Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/2958

M/S ICICI Bank Ltd. - Complainant(s)

Versus

Sudevi Karmokar - Opp.Party(s)

Prashant Kumar

16 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/2958
( Date of Filing : 03 Nov 2003 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/S ICICI Bank Ltd.
Kanpur
...........Appellant(s)
Versus
1. Sudevi Karmokar
Kanpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 16 Dec 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 (मौखिक) 

अपील सं0- 2958/2003

M/s I.C.I.C.I. Bank Ltd. Land Mrak Race Course Circle, Vadodara, Through Local Branch of I.C.I.C.I. Bank Ltd., 18/896, The Mall Kanpur, through Branch Manager.                                          

                                          ……………..Appellant

                         Versus

Sudevi Karmokar, 104/429, P. Road, Kanpur, through Ram Charan Karmokar (Attorney Holder) and Another.

                                          ……….Respondents

 

समक्ष:-

   माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

   माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित   : श्री प्रशांत कुमार,

                              विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

                                          

दिनांक:- 16.12.2022

माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य द्वारा उद्घोषित

 

निर्णय

1.        परिवाद सं0- 77/2003 सुदेवी कर्मोकार बनाम मे0 मोनिका इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स लि0 व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 21.05.2003 के विरुद्ध यह अपील परिवाद के विपक्षी सं0- 2 आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक लि0 द्वारा प्रस्‍तुत की गई है।

2.        जिला उपभोक्‍ता आयोग ने प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी द्वारा क्रय किए गए 50 डिवेंचर कीमत 180/-रू0 प्रति डिवेंचर को 80 शेयरों में बदलने पर अंकन 5,000/-रू0 की राशि पर 14 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया है, क्‍योंकि बैंक द्वारा अंकन 5,000/-रू0 की राशि पर ब्‍याज का भुगतान नहीं किया गया।

3.        हमने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री प्रशांत कुमार को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।

4.        इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधि विरुद्ध है। बैंक द्वारा अपने स्‍तर से कभी प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी को डिवेंचर जारी नहीं किया गया। इसलिए उनके विरुद्ध किसी प्रकार की देनदारी नहीं बनती है।

5.        प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से उल्‍लेख किया है कि प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 के समक्ष डिवेंचर क्रय करने के लिए आवेदन दिया गया था। डिवेंचर की राशि का भुगतान कर दिया गया, परन्‍तु ब्‍याज का भुगतान नहीं किया गया। प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 से ही प्रार्थना की गई कि वे 14 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से भुगतान करें। यथार्थ में अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 के विरुद्ध न कोई आरोप लगाया गया और न ही किसी प्रकार की अनुतोष की मांग की गई, लेकिन जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अपने निर्णय में यह स्‍पष्‍ट नहीं किया कि किस विपक्षी को ब्‍याज अदा करने का आदेश दिया जा रहा है। इसी त्रुटि से यह अपील प्रस्‍तुत की गई है। चूँकि अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 आई0सी0आई0सी0आई0 बैंक से किसी प्रकार की अनुतोष की मांग नहीं की गई थी न ही अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 बैंक और प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के मध्‍य कोई संविदा हुई थी। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

                          आदेश

6.        अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अंकन 5,000/-रू0 की राशि पर ब्‍याज देने का कोई उत्‍तरदायित्‍व अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 का नहीं होगा। शेष निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।

          अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।    

          आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।         

 

   (विकास सक्‍सेना)                         (सुशील कुमार)

             सदस्‍य                                  सदस्‍य  

                                

शेर सिंह, आशु0,

कोर्ट नं0- 3

        

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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