(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या : 43/2020
मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण द्वारा सचिव, मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण, 32 सिविल लाईन मथुरा।
बनाम
सुभाष चन्द गर्ग पुत्र श्रीचन्द गर्ग निवासी ए-2/105 मिलन बिहार, 72, आई0पी0एक्स0 दिल्ली-110092
दिनांक :01-08-2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित निर्णय
परिवाद संख्या-74/2017 सुभाष चन्द गर्ग बनाम मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण में जिला उपभोक्ता आयोग, मथुरा द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 13-12-2019 के विरूद्ध यह अपील उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत इस न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत की गयी है।
‘’आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा विद्धान जिला आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है :-
परिवादी का परिवाद अंशत: विपक्षी मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण के विरूद्ध स्वीकृत किया जाता है। विपक्षी मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी द्वारा जमा की गयी धनराशि मु0 10,35,834/-रू0 06 प्रतिशत साधारण ब्याज की दर से फोरम में वाद दायर करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक निर्णय के 30 दिन में परिवादी को अदा करें।
विपक्षी मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण द्वारा परिवादी को मु0 10,000/- मानसिक क्षति व मु0 5,000/-रू0 वाद व्यय के रूप में अदा किया जावे।
आदेश की प्रति उभयपक्ष को नियमानुसार नि:शुल्क प्रदान की जावे।‘’
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विद्धान जिला आयोग के निर्णय एवं आदेश से क्षुब्ध होकर परिवाद के विपक्षी मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण की ओर से यह अपील प्रस्तुत की गयी है।
इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गयी है कि परिवादी ने वर्ष 2011 में 1 बी.एच.के. फ्लैट प्राप्त करने के लिए रू0 69,850/- जमा किये। फ्लैट की अनुमानित कीमत 7,88,000/-रू0 थी जिसका भुगतान 08 त्रैमासिक किश्तों में किया जाना था और कठिनाई होने पर पैनल ब्याज देय था। दिनांक 16-08-2014 को आवंटन पत्र संख्या-3409 के द्वारा सेक्टर-2 में ब्लाक-3 के भूतल पर भवन संख्या-4 आवंटित किया गया परन्तु गलती से सेक्टर-2 लिखा गया। सेक्टर-2 में स्थित फ्लैट किसी अन्य व्यक्ति को प्रथम आओ प्रथम पावो योजना के अन्तर्गत दिया जा चुका था। इस त्रुटि की जानकारी होने पर परिवादी को सूचित करते हुए इस त्रुटि को ठीक कर दिया गया और दिनांक 18-12-2014 को आवंटन पत्र जारी किया गया।
अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री एन0 सी0 उपाध्याय उपस्थित। प्रत्यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री मोहित ढ़ीगरा उपस्थित।
उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्ध प्रपत्रों का अवलोकन किया गया।
स्वयं अपील के ज्ञापन में अपीलार्थी द्वारा इस त्रुटि को स्वीकार किया गया है। विपक्षी द्वारा परिवादी को समय पर मूल रूप से आवंटित फ्लैट का न तो कभी कब्जा दिया गया और न ही पट्टा विलेख निष्पादित किया गया। मूल आवंटन पत्र में जिस फ्लैट का उल्लेख किया गया था वह फ्लैट किसी अन्य व्यक्ति को दिया जा चुका है इसलिए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय पूर्णतया विधि सम्मत है जिसमें हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। तदनुसार अपील निरस्त किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील निरस्त की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना वाद स्वयं वहन करेंगे।
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आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
( न्यायमूर्ति अशोक कुमार ) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1