Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/3494

G. N. I. Development Authority - Complainant(s)

Versus

Smt. Lila Choudhary - Opp.Party(s)

Rajash Chadha

10 Aug 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/3494
( Date of Filing : 31 Dec 2003 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. G. N. I. Development Authority
A
...........Appellant(s)
Versus
1. Smt. Lila Choudhary
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 10 Aug 2022
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उत्‍तर प्रदेश, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-३४९४/२००३

 

(जिला उपभोक्‍ता मंच/आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्धारा परिवाद सं0-८९८/२००३ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १५-१०-२००३ के विरूद्ध)

 

ग्रेटर नोएडा इण्‍डस्ट्रियल डेवलपमेण्‍ट अथारिटी, एच-१६९, सैक्‍टर गामा, चितवन स्‍टेट, ग्रेटर नोएडा सिटी, गौतम बुद्ध नगर।                     ........... अपीलार्थी/विपक्षी।

बनाम

श्रीमती लीला चौधरी मकान नं0-६३१, सैक्‍टर-३७, नोएडा, जिला गौतम बुद्ध नगर।

                                                   …….. प्रत्‍यर्थी/परिवादिनी।  

समक्ष :-

१. मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

२. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।                        

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित :- श्री राजेश चड्ढा विद्वान अधिवक्‍ता । 

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित         :- श्री मनोज कुमार विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- १७-०८-२०२२.  

 

मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

 

प्रस्‍तुत अपील, जिला उपभोक्‍ता मंच/आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्धारा परिवाद सं0-८९८/२००३ श्रीमती लीला चौधरी बनाम ग्रेटर नोएडा इण्‍डस्ट्रियल विकास प्राधिकरण में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १५-१०-२००३ के विरूद्ध योजित की गई है।

जिला उपभोक्‍ता मंच ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए विपक्षी प्राधिकरण को आदेशित किया है कि परिवादिनी से उसको आबंटित प्‍लाट की कीमत ६००/- रू० अथवा ६४०/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से बसूल की जाए न कि १२००/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से। आगे आदेशित किया गया है कि दिनांक १३-०८-२००१ को कम्‍प्‍लीशन प्रमाण पत्र जारी करने की तिथि २६-०२-२००३ तक १५००/- रू० मासिक की दर से क्षतिपूर्ति अदा करे। वाद व्‍यय के रूप में १५००/- रू० अदा करने के लिए भी आदेशित किया गया है।    

वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादिनी आसाम राइफल्‍स के डिप्‍टी

 

 

-२-

कमाण्‍डेण्‍ट स्‍व0 आई0के0 चौधरी की विधवा पत्‍नी है। भारत सरकार की योजना के तहत एल0पी0जी0 डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप आबंटित की गई। परिवादिनी ने गोदाम के निर्माण हेतु भूमि के आबंटन हेतु प्रार्थना पत्र दिया। दिनांक २२-०२-२००२ के पत्र द्वारा १०४४ वर्ग मीटर का भूखण्‍ड १२००/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से परिवादिनी के लिए आरक्षित किया गया। वांछित धनराशि २,५०,५६०/- रू० दिनांक ०५-०३-२००२ को जमा कर दी गई। प्‍लाट का कब्‍जा दिनांक ११-०६-२००२ को दे दिया गया। परिवादिनी को ज्ञात हुआ कि यथार्थ में प्‍लाट का साइज २० गुण ५० मीटर, रकबा १००० मीटर है। इस प्रकार ४४ वर्ग मीटर कम भूमि दी गई। इस माप के विपरीत केवल ३६ गुणा २९ मीटर के स्‍थान पर २० गुणा ५० मीटर का प्‍लाट दिया गया। ब्रोशर में भूखण्‍ड का मूल्‍य ६००/- रू० प्रति वर्ग मीटर रखा गया था। आबंटन के समय १२००/- रू० प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया। इस प्रकार ६००/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से अधिक चार्ज लिया गया। प्‍लाट का रकबा परिवर्तित करने के कारण एक्‍सक्‍लोसिव कण्‍ट्रोलर आगरा से प्‍लान दो बार अनुमोदित कराना पड़ा तथा दो बार शुल्‍क देना पड़ा। २५० वर्ग मीटर के प्‍लाट का प्रयोग नहीं हो सका और ०३.०० लाख रू० पेनल्‍टी के रूप में देने पड़े। विपक्षीगण द्वारा कम्‍प्‍लीशन प्रमाण पत्र देने के पश्‍चात् ही आई0बी0पी0 कम्‍पनी उसे व्‍यापार की अनुमति देगी परन्‍तु विपक्षीगण द्वारा कम्‍प्‍लीशन प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया।

विपक्षीगण का कथन है कि जिला उपभोक्‍ता मंच को इस परिवाद की सुनवाई का अधिकार नहीं है। इस तथ्‍य को स्‍वीकार किया गया है कि दिनांक १३-०८-२००१ को एल0पी0जी0 गोदाम हेतु भूमि आबंटन के लिए दिए गए आवेदन पर दिनांक ०२-०३-२००२ को प्‍लाट आबंटित किया गया और दिनांक ११-०६-२००२ को कब्‍जा दे दिया गया। आबंटन के समय प्रचलित बाजार भाव के अनुसार धन बसूला गया। १०४४ वर्ग मीटर के प्‍लाट की बिक्री का यथार्थ में कोई वायदा नहीं था। २०० वर्ग मीटर अनुपयोग भूमि तथा कम्‍प्‍लीशन प्रमाण पत्र के सम्‍बन्‍ध में असत्‍य कथन किया गया है। दीवानी प्रकृति का विवाद है।

दोनों पक्षकारों के साक्ष्‍यों पर विचार करने के पश्‍चात् जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा उपरोक्‍त वर्णित आदेश पारित किया गया।

 

-३-

इस निर्णय एवं आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि जिला उपभोक्‍ता  मंच द्वारा विधि एवं तथ्‍यों के विपरीत निर्णय पारित किया गया है। अंकन २,५०,५६०/- रू० दिनांक ०१-०५-२००२ तक जमा किया जाना था जबकि शेष राशि १२ छमाही अंकन १,१०,४११/- रू० की किश्‍त में जमा की जानी थी जिसका अन्तिम भुगतान दिनांक    २९-०४-२००८ को होना था। परिवादिनी को कभी भी ६००/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से प्‍लाट आबंटन नहीं किया गया अपितु १२००/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से प्‍लाट आबंटित किया गया। इसी दर पर प्‍लाट क्रय करना स्‍वीकार किया गया और स्‍वेच्‍छा से कब्‍जा प्राप्‍त किया गया तथा वांछित धन जमा किया गया इसलिए १२००/- रू० के स्‍थान पर ६००/- रू० की दर से भूखण्‍ड की कीमत बसूलने का आदेश विधि विरूद्ध है। इसी प्रकार १५००/- रू० प्रति माह की दर से क्षतिपूर्ति देने का आदेश भी विधि विरूद्ध है।

      हमने दोनों पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना। प्रश्‍नगत निर्णय एवं  पत्रावली का अवलोकन किया।

      दोनों पक्षकार निम्‍न बिन्‍दुओं पर सहमत है, अत: इन बिन्‍दुओं पर विस्‍तृत चर्चा की आवश्‍यकता नहीं है :-

१. परिवादिनी को प्रश्‍नगत भूखण्‍ड अपीलार्थी प्राधिकरण द्वारा आबंटित किया गया।

२. इस भूखण्‍ड पर परिवादिनी द्वारा कब्‍जा प्राप्‍त कर लिया गया।

      विवाद के तीन मुख्‍य बिन्‍दु निम्‍नप्रकार हैं :-

१. क्‍या परिवादिनी को ६००/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से भूखण्‍ड आबंटित किया गया या १२००/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से भूखण्‍ड आबंटित किया गया ?

२. क्‍या प्राधिकरण द्वारा कम्‍प्‍लीशन प्रमाण पत्र समय पर जारी न कर सेवा में कमी की गई ? तद्नुसार क्षतिपूर्ति देने का आदेश विधि सम्‍मत है या नहीं।

३. क्‍या परिवादिनी, अपीलार्थी की उपभोक्‍ता है और तद्नुसार परिवाद संधारणीय है ?

      जिला उपभोक्‍ता मंच ने निष्‍कर्ष दिया है कि जो ब्रोशर दाखिल किया गया है, जो जिला उपभोक्‍ता मंच की पत्रावली पर ४ ग/१४ एवं ९ ग/६ है, के अनुसार सुपर बाजार, टेलीकॉम सेण्‍टर/पोस्‍ट आफिस, मिल्‍क-बूथ तथा क्रैच आदि के प्‍लाटों के मूल्‍य की दर

 

 

-४-

६००/- रू० प्रति वर्ग मीटर तथा सामाजिक एवं सांस्‍कृतिक केन्‍द्र की रेट लिस्‍ट ६४०/- रू० प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है इसलिए युद्ध नायकों के परिवारों के पुनर्वास के लिए भी इसी दर से मूल्‍य बसूला जाना चाहिए। अंकन १२००/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से मूल्‍य बसूलना अनुचित है। जिला उपभोक्‍ता मंच का यह निष्‍कर्ष मात्र सहानुभूति के आधार पर दिया गया है। किस प्रकृति के प्‍लाट को किस मूल्‍य में विक्रय किया जाए, यह सुनिश्चित करने का एक मात्र अधिकार प्राधिकरण में निहित है, जिला उपभोक्‍ता मंच को आबंटित भूखण्‍ड की कीमत सुनिश्चित करने का अधिकार प्राप्‍त नहीं है इसलिए जिला उपभोक्‍ता मंच का यह निष्‍कर्ष अवैधानिक है कि १२००/- रू० प्रति वर्ग मीटर के स्‍थान पर ६००/- रू० या ६४०/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से कीमत बसूल की जानी चाहिए। अत: निर्णय का यह भाग अपास्‍त होने योग्‍य है।

      अब इस बिन्‍दु पर विचार किया जाता है कि क्‍या कम्‍प्‍लीशन प्रमाण पत्र जारी करने में देरी कारित हुई जिसके कारण प्राधिकरण क्षतिपूर्ति देने के लिए उत्‍तरदायी है जैसा कि जिला उपभोक्‍ता मंच ने निष्‍कर्ष दिया है। प्राधिकरण ने अपने लिखित कथन में स्‍वीकार किया है कि प्‍लाट का कब्‍जा दिनांक ११-०६-२००२ को दे दिया गया। यह भी स्‍वीकार किया है कि शिकायतकर्ता द्वारा लिखे गए पत्र दिनांकित २३-०१-२००२, १०-०९-२००२ एवं १५-१०-२००२ प्राप्‍त हुए थे। शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक २६-०२-२००३ को जो पत्र दिया गया वह कम्‍प्‍लीशन प्रमाण पत्र के सम्‍बन्‍ध में था। ४२० दिन बाद इस पत्र को स्‍वीकृत किया गया। अंकन २,५०,५६०/- रू० दिनांक ०५-०३-२००२ को प्राप्‍त किए लेकिन प्‍लाट का कब्‍जा दिनांक ११-०६-२००२ को दिया गया। इस प्रकार आरक्षण पत्र १९३ दिन बाद भेजा गया। अत: इस देरी के कारण परिवादिनी, जो एक गौरवमय सैनिक की विधवा है, का व्‍यापार समय पर प्रारम्‍भ नहीं हो सका इसलिए देरी के कारण क्षतिपूर्ति का जो आदेश दिया गया है वह विधि सम्‍मत है और इस आदेश में हस्‍तक्षेप करने की आवश्‍यकता नहीं है।

      अब इस बिन्‍दु पर विचार करना है कि क्‍या उपभोक्‍ता विवाद संधारणीय है। इस प्रश्‍न का उत्‍तर सकारात्‍मक है। पक्षकारों के मध्‍य निश्चित रूप से उपभोक्‍ता तथा सेवा

 

 

-५-

प्रदाता का सम्‍बन्‍ध है। चूँकि प्राधिकरण द्वारा अपने स्‍तर से देरी की गई इसलिए देरी के कारण क्षतिपूर्ति का आदेश उपभोक्‍ता अधिकारों की संरक्षा में दिया गया आदेश है।

तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।

आदेश

वर्तमान अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच/आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्धारा परिवाद सं0-८९८/२००३ में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १५-१०-२००३ में पारित यह आदेश अपास्‍त किया जाता है कि १२००/- रू० प्रति वर्ग मीटर के स्‍थान पर ६००/- रू० या ६४०/- रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से आबंटित भूमि की कीमत बसूली जाए। शेष निर्णय पुष्‍ट किया जाता है।    

अपील व्‍यय उभय पक्ष अपना-अपना बहन करेगें।

उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

             (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                   (सुशील कमार)          

               अध्‍यक्ष                                सदस्‍य                                                                                                                  

 

प्रमोद कुमार,

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-१,

कोर्ट नं0-१.

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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