारा प्रोपराइटर राजेश सोनी।
............. अपीलार्थी/विपक्षी।
बनाम
सुनील कुमार सक्सेना पुत्र श्री शिव गोपाल सक्सेना निवासी मोहल्ला कैथल सराय कस्बा, परगना व तहसील सण्डीला जिला हरदोई।
............ प्रत्यर्थी/परिवादी।
समक्ष:-
१- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री मनोज मोहन विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी/परिवादी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक :- १४-११-२०१७.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, जिला मंच, हरदोई द्वारा परिवाद सं0-१४७/२००५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १९-०५-२००६ के विरूद्ध योजित की गयी है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि प्रत्यर्थी/परिवादी के कथनानुसार उसने दिनांक ०६-०६-२००४ को पैनासोनिक बैटरी ५,२८०/- रू० में अपीलार्थी से क्रय की थी जिसकी एक वर्ष की गारण्टी बताई गई थी। एक वर्ष के अन्दर यदि कोई खराबी आती हे तो उसे नि:शुल्क ठीक किया जाना तथा अधिक खराबी आने पर पुरानी बैटरी के स्थान पर नई बैटरी दी जानी थी। परिवादी की बैटरी केवल चार माह ही सही तरीके से चली। उसके बाद उसका वोल्टेज डाउन हो गया तथा वह कार्य करने लायक नहीं रही। परिवादी अपनी बैटरी अपीलार्थी के पास ले गया तब अपीलार्थी ने परिवादी की बैटरी उसी समय सही
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करवा दी तथा कहा कि अब यह नहीं खराब होगी। करीब १५ दिन बाद पुन: परिवादी की बैटरी खराब हो गई। परिवादी इस बीच कई बार अपनी बैटरी सही कराने के लिए ले गया किन्तु अपीलार्थी द्वारा परिवादी की बैटरी सही नहीं की गई। दिनांक २०-०१-२००५ को परिवादी अपनी बैटरी अपीलार्थी के पास ले गया तथा काफी कहा-सुनी हुई। इस पर अपीलार्थी ने परिवादी की बैटरी रख ली तथा कहा कि इस पर हम कम्पनी वालों से बात करेंगे तथा सही न होने पर नई बैटरी देंगे। दिनांक २०-०१-२००५ के बाद परिवादी अपीलार्थी के पास कई बार गया तथा अपनी बैटरी की बाबत् जानकारी चाही किन्तु अपीलार्थी ने परिवादी की बैटरी वापस नहीं दी और न ही बैटरी के सन्दर्भ में कोई स्पष्ट जानकारी दी तथा परिवादी को गुमराह करता रहा। परिवादी ने अपीलार्थी को जरिए यू0पी0सी0 नोटिस दी किन्तु नोटिस का कोई उत्तर नहीं दिया गया और न ही बैटरी वापस की गई। अत: नई पैनासोनिक बैटरी अथवा ५,२८०/- रू० अदा कराने तथा मानसिक कष्ट के रूप में ५,०००/- रू० तथा वाद व्यय के रूप में १,०००/- रू० अदा कराने हेतु परिवाद जिला मंच के समक्ष योजित किया गया।
अपीलार्थी द्वारा प्रतिवाद पत्र जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रतिवाद पत्र में अपीलार्थी ने दिनांक ०६-०६-२००४ को अपीलार्थी द्वारा पैनासोनिक बैटरी परिवादी द्वारा क्रय किया जाना स्वीकार किया। अपीलार्थी के कथनानुसार दिनांक १३-०४-२००५ को परिवादी बैटरी लेकर आया तब बैटरी का टर्मीनल टूटा हुआ था। अपीलार्थी ने कहा कि इसका क्लेम नहीं हो पायेगा लेकिन परिवादी ने अपीलार्थी का कहना नहीं माना एवं अपीलार्थी को धमकी दी और कहा कि परिवादी की बैटरी का क्लेम कराकर नई दे दो अन्यथा अपीलार्थी को बहुत बुरा अन्जाम भुगतना पड़ेगा और परिवादी बैटरी छोड़ गया। दिनांक १३-०४-२००५ को जे0एस0 डिस्ट्रीबूटर्स पटेल नगर आलमबाग लखनऊ को क्लेम के लिए भेज दिया, जिसका किराया भाड़ा अपीलार्थी ने अदा किया। दिनांक ०२-०५-२००५ को अपीलार्थी ने क्लेम के लिए जो पैनासोनिक कम्पनी की बैटरी भेजी थी वह बैटरी पोल डेमेज रिजैक्ट होकर दिनांक १२-०५-२००५ को ट्रान्सपोर्ट तिवारी रोड लाइन्स द्वारा वापस भेजी गई। अपीलार्थी ने परिवादी को सूचना दे दी कि उसकी बैटरी वापस आ गई है जो
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तिवारी ट्रान्सपोर्ट पर है जिसका क्लेम रिजैक्ट कर दिया गया है क्योंकि वारण्टी के नियमानुसार क्लेम पोल डैमेज बैटरी का नहीं हो सकता है। परिवादी जानबूझकर अपीलार्थी के पास न आ कर स्वयं तिवारी रोड लाइन्स में चला गया और वहॉं मैनेजर से कहा कि जो बैटरी आयी है वह उसे दे दें। मैनेजर ने कहा कि बैटरी को नहीं देंगे, जब तक कि कोई पर्चा लिखाकर नहीं लाया जाय। इस पर परिवादी वहॉं से चला गया किन्तु थोड़ी देर बार एक पर्चा लिखवाकर लाया तथा उस पर अपीलार्थी के फर्जी हस्ताक्षर व फर्जी मोहर लगी थी जिसे दिखाकर अपीलार्थी से छल-कपट करके अपनी बैटरी जिसका नम्बर ६२१३१ था, वहॉं से दिनांक ०३-०५-२००५ को ले गया। परिवादी ने असत्य कथनों के आधार पर परिवाद योजित किया।
विद्वान जिला मंच ने प्रश्नगत निर्णय द्वारा परिवादी का परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी को निर्देशित किया कि वह निर्णय के एक माह के अन्दर परिवादी को नई बैटरी पैनासोनिक दे अथवा उसका मूल्य ५,२८०/- रू० वापस करे। ऐसा न करने पर अपीलार्थी द्वारा मूल्य पर दिनांक २४-०५-२००५ से ०६ प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दरसे अदायगी होने तक ब्याज देय होगा। परिवादी को ५००/- रू० बतौर खर्चा मुकदमा दिलाया जाय।
इस निर्णय से क्षुब्ध होकर यह अपील योजित की गयी।
हमने अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री मनोज मोहन के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। प्रत्यर्थी पर आदेश दिनांक १४-०९-२०१७ द्वारा नोटिस की तामील पर्याप्त मानी जा चुकी है। प्रत्यर्थी की ओर से तर्क प्रस्तुत करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।
अपीलार्थी की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि विद्वान जिला मंच ने अपीलार्थी के प्रतिवाद पत्र के अभिकथनों तथा पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत की गई साक्ष्य का उचित परिशीलन न करते हुए प्रश्नगत निर्णय पारित किया है। विद्वान जिला मंच द्वारा इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया गया कि दिनांक १३-०४-२००५ को परिवादी जब अपीलार्थी की दुकान पर उपरोक्त बैटरी लाया था तब बैटरी का टर्मीनल टूटा हुआ था। अपीलार्थी ने
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उसी समय परिवादी को सूचित कर दिया था कि यह क्लेम पास नहीं हो पायेगा क्योंकि टर्मिनल का टूटना बैटरी की वारण्टी में नहीं आता है। परिवादी के धमकी देने पर अपीलार्थी ने परिवादी की सन्तुष्टि के लिए अपने खर्चे से बैटरी कम्पनी को दिनांक १३-०४-२००५ को भेजी और दिनांक ०२-०५-२००५ को कम्पनी ने बैटरी का क्लेम रिजैक्ट कर वापस भेज दिया। विद्वान जिला मंच ने इस तथ्य पर भी ध्यान नहीं दिया कि अपीलार्थी ने क्लेम रिजैक्ट होने की सूचना व तिवारी रोड लाइन्स पर बैटरी वापसी की सूचना परिवादी को दी और उसे यह भी बताया कि क्लेम पोल डैमेज बैटरी का नहीं हो सकता। विद्वान जिला मंच ने इस तथ्य पर भी ध्यान नहीं दिया कि परिवादी ने अपीलार्थी के पास आकर अपनी रिजैक्ट बैटरी की मांग नहीं की बल्कि तिवारी रोड लाइन्स चला गया और वहॉं अपीलार्थी के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर ट्रान्सपोर्ट कम्पनी के मैनेजर से छल-कपट करके बैटरी प्राप्त कर ली।
प्रश्नगत निर्णय के अवलोकन से यह विदित होता है कि विद्वान जिला मंच ने परिवादी द्वारा जमा की बैटरी परिवादी को वापस प्राप्त होना प्रमाणित न मानते हुए प्रश्नगत निर्णय पारित किया है। इस सन्दर्भ में उल्लेखनीय है कि अपीलार्थी ने प्रतिवाद पत्र के अभिकथनों में परिवादी द्वारा छल-कपट करके तिवारी रोड लाइसन्स से अपनी बैटरी प्राप्त होना अभिकथित किया है। इस सन्दर्भ में अपीलार्थी के मालिक श्री राजेश कुमार सोनी ने शपथ पत्र भी जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत किया गया तथा तत्सम्बन्धी अभिलेख भी प्रस्तुत किए गये। इस सन्दर्भ में प्रतिवाद पत्र के अभिकथन एवं अपीलार्थी द्वारा प्रेषित किए गये शपथ पत्र के विरूद्ध कोई प्रतिशपथ पत्र प्रत्यर्थी द्वारा जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। अत: इस सन्दर्भ अपीलार्थी के अभिकथन को अस्वीकार किए जाने का कोई औचित्य नहीं था। अपीलार्थी द्वारा जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत अभिलेख जिनकी फोटोप्रति अपील मेमो के साथ दाखिल की गई है के अवलोकन से यह विदित होता है कि प्रश्नगत बैटरी का टर्मीनल टूटा हुआ था और इस बैटरी को निर्माता कम्पनी के अधिकृत एजेण्ट द्वारा बदला जाना अस्वीकार कर दिया गया। अपीलार्थी द्वारा प्रश्नगत बैटरी के सन्दर्भ में दी गई वारण्टी की फोटोप्रति भी दाखिल की
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गई जिसमें यह तथ्य उल्लिखित है कि क्रेता की लापरवाही के कारण बैटरी का कोई भाग टूट जाने के कारण वारण्टी प्रभावी नहीं होगी।
उपरोक्त तथ्यों के आलोक में हमारे विचार से विद्वान जिला मंच ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य का उचित परिशीलन न करते हुए प्रश्नगत निर्णय पारित किया है। अत: प्रश्नगत निर्णय अपास्त किए जाने योग्य है। अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील स्वीकार की जाती है। जिला मंच, हरदोई द्वारा परिवाद सं0-१४७/२००५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १९-०५-२००६ अपास्त किया जाता है।
इस अपील का व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट नं.-३.