Uttar Pradesh

StateCommission

A/1089/2016

Lucknow Cancer Institute - Complainant(s)

Versus

Smt. Munni Devi And Oth. - Opp.Party(s)

Adeel Ahmad & Vishnu Kumar Mishra

12 Sep 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1089/2016
( Date of Filing : 31 May 2016 )
(Arisen out of Order Dated 03/09/2014 in Case No. C/224/2007 of District Lucknow-II)
 
1. Lucknow Cancer Institute
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Munni Devi And Oth.
Unnao
...........Respondent(s)
First Appeal No. A/2143/2014
( Date of Filing : 15 Oct 2014 )
(Arisen out of Order Dated 03/09/2014 in Case No. C/224/2007 of District Lucknow-II)
 
1. Dr Vivek Garg
Lucknow Cancer Institute 1- Manas Nagar Jiamau Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt Munni devi
Vill.& Post samadpur Hardas District Unnao
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 12 Sep 2019
Final Order / Judgement

                                                                        

                                                                                                                                                   (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

 

अपील सं0- 2143/2014

Dr. Vivek garg, Lucknow Cancer Institute, 1- Manas nagar, Jiamau, Lucknow.

                                                                 ……….. Appellant

 

Versus

1. Smt. Munni devi W/o Late Ram naresh singh, R/o- Village & Post- Samadpur Hardas, District- Unnao.

2. Vipendra bahadur singh S/o Late Ram naresh singh, R/o- Village & Post- Samadpur Hardas, District- Unnao.

3- Bhupendra bahadur singh S/o Late Ram naresh singh, R/o- Village & Post- Samadpur Hardas, District- Unnao.

4- Dr. Anivesh, M.D. LCI, 1- Manas Nagar, Jiamau, Lucknow.

5- United India insurance company limited, through it’s Branch Manager, Branch no-6, Capital Cinema building, opposite GPO, Vidhan sabha marg, Lucknow.

                                                                ……… Respondents

समक्ष:-                       

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित           : श्री बृजेन्‍द्र चौधरी,

                                      विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0- 1 ता 3 की ओर से उपस्थित  : श्री राकेश सिंह परिहार,

                                      विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0- 4 की ओर से उपस्थित     : श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा,

                                      विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0- 5 की ओर से उपस्थित       : श्री राजेश नाथ,

                                      विद्वान अधिवक्‍ता।   

एवं

अपील सं0- 1089/2016

Lucknow Cancer Institute, Manas nagar, Jiamau,  Lucknow. Throught Managing Director, Mr. Animesh. 

                                                                 ……….. Appellant

 

Versus

1. Smt. Munni devi W/o Late Ram naresh singh, R/o- Village & Post- Samadpur Harda, Distt. Unnao.

2. Shri Vipendra bahadur singh.

3. Shri Bhupendra bahadur singh, Late Ram naresh singh, R/o- Village & Post- Samadpur Harda, Distt: Unnao.

4. Dr. Vivek garg, Lucknow Cancer Institute, 1- Manas nagar, Jiamau, Lucknow.

                                                                      ……Respondents

समक्ष:-   

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष।

अपीलार्थी  की ओर से उपस्थित        :  श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा,

                                  विद्वान अधिवक्‍ता ।

प्रत्‍यर्थीगण सं0- 1 ता 3 की ओर से  : श्री राकेश सिंह परिहार,

उपस्थित                           विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0- 4 की ओर से उपस्थित : श्री बृजेन्‍द्र चौधरी,

                                  विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक:- 04.10.2019  

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष  द्वारा उद्घोषित

                           

निर्णय

                   परिवाद सं0- 224/2007 श्रीमती मुन्‍नी देवी व दो अन्‍य बनाम डॉ0 विवेक गर्ग लखनऊ कैंसर इंस्‍टीट्यूट व दो अन्‍य में जिला फोरम द्वितीय, लखनऊ द्वारा पारित निर्णय और आदेश दि0 03.09.2014 के विरुद्ध उपरोक्‍त अपील सं0- 2143/2014 परिवाद के विपक्षी सं0- 1 और उपरोक्‍त अपील सं0- 1089/2016 परिवाद के विपक्षी सं0- 2 ने धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

          आक्षेपित निर्णय व आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है:-  

          ‘’परिवादीगण का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0- 2 को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से छ: सप्‍ताह के अंदर परिवादीगण को मानसिक क्‍लेश हेतु रू0 1,00,000/- (एक लाख) अदा करें। इसके अतिरिक्‍त विपक्षी सं0- 1 परिवादी को रू0 1,80,000/- (एक लाख अस्‍सी हजार) मानसिक एवं शारीरिक क्‍लेश एवं मरीज के इलाज में हुये व्‍यय हेतु तथा रू05000/- (पांच हजार) वाद व्‍यय अदा करेंगे, यदि विपक्षीगण उक्‍त निर्धारित अवधि के अंदर परिवादीगण को यह धनराशि अदा नहीं करते हैं तो विपक्षीगण को समस्‍त धनराशि पर परिवाद के दाखिल होने की तिथि से ता अदायेगी तक 12 (बारह) प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर के साथ अदा करना पड़ेगा।‘’ 

          अपील की सुनवाई के समय दोनों अपील में परिवादीगण की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री राकेश सिंह परिहार और परिवाद के विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री बृजेन्‍द्र चौधरी एवं परिवाद के विपक्षी सं0- 2 की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री विष्‍णु कुमार मिश्रा उपस्थित आये हैं।  

          मैंने दोनों अपील में उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय व आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है।

          अपील सं0- 1089/2016 में अपीलार्थी की ओर से लिखित तर्क प्रस्‍तुत किया गया है।

          मैंने लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।   

          दोनों अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादीगण श्रीमती मुन्‍नी देवी, श्री विपेन्‍द्र बहादुर सिंह और श्री भूपेन्‍द्र बहादुर सिंह ने उपरोक्‍त परिवाद जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग,  2- श्री अनिवेश M.D. LCI, 1- Manas Nagar, Jiamau, Lucknow और 3- यूनाइटेड इंडिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 के विरुद्ध इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि परिवादिनी श्रीमती मुन्‍नी देवी के पति एवं परिवादीगण सं0- 2 व 3 के पिता श्री राम नरेश सिंह के मुँह में Small bud like extra growth थी जिसके इलाज हेतु उन्‍होंने विपक्षीगण सं0- 1 व 2 के कैंसर इंस्‍टीट्यूट, लखनऊ में दि0 17.04.2006 को सम्‍पर्क किया तब विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग ने परीक्षण करके बायोप्‍सी एवं अन्‍य टेस्‍ट की सलाह दी। उसके बाद दि0 18.4.2006 को राम नरेश सिंह का मानस डायग्‍नोस्टिक लखनऊ कैंसर इंस्‍टीट्यूट कैम्‍पस मानस नगर जियामऊ, लखनऊ में बायोप्‍सी टेस्‍ट डॉ0 विवेक गर्ग की संस्‍तुति पर किया गया और उसी दिन परिवादिनी के पति राम नरेश सिंह लखनऊ कैंसर इंस्‍टीट्यूट में बायोप्‍सी रिपोर्ट के साथ गये तब कैंसर इंस्‍टीट्यूट में विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग ने रिपोर्ट देखने के बाद ऑपरेशन की सलाह दी और डॉ0 विवेक गर्ग एवं कैसर इंस्‍टीट्यूट के स्‍टाफ ने परिवादीगण को यह आश्‍वासन दिया कि राम नरेश सिंह पूर्ण रूप से ठीक हो जायेंगे। उन्‍होंने बताया कि इंस्‍टीट्यूट के पास आवश्‍यक उपकरण और मार्डन ट्रीटमेंट फैसिलीटीज उपलब्‍ध है।

          परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि कैंसर इंस्‍टीट्यूट के डॉक्‍टर विपक्षी सं0- 1 विवेक गर्ग ने ऑपरेशन हेतु तिथि दि0 3.5.2006 निश्चित किया। उसके बाद राम नरेश सिंह को दि0 30.4.2006 को लखनऊ कैंसर इंस्‍टीट्यूट में डॉ0 विवेक गर्ग की देखरेख में एडमिट किया गया तथा उनका ऑपरेशन दि0 3.5.2006 को किया गया। ऑपरेशन के बाद उन्‍हें खून की उल्‍टी होने लगी और हालत गम्‍भीर हो गई। दूसरे दिन दि0 4.5.2006 को उन्‍हें डायरिया शुरू हो गई जिसकी शिकायत परिवादिनी श्रीमती मुन्‍नी देवी ने विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग व हॉस्पिटल के स्‍टाफ से किया, परन्‍तु डॉ0 विवेक गर्ग ने मात्र आश्‍वासन दिया कि मरीज ठीक हो जायेगा। इसके अलावा उन्‍होंने कुछ नहीं किया। राम नरेश सिंह की हालत बिगड़ती गई। अत: परिवादिनी ने डॉ0 विवेक गर्ग से अपने पति राम नरेश सिंह को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का निवेदन किया। इस पर विपक्षी डॉ0 विवेक गर्ग नाराज हो गये और उसे बुरा भला कहा तथा कहा कि डॉक्‍टर वह हैं, वह जानते हैं कि क्‍या करना चाहिए?

          परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि विपक्षी डॉ0 विवेक गर्ग और उनके अस्‍पताल की लापरवाही के कारण उपरोक्‍त राम नरेश सिंह की मृत्‍यु दि0 09.05.2006 को हो गई।

          परिवाद पत्र के अनुसार परिवादीगण का कथन है कि उपरोक्‍त राम नरेश सिंह के कैंसर इंस्‍टीट्यूट में इलाज में 40,000/-रु0 खर्च हुआ जिसकी पूरी रसीद नहीं दी गई। केवल कुछ रसीदें ही दी गईं। इसके साथ ही परिवादिनी ने अपने पति श्री राम नरेश सिंह की सभी रिपोर्टों की मांग की तो विपक्षी डॉक्‍टर एवं अस्‍पताल ने उक्‍त रिपोर्टें नहीं दी। रिपोर्टे न दिये जाने के कारण परिवादीगण का कथन है कि परिवादिनी के पति एवं परिवादीगण सं0- 2 व 3 के पिता उपरोक्‍त राम नरेश सिंह के इलाज में कुछ गड़बड़ी डॉ0 विवेक गर्ग और कैंसर इंस्‍टीट्यूट के स्‍टाफ की लापरवाही के कारण है। अत: क्षुब्‍ध होकर परिवादीगण ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है और 12,00,000/-रु0 क्षतिपूर्ति की मांग की है। इसके साथ ही वाद व्‍यय भी मांगा है।

          जिला फोरम के समक्ष विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग ने अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है और कहा है कि उनके पास एम0बी0बी0एस0 एवं एम0एस0 जनरल सर्जरी और M.cH (Oncology) की डिग्री है। लिखित कथन में उन्‍होंने कहा है कि उपरोक्‍त मरीज राम नरेश सिंह Carcinoma Left Buccal Mucosa (Stage-II) and according to final histopathological Report stage-III  से पीडि़त था। उसकी आयु 55 वर्ष थी। उन्‍होंने दि0 17.4.2006 को जब उसे देखा तो वह Carcinoma Left Buccal Mucosa से पीडि़त था। वह मसाला व तम्‍बाकू का सेवन करता था तथा मधुमेह व हायपरटेंशन का मरीज था। उसे सर्जरी की राय दी गई और सारे परीक्षण व चेकअप के उपरांत उसका ऑपरेशन किया गया। लिखित कथन में विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग ने कहा है कि मरीज की ठीक ढंग से देखभाल की गई, फिर भी दि0 9.5.2006 को उसकी मृत्‍यु हो गई।

          लिखित कथन में विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग ने कहा है कि दि0 6.5.2006 को उनसे शिकायत की गई की मरीज को एक बार उल्‍टी व दो बार लूजमोशन हुआ है। उसके बाद दि0 8.5.2006 से मरीज को लगातार लूजमोशन आने लगा और परे‍शानियां होने लगीं तब डॉ0 पुनीत मेहरोत्रा गैस्‍ट्रो फिजीशियन ने मरीज को देखा तथा Tube secretory diarrohea  और Serum IVA +treatment आरम्‍भ करने की राय दी, परन्‍तु सही इलाज करने के बाद भी उसे Severe cardiac attack  हुआ जिससे उसकी मृत्‍यु हो गई। लिखित कथन में विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग ने कहा है कि मरीज द्वारा कुल 21,500/-रु0 की धनराशि अस्‍पताल में जमा की गई थी। परिवादीगण ने 40,000/-रु0 इलाज में व्‍यय होना गलत बताया है।

          जिला फोरम के समक्ष विपक्षी सं0- 2 श्री अनिवेश M.D. LCI, 1- Manas Nagar, Jiamau, Lucknow. ने भी अपना लिखित कथन प्रस्‍तुत किया है और कहा है कि कैंसर रोग के विषय में मरीज को पहले ही जानकारी दे दी गई थी। जांच हेतु बायोप्‍सी कराया जाना आवश्‍यक था। बायोप्‍सी जांच में कैंसर पाया गया। लिखित कथन में विपक्षी सं0- 2 ने कहा है कि विपक्षीगण ने परिवादीगण से यह कभी नहीं कहा था कि मरीज ऑपरेशन के बाद ठीक हो जायेगा। मरीज को राहत देने के लिए शल्‍य क्रिया (ऑपरेशन) जरूरी था। लिखित कथन में विपक्षी सं0- 2 ने कहा है कि कैंसर के मरीज की दशा पर इलाज की सफलता निर्भर करती है, अर्थात कैंसर किस स्‍तर का है।

          लिखित कथन में विपक्षी सं0- 2 ने कहा है कि उसके अस्‍पताल में सभी आधुनिक सुविधायें उपलब्‍ध हैं। परिवादीगण का यह कहना गलत है कि मरीज को खून की उल्टियां दि0 4.5.2006 को आरम्‍भ हो गई थी। वास्‍तविकता यह है कि शल्‍य क्रिया के बाद दि0 4.5.2006 से नली द्वारा मरीज को भोजन कराया गया था और वह बराबर चिकित्‍सकों की देखरेख में था। पर्याप्‍त देखभाल एवं दवा के बाद भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा था। अत: उसे दि0 8.5.2006 को डॉ0 पुनीत मेहरोत्रा गैस्‍ट्रो फिजीशियन को भी दिखाया गया, परन्‍तु दवा के बाद भी उसके लूजमोशन को नियंत्रित नहीं किया जा सका। उसे अन्‍य अस्‍पताल में भेजने के लिए एम्‍बुलेंस वैन में लिटाया गया, किन्‍तु चिकित्‍सकों ने देखा कि मरीज की हालत और बिगड़ रही है तो मरीज को एम्‍बुलेंस से उतारकर अस्‍पताल लाया गया। लिखित कथन में विपक्षी सं0- 2 ने कहा है कि मरीज के शरीर में यूरिया की मात्रा बढ़ने लगी थी। इसलिए डायलिसिस के लिए अवध हॉस्पिटल स्‍थानांतरित किया जा रहा था, परन्‍तु वैन में लिटाने पर उसकी हालत और बिगड़ रही थी। इसलिए उसे अवध हॉस्पिटल स्‍थानांतरित नहीं किया जा सका और संकट पूर्ण स्थिति के कारण दि0 8.5.2006 की रात में उसकी मृत्‍यु हो गई। लिखित कथन में विपक्षी सं0- 2 ने कहा है कि विपक्षीगण ने परिवादीगण के साथ कोई गलत आचरण नहीं किया है और न उनकी सेवा में कोई कमी है।

          लिखित कथन में विपक्षी सं0- 2 ने कहा है कि परिवादीगण को सभी जांच रिपोर्ट उपलब्‍ध करा दी गई थी जिसे जानबूझकर परिवादीगण ने परिवाद पत्र के साथ संलग्‍न नहीं किया है।

          लिखित कथन में विपक्षी सं0- 2 ने कहा है कि परिवादीगण ने दि0 22.9.2006 को नोटिस भेजा था। उसका उत्‍तर विपक्षीगण ने दि0 1.11.2006 को दिया था।

          जिला फोरम के समक्ष विपक्षी सं0- 3 उपस्थित नहीं हुआ है। अत: परिवाद की कार्यवाही उसके विरुद्ध एकपक्षीय रूप से की गई है।

          जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह निष्‍कर्ष निकाला है कि परिवाद के विपक्षीगण सं0- 1 व 2 ने परिवादिनी सं0- 1 के पति राम नरेश सिंह के इलाज में कमी की है और सेवा में कमी की है तथा व्‍यापार विरोधी प्रक्रिया अपनाया है। अत: जिला फोरम ने परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए आक्षेपित आदेश पारित किया है जो ऊपर अंकित है।

          दोनों अपील में अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍तागण का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश तथ्‍य और विधि के विरुद्ध है। मृतक राम नरेश सिंह के इलाज में कोई कमी या चूक परिवादीगण साबित नहीं कर सके हैं। मृतक राम नरेश सिंह का इलाज विपक्षीगण ने पूरी सावधानी के साथ आवश्‍यक जांच कराने के उपरांत किया है और उसकी देखभाल में कोई कमी नहीं की है। उनके इलाज में कोई कमी या चूक मानने हेतु कोई उचित आधार नहीं है। जिला फोरम का निर्णय व आदेश दोषपूर्ण है। अत: निरस्‍त किये जाने योग्‍य है।

          दोनों अपील में परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय व आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के अनुकूल है। जिला फोरम ने मृतक राम नरेश सिंह के इलाज में जो दोनों अपीलार्थी/विपक्षीगण की सेवा में कमी माना है और अनुचित व्‍यापार पद्धति माना है वह तथ्‍य और साक्ष्‍य की सही विवेचना पर आधारित है। जिला फोरम के निर्णय व आदेश में हस्‍तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है।

          मैंने उभय पक्ष के तर्क पर विचार किया है।       

          निर्विवाद रूप से मरीज राम नरेश सिंह के ऑपरेशन के पूर्व उसका बायोप्‍सी टेस्‍ट दि0 18.4.2006 को कराया गया है। Histopathology report दि0 18.4.2006 में निम्‍न विवरण अंकित है:-

                   “Section shows irregular prollferation of atypical squamous epithellum lining the mucosal connective tissue. Few tomor cell nests showing marked keratinization are infiltrating the underlying stroma. There is dense mononuclear cell infiltrate in adjacent connective tissue.”

                   Histopathology report में Refered by Dr. Vivek garg अंकित है और Clinical Diagnosis 7 C A Left Buccal mucosa” अंकित है।

          मरीज रामनरेश सिंह को दि0 17.4.2006 को विपक्षी सं0- 1 डॉ0 विवेक गर्ग ने भी C.A.(L) B.M. की शिकायत अपने पर्चा में अंकित किया है। विपक्षीगण ने मरीज रामनरेश सिंह के दि0 17.4.2006 से दि0 9.5.2006 को उसकी मृत्‍यु तक के इलाज के पर्चे एवं विवरण जिला फोरम के समक्ष प्रस्‍तुत किया है जिसकी फोटो प्रति दोनों ने अपील में भी प्रस्‍तुत किया है। परिवादीगण के अनुसार विपक्षीगण ने उन्‍हें रामनरेश सिंह के इलाज के कागजात (पर्चे) नहीं दिये हैं।

          विपक्षीगण ने रामनरेश सिंह के इलाज का विपक्षी सं0- 2 के अस्‍पताल का जो पर्चा प्रस्‍तुत किया है उसके अनुसार दि0 9.5.2006 को 12:40 A.M. पर राम नरेश सिंह की मृत्‍यु के बाद उनका शव संदीप सिंह Nephew को Death Certificate in original के साथ दिया गया है। राम नरेश सिंह के इलाज के कागजात (पर्चे एवं विवरण) शव के साथ देने का उल्‍लेख नहीं है। अत: यह मानने हेतु उचित आधार है कि रामनरेश सिंह के इलाज से सम्‍बन्धित अभिलेख अस्‍पताल ने नहीं दिया है। शव के साथ इलाज से सम्‍बन्धित अभिलेख दिया जाना आवश्‍यक है ताकि मरीज के इलाज के सम्‍बन्‍ध में मरीज के सगे सम्‍बन्‍धी अवगत हो जायें कि इलाज क्‍या किया गया है। अत: मरीज के इलाज से सम्‍बन्धित अभिलेख शव के साथ न देकर विपक्षी सं0- 2 के अस्‍पताल ने सेवा में कमी की है और अनुचित व्‍यापार पद्धति अपनाई है।

          विपक्षी सं0- 2 के अस्‍पताल लखनऊ कैंसर इंस्‍टीट्यूट के जो राम नरेश सिंह के इलाज से सम्‍बन्धित अभिलेख अपीलार्थी/विपक्षीगण ने प्रस्‍तुत किये हैं उसमें दि0 8.5.2006 के Physian Follow up notes में 9.45 P.M. पर Urea और Creatine अंकित है; और अंकित है;

                   “Discussed with relatives that patient needs dialysis so consulted Awadh Nursing home.

                   Adv. To shift the patient Awadh Nursing home.”

          दिनांक 8.5.2006 के Physian follow up notes में उपरोक्‍त प्राविष्‍ट के बाद अंकित है “Patient was shifted back to the ward as while shifted in Ambulance his respiretory system was disturbed  c sweating”.

                   दिनांक 8.5.2006 के Physian follow up notes में अंकित है “He expired due to cardiac arrest  at 12.40 A.M. on 9.5.2006”.

          उपरोक्‍त विवरण से स्‍पष्‍ट है कि मरीज को दि0 8.5.2006 को 9:45 P.M. पर डायलिसिस की आवश्‍यकता पायी गई, परन्‍तु उसे डायलिसिस की सुविधा उपलब्‍ध नहीं करायी गई। विपक्षी सं0- 2 के अस्‍पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं थी। मरीज को डायलिसिस हेतु अवध अस्‍पताल शिफ्ट करने के लिए एम्‍बुलेंस में ले जाना और एम्‍बुलेंस से वापस वार्ड में Respiratory System Disturbe होने या Sweating होने के कारण लाया जाना विश्‍वसनीय नहीं है। सम्‍पूर्ण परिस्थितियों पर विचार कर मैं इस मत का हूं कि मरीज राम नरेश सिंह को डायलिसिस की सुविधा उपलब्‍ध नहीं करायी गई है जो अपीलार्थी/विपक्षीगण की सेवा में कमी है। मरीज की मृत्‍यु Cardeac arrest से मरीज को डायलिसिस की सुविधा न मिलने का परिणाम हो सकती है।

          उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर मरीज राम नरेश सिंह के इलाज में अपीलार्थी/विपक्षी डॉक्‍टर वी0के0 गर्ग एवं अपीलार्थी/विपक्षी अस्‍पताल लखनऊ, कैंसर इंस्‍टीट्यूट दोनों की लापरवाही मानने हेतु उचित आधार है।

          माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा सविता गर्ग बनाम नेशनल हर्ट इंस्‍टीट्यूट (2004) 8 S.C.C.  56 के वाद में दिये गये निर्णय से स्‍पष्‍ट है कि डॉक्‍टर की लापरवाही हेतु वाईकेरियस लाइबिलिटी के सिद्धांत पर अस्‍पताल उत्‍तरदायी है।

          माननीय राष्‍ट्रीय आयोग ने शीला श्रीवास्‍तव मृतक द्वारा विधिक उत्‍तराधिकारीगण आदि बनाम राजीव गांधी कैंसर इंस्‍टीट्यूट एण्‍ड रिसर्च सेंटर आदि 2018(3) C.P.R. 384 N.C. के वाद में सविता गर्ग बनाम नेशनल हर्ट इंस्‍टीट्यूट के उपरोक्‍त वाद में प्रतिपादित सिद्धांत के आधार पर डॉक्‍टर और अस्‍पताल दोनों को अलग-अलग धनराशि अदा करने हेतु आदेशित किया है। अत: जिला फोरम ने जो दोनों अपीलार्थी/विपक्षीगण को अलग-अलग क्षतिपूर्ति की धनराशि प्रत्‍यर्थी/परिवादी को देने हेतु आदेशित किया है वह अवैधानिक या अनुचित नहीं कहा जा सकता है। परन्‍तु जिला फोरम ने जो अपीलार्थी/विपक्षी डॉक्‍टर वी0के0 गर्ग को 1,80,000/-रु0 क्षतिपूर्ति परिवादी को अदा करने हेतु आदेशित किया है वह अधिक है। अपीलार्थी/विपक्षी डॉक्‍टर द्वारा देय क्षतिपूर्ति की धनराशि कम कर जिला फोरम द्वारा विपक्षी सं0- 2 को आदेशित धनराशि के बराबर 1,00,000/-रु0 किया जाना उचित है।

          जिला फोरम ने जो आक्षेपित निर्णय की तिथि से छ: सप्‍ताह के अन्‍दर आदेशित धनराशि अदा न करने पर आदेशित धनराशि पर ब्‍याज दिया है वह अवधि इस निर्णय की तिथि से चार सप्‍ताह किया जाना उचित है।

          उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर अपील सं0- 2143 वर्ष 2014 डॉक्‍टर विवेक गर्ग बनाम श्रीमती मुन्‍नी देवी आदि आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और जिला फोरम का आक्षेपित आदेश संशोधित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 डॉक्‍टर विवेक गर्ग द्वारा प्रत्‍यर्थी/परिवादी को देय क्षतिपूर्ति की धनराशि 1,80,000/-रु0 को कम कर 1,00,000/-रु0 करते हुए यह धनराशि अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 को प्रत्‍यर्थी/परिवादीगण को अदा करने हेतु आदेशित किया जाता है। जिला फोरम द्वारा आदेशित वाद व्‍यय भी अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 अदा करेगा।

          जिला फोरम के निर्णय का शेष अंश इस शर्त के अधीन यथावत रहेगा कि जिला फोरम ने जो आक्षेपित निर्णय व आदेश की तिथि से छ: सप्‍ताह के अन्‍दर भुगतान न करने पर ब्‍याज दिया है वह अवधि दोनों अपीलार्थी/विपक्षीगण के लिए इस निर्णय की तिथि से छ: सप्‍ताह की जाती है और इस अवधि में आदेशित धनराशि का भुगतान न होने पर जिला फोरम द्वारा आदेशित तिथि एवं आदेशित दर से भुगतान की तिथि तक ब्‍याज देय होगा।

          अपील सं0- 1089 वर्ष 2016 लखनऊ कैंसर इंस्‍टीट्यूट बनाम श्रीमती मुन्‍नी देवी आदि उपरोक्‍त संशोधन के अधीन रहते हुए निरस्‍त की जाती है। अपीलार्थी विपक्षी सं0- 2 लखनऊ, कैंसर इंस्‍टीट्यूट जिला फोरम द्वारा आदेशित धनराशि 1,00,000/-रु0 का भुगतान उपरोक्‍त प्रकार से करेगा।

          दोनों अपील में उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          दोनों अपील में धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित इस निर्णय के अनुसार निस्‍तारण हेतु जिला फोरम को प्रेषित की जाये।      

          इस निर्णय की मूल प्रति अपील सं0- 2143/2014 में रखी जाए एवं इसकी प्रमाणित प्रति अपील सं0- 1089/2016 में  रखी जाए।  

               

                                                                   (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)         

                                                                                  अध्‍यक्ष                                     

 

शेर सिंह आशु0,

कोर्ट नं0-1

    

                

               

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 

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