(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1096/2013
श्रीनाथ पुत्र हरषू, निवासी गाम कचनावॉं परगना परशदेपुर, तहसील सलोन, जिला रायबरेली तथा एक अन्य।
अपीलार्थीगण/परिवादीगण
बनाम्
प्रबन्धक स्वाराज ट्रैक्टर प्रतापगढ़ आटो सर्विसेज कचेहरी रोड, रायबरेली तथा एक अन्य।
प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
एवं
अपील संख्या-943/2013
मैनेजर, स्वाराज ट्रैक्टर प्रतापगढ़ आटो सर्विसेज कचेहरी रोड, रायबरेली।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1
बनाम्
श्रीनाथ पुत्र हरषू, निवासी गाम कचनावॉं परगना परशदेपुर, तहसील सलोन, जिला रायबरेली तथा दो अन्य।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-2
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
परिवादी की ओर से उपस्थित : श्री आर0डी0 क्रांति, विद्वान
अधिवक्ता
विपक्षी सं0-1 की ओर से उपस्थित : श्री विशाल श्रीवास्तव, विद्वान
अधिवक्ता।
विपक्षी सं0-2 की ओर से कोई उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 12.09.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
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1. उपरोक्त दोनों अपीलें, अर्थात अपील संख्या-1096/2013 तथा अपील संख्या-943/2013, परिवाद संख्या-103/2007, श्रीनाथ तथा एक अन्य बनाम प्रबंधक स्वाराज ट्रैक्टर तथा एक अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, रायबरेली द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 01.12.2013 के विरूद्ध क्रमश: परिवादी एवं विपक्षी संख्या-1 द्वारा प्रस्तुत की गई हैं।
2. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी संख्या-1, यानी प्रबंधक स्वाराज ट्रैक्टर को निर्देशित किया है कि परिवादी को अंकन 70,000/- रूपये 09 प्रतिशत ब्याज सहित अदा करें। क्षतिपूर्ति की मद में अंकन 2,000/- रूपये तथा परिवाद व्यय की मद में अंकन 1,000/- रूपये भी अदा करने का आदेश दिया है।
3. इस निर्णय एवं आदेश को स्वंय परिवादी द्वारा अपील संख्या-1096/2013 के माध्यम से इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अनुचित क्षतिपूर्ति का आदेश दिया है। मानसिक वेदना एवं प्रताड़ना की मद में उचित राशि दिलाई जाए, जबकि स्वाराज ट्रैक्टर द्वारा अपील संख्या-943/2013 के माध्यम से निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने विधि विरूद्ध निर्णय पारित किया है। विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध किसी प्रकार का कोई उत्तरदायित्व नहीं बनता है। ट्राली का कोटेशन कभी भी नहीं दिया गया। ट्राली देना कभी भी तय नहीं हुआ।
4. दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं पत्रावलियों का अवलोकन किया गया।
5. विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने अपने निर्णय में उल्लेख किया है कि कल्टीवेटर, हैरो और थ्रेसर की कुल कीमत अंकन 3,91,500/-
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रूपये बतायी गई है, परन्तु ट्राली और ट्रेसर परिवादी को उपलब्ध नहीं कराया गया।
6. अपील संख्या-943/2013 के अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी ने दिनांक 28.04.2006 को अपने अंगूठे सहित एक स्वीकृति पत्र दिया है, उन्हें ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, हैरो तथा थ्रेसर प्राप्त करा दिया गया है। संलग्नक संख्या-1 के अवलोकन से ज्ञात होता है कि ट्रैक्टर कल्टीवेटर, हैरो और थ्रेसर का कोटेशन ही अपीलार्थी को उपलब्ध कराया गया है। अंकन 3,91,500/- रूपये की धनराशि में ट्राली का विक्रय करना शामिल नहीं है, इसलिए ट्राली के संबंध में या थ्रेसर के संबंध में अंकन 70,000/- रूपये की धनराशि अदा करने का आदेश विधि विरूद्ध है। अत: अपील संख्या-943/2013 स्वीकार होने और अपील संख्या-1096/2013 निरस्त होने योग्य है।
आदेश
7. अपील संख्या-943/2013 स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 01.02.2013 अपास्त किया जाता है तथा अपील संख्या-1096/2013 निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगें।
इस निर्णय एवं आदेश की मूल प्रति अपील संख्या-1096/2013 में रखी जाए एवं इसकी एक सत्य प्रति संबंधित अपील में भी रखी जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-3