जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-466/2015
सतपाल खत्री पुत्र स्व0 कृश्णलाल खत्री निवासी मकान नं0-6/1 सफेद कालोनी, दादा नगर, कानपुर नगर एवं मकाननं0-2/20 आई ब्लाक गोविन्द नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. सोनी इण्डिया प्रा0लि0, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर, स्थित पंजीकृत कार्यालय ए-31, मोहन कोआपरेटिव इण्डस्ट्रियल इस्टेट मथुरा रोड नई दिल्ली-110044
2. रास इंटरप्राइजेज प्रा0लि0, द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता स्थित 120/500(8), लाजपत नगर, कानपुर नगर एवं मुख्य कार्यालय स्थित 55/57 ए, काहू कोठी, कानपुर नगर उ0प्र0।
3. मेसर्स स्वीटेक (सोनी अधिकृत सर्विस सेंटर) द्वारा अधिकृत व्यक्ति, पंजीकृत कार्यालय 112/08 (16) बेनाझाबर मेन रोड स्वरूप नगर, चर्च रोड, कानपुर नगर-208002 उ0प्र0।
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 08.09.2015
निर्णय तिथिः 09.06.2017
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःएकपक्षीय-निर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षी से प्रष्नगत सोनी एक्सपीरिया मोबाइल हैण्ड सेट के बदले नया मोबाइल सेट उसी कीमत का दिलाया जाये अथवा मोबाइल की कीमत रू0 17,990.00 दिलायी जाये, परिवादी द्वारा वैकल्पिक रूप में लिये गये मोबाइल हैण्ड सेट की कीमत रू0 1450.00, परिवादी को हुई असुविधा के लिए रू0 25000.00, मानसिक तथा षारीरिक क्षतिपूर्ति के लिए रू0 50,000.00 दिलाया जाये, वाद कारण की तिथि से 18 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दौरान मुकद्मा दिलाया जाये तथा परिवाद व्यय दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा ैवदल ग्चमतपं ड2ध्क्ैध्ठसंबा मोबाइल हैण्ड सेट सीरियल नं0
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35393061442045 रू0 17,990.00 में विपक्षी सं0-2 से दिनांक 21.10.14 को क्रय किया गया। क्रय करने के कुछ ही समय बाद उक्त मोबाइल में गर्म होने, हैंग होने, आवाज आने और नेटवर्क की समस्या उत्पन्न होने लगी। परिवादी द्वारा इसकी षिकायत विपक्षी सं0-3 सोनी अधिकृत सर्विस सेंटर को की गयी। विपक्षी सं0-3 के द्वारा प्रष्नगत मोबाइल दिनांक 08.07.15 को मरम्मत हेतु अपने यहां रख लिया गया और परिवादी को जाब कार्ड जारी कर दिया गया। विपक्षी सं0-3 के द्वारा परिवादी का प्रष्नगत मोबाइल परिवादी को दिनांक 17.07.15 को इस टिप्पणी के साथ वापस कर दिया गया कि पी0सी0बी0 डिफेक्टिव है और परिवादी को प्रष्नगत मोबाइल ठीक होने का आष्वासन दिया गया। परिवादी द्वारा दिनांक 20.07.15 को पुनः अपना मोबाइल विपक्षी सं0-3 के यहां जमा किया गया, जिसे विपक्षी सं0-3 के द्वारा परिवादी को दिनांक 22.07.15 को इस टिप्पणी के साथ वापस किया गया कि प्रष्नगत मोबाइल में कोई समस्या नहीं है। किन्तु प्रष्नगत मोबाइल में पुनः उपरोक्त समस्याओं के अतिरिक्त स्विच आफ हो जाना, रीस्टार्ट, कैमरा व नेटवर्क की समस्यायें होने के कारण परिवादी दिनांक 24.07.15 को विपक्षी सं0-3 के यहां प्रष्नगत मोबाइल को ठीक कराने के लिए ले गया। विपक्षी सं0-3 के द्वारा प्रष्नगत मोबाइल सेट पुनः लेकर परिवादी को जाब कार्ड दे दिया गया और पुनः दिनांक 01.08.15 को परिवादी को पी0सी0बी0 डिफेक्टिव बताकर सही करने से अवगत कराकर परिवादी को वापस किया गया। किन्तु प्रष्नगत मोबाइल में उक्त समस्यायें विद्यमान रहीं। पुनः परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-3 से संपर्क करने पर परिवादी की षिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। विवष होकर परिवादी को दिनांक 10.07.15 को अतिरिक्त धनराषि रू0 1450.00 खर्च करके अतिरिक्त मोबाइल क्रय करना पड़ा। विपक्षी सं0-3 प्रष्नगत मोबाइल को पूर्ण रूप से ठीक करने में असफल रहा है। जिससे स्पश्ट होता है कि प्रष्नगत मोबाइल निर्माण करने के साथ ही त्रुटिपूर्ण रहा है। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
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3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 08.07.16 को विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 07.09.15 एवं 03.04.17 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-4/1 के साथ संलग्नक कागज सं0-4/2 लगायत् 4/8 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत मोबाइल सेट में निर्माणी दोश बताया गया है और निर्माणी दोश होने के कारण ही मोबाइल की कीमत मय ब्याज अनुतोश के रूप में याचित की गयी है।
6. अतः प्रस्तुत मामले में परिवादी को यह सिद्ध करना है कि क्या प्रष्नगत मोबाइल सेट में निर्माणी त्रुटि है। इस सम्बन्ध में पत्रावली के अवलोकन से विदित होता है कि परिवादी की ओर से कोई सम्यक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। जबकि किसी भी वस्तु के निर्माणी त्रुटि के सम्बन्ध में मा0 राश्ट्रीय आयोग द्वारा विधि निर्णय 2012 ;95द्ध ।स्त् 829 कुमारी नम्रता सिंह बनाम इण्डस में यह विधिक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया है कि निर्माणी त्रुटि सिद्ध करने के लिए उपभोक्ता को किसी तकनीकी विषेशज्ञ की राय प्रस्तुत करना होगा।
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अतः उपरोक्त, तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद एकपक्षीय रूप से स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःआदेषःःः
7. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से खारिज किया जाता है।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( पुरूशोत्तम सिंह ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
वरि0सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।