(राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0 लखनऊ)
सुरक्षित
अपील संख्या 2353/1998
(जिला मंच रामपुर द्वारा परिवाद सं0 119/1997 में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 06/08/1998 के विरूद्ध)
1- द मैनेजर, यूरिका फारविस लि0, अपोजिट कोतवाली, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश।
2- यूरिका फारविस लि0, 7, चकबेरिया रोड, (साउथ) कोलकाता ।
…अपीलार्थीगण/विपक्षीगण
बनाम
शुलभराज गुप्ता पुत्र स्व0 श्री पृथ्वी राज गुप्ता, निवासी- मिष्ठान गंज, रामपुर उत्तर प्रदेश।
.........प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:
1. मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठासीन सदस्य ।
2. मा0 श्री संजय कुमार, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : विद्वान अधिवक्ता श्री बी0के0 उपाध्याय।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 23/08/2016
मा0 श्री जितेन्द्र नाथ सिन्हा, पीठा0 सदस्य द्वारा उदघोषित ।
निर्णय
परिवाद सं0 119/1997 शुलभ राज गुप्ता बनाम मे0 यूरिका फारविस लि0 में जिला मंच रामपुर द्वारा दिनांक 06/08/1998 को निर्णय पारित करते हुए निम्नलिखित आदेश पारित किया गया:-
‘’ आवेदन पत्र स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेश दिया जाता है कि वे इस आदेश के 15 दिन के अंदर परिवादी को रामपुर आकर पुराने पयोरोफाइर के स्थान पर नया वाटर पयोरोफाइर दें अन्यथा वाटर पयोरोफाइर का मूल्य रूपये 5000/ रूपये दें। विपक्षीगण को यह भी आदेश दिया जाता है कि वह आज की तिथि के 15 दिन के अंदर 5000/ रूपये क्षतिपूर्ति दें।‘’
उक्त वर्णित निर्णय/आदेश से क्षुब्ध होकर अपीलार्थीगण/विपक्षीगण द्वारा वर्तमान अपील प्रस्तुत किया गया है।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री बी0के0 उपाध्याय उपस्थित हैं। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना गया एवं प्रश्नगत निर्णय तथा पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों का परिशीलन किया गया।
परिवाद पत्र का अभिवचन संक्षेप में इस प्रकार है कि विपक्षी सं0 1 विपक्षी सं0 2 का एजेन्ट है। परिवादी ने विपक्षी सं01 से अपने निवास पर वाटर टेप में लगाने हेतु एक वाटर पयोरोफाइर क्रय किया। विपक्षी ने वाटर पयोरोफाइर बेचते समय यह अवगत कराया कि गारंटी
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अवधि के पश्चात भी रूपये लेकर स्कीम के अंतर्गत उपभोक्ता को वाटर पयोरोफाइर को गारंटी की अवधि एक वर्ष थी। इस अवधि में वाटर पयोरोफाइर ने ठीक कार्य किया। गारण्टी अवधि समाप्त होने के पश्चात विपक्षी सं0 1 के कर्मचारी ने स्कीम के अंतर्गत परिवादी के निवास स्थान पर दिनांक 05/09/96 को अवगत कराया कि वाटर पयोरोफाइर को गारण्टी अवधि 550/ रूपये जमा करने पर एक वर्ष बढ़ाई जा सकती है। यह भी अवगत कराया कि यदि बढ़ी हुई अवधि में वाटर पयोरोफाइर खराब होता है तो उसे ठीक करने या बदलने की जिम्मेदारी विपक्षीगण की होगी। परिवादी ने विपक्षी सं0 2 को 550/ रूपये नकद भुगतान किया व उसकी रसीद प्राप्त की। सर्विस की अवधि 05/09/96 से 04/09/97 अंकित कर दी गई। दिनांक 29/03/97 को वाटर पयोरोफाइर ने कार्य करना बंद कर दिया। परिवादी ने विपक्षी सं0 1 से शिकायत की परन्तु शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। विपक्षीगण ने 550/ रूपये प्राप्त करने के पश्चात कोई सर्विस नहीं की। इस प्रकार विपक्षीगण की सेवा में कमी एवं लापरवाही की गई।
विपक्षी जिला मंच के समक्ष उपस्थित नहीं हो सका था। जिला मंच द्वारा परिवादी के साक्ष्य अभिवचन पर विचार करते हुए प्रश्नगत आदेश पारित किया गया।
वर्तमान प्रकरण में यह पाया जाता है कि परिवादी ने विपक्षीगण से वाटर पयोरोफाइर क्रय किया था और वारण्टी दिनांक 05/09/96 से 04/09/97 तक की अवधि तक थी एवं यदि वाटर पयोरोफाइर में कोई भाग खराब पाया जाता है तो उसे भी बदलना था, परन्तु विपक्षीगण इस संदर्भ में कोई ध्यान नहीं दिया। अत: जिला मंच द्वारा प्रश्नगत आदेश पारित किया गया। प्रश्नगत आदेश के माध्यम से विकल्प में मु0 5,000/ रूपये वाटर पयोरोफाइर के मूल्य अदा किये जाने हेतु आदेश पारित किया गया है। जिला मंच के आदेश में किसी प्रकार का त्रुटि होना नहीं पाया जाता है तथा जिला मंच का आदेश विधि अनुकूल है। अत: अपील खण्डित किये जाने योग्य है।
आदेश
प्रस्तुत अपील खण्डित की जाती है।
(जितेन्द्र नाथ सिन्हा) (संजय कुमार)
पीठा0 सदस्य सदस्य
सुभाष आशु0 कोर्ट नं0 2