Uttar Pradesh

StateCommission

A/2754/2016

Samar Jha - Complainant(s)

Versus

Sony India - Opp.Party(s)

Said Istekhar Hasan

09 Nov 2016

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2754/2016
(Arisen out of Order Dated 06/10/2016 in Case No. C/58/2015 of District Ghaziabad)
 
1. Samar Jha
Ghaziabad
...........Appellant(s)
Versus
1. Sony India
New Delhi
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 09 Nov 2016
Final Order / Judgement

        राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

अपील संख्‍या-2754/2016

(मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या 058/2015 में पारित आदेश दिनांक 06.10.2016 के विरूद्ध)

समर जहां, एडवोकेट पुत्री अताउल्‍लाह अन्‍सारी, चैम्‍बर नं0 जी- 306, कड़कड़डूमा कोर्ट्स, दिल्‍ली, पता- डब्‍लू/एच-14/156, निकट- किला डासना, गाजियाबाद।

           ...............अपीलार्थी/परिवादिनी

बनाम

  1. सोनी इण्डिया, ए-32, मोहन को-आपरेटिव इण्‍डस्‍ट्रीयल इस्‍टेट मथुरा रोड, नई दिल्‍ली– 110044
  2. गर्ग एसोसिएट्स मैट्रिक्‍स स्‍क्‍वायर ग्राउण्‍ड फ्लोर 54ए, माडल टाउन, वेस्‍ट गाजियाबाद, उ0प्र0, 201001
  3. एन0आर0 आई0 इलेक्‍ट्रानिक्‍स 94, जी0टी0 रोड, चौधरी मोर यू0पी0 गाजियाबाद, 201001              ................प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण            

            

समक्ष:-

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित  :     श्री सैयद इफ्तेखार हसन।

                                 विद्वान अधिवक्‍ता ।                                  

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित :      कोई नहीं।             

 

दिनांक: 25-07-2017

    

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

परिवाद संख्‍या– 58/2015 समर जहान बनाम सोनी इण्डिया आदि में जिला फोरम गाजियाबाद द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश दिनांक 06.10.2016 जिसके द्वारा परिवाद निरस्‍त कर दिया गया है, के विरूद्ध यह अपील  उपरोक्‍त  परिवाद  की  परिवादिनी  ने धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण

 

-2-

अधिनियम के अन्‍तर्गत आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है। अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री सैयद इफ्तेखार हसन उपस्थित आए है। प्रत्‍यर्थीगण की ओर से नोटिस तामीला के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

मैंने अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना है तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादिनी ने उपरोक्‍त परिवाद जिला फोरम के समक्ष इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि उसने एक मोबाइल विपक्षी संख्‍या- 02 से दिनांक 21.04.2014 को 19,000/-रू0 में क्रय किया था जो विपक्षी संख्‍या- 01 द्वारा निर्मित था। मोबाइल की गांरटी एक वर्ष की थी परन्‍तु गांरटी अवधि में ही मोबाइल ने ठीक से काम करना बन्‍द कर दिया। तब वह मोबाइल लेकर विपक्षी संख्‍या– 03 सर्विस सेंटर के यहां गयी तो वहां पर उसे ज्ञात हुआ कि मोबाइल में निर्माण सम्‍बन्‍धी त्रुटि है। सर्विस सेन्‍टर पर मोबाइल 25 दिनों तक विपक्षी संख्‍या- 03 रखे रहे और जब 25 दिन बाद उसने मोबाइल प्राप्‍त किया तो मोबाइल में त्रुटि पूर्ववत कायम रही।

विपक्षीगण ने जिला फोरम के समक्ष प्रतिवादपत्र प्रस्‍तुत कर परिवाद का विरोध किया है।

आक्षेपित निर्णय में जिला फोरम ने उल्‍लेख किया है कि बहस के दौरान परिवादिनी से पूछा गया कि क्‍या मोबाइल आप लाई है तो परिवादिनी की ओर से बताया गया कि वह मोबाइल लेकर नहीं आई है। अत: यह बात स्‍पष्‍ट नहीं है कि परिवादिनी के मोबाइल की क्‍या स्थिति है, सही काम कर रहा है या नहीं काम कर रहा है।

उपरोक्‍त उल्‍लेख के आधार पर ही जिला फोरम ने यह माना है कि परिवादिनी का यह कथन मानने योग्‍य नहीं है कि मोबाइल खराब हुआ है और उसे ठीक करके नहीं दिया गया है।

जिला फोरम के उपरोक्‍त उल्‍लेख से यह स्‍पष्‍ट है कि परिवाद की सुनवाई के समय परिवादिनी मोबाइल लेकर जिला फोरम के समक्ष नहीं

 

 

 

-3-

आई थी। ऐसी स्थिति में जिला फोरम के लिए यह आवश्‍यक था कि वह उसे मोबाइल जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत करने का निर्देश देते और उसे

मोबाइल प्रस्‍तुत करने का अवसर देते। यकायक जिला फोरम द्वारा मोबाइल की मांग किये जाने पर परिवादिनी द्वारा मोबाइल प्रस्‍तुत न किए जाने पर कोई प्रतिकूल अवधारणा उसे मोबाइल प्रस्‍तुत करने का युक्तिसंगत अवसर दिए बिना उसके विरूद्ध बनाया जाना विधि विरूद्ध है।

उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर मैं इस मत का हूं कि जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश विधि विरूद्ध है। अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला फोरम द्वारा पारित आक्षेपित निर्णय और आदेश अपास्‍त किया जाता है तथा पत्रावली जिला फोरम को इस निर्देश के साथ प्रत्‍यावर्तित की जाती है कि वह उभयपक्ष को साक्ष्‍य और सुनवाई का अवसर देकर पुन: विधि के अनुसार निर्णय पारित करे।

उभयपक्ष निश्चित तिथि दिनांक 28.08.2017 को जिला फोरम के समक्ष उपस्थित हो और जिला फोरम परिवाद का निस्‍तारण 3 मास के अंदर सुनिश्चित करे।

 

 

                (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)

                              अध्‍यक्ष

 

   सुधांशु श्रीवास्‍तव, आशु0

     कोर्ट नं0-1

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

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