राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1306/2019
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्या 116/2010 में पारित आदेश दिनांक 29.07.2019 के विरूद्ध)
इण्डियन बैंक, लहुराबीर ब्रांच, वाराणसी
........................अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
1. श्रीमती भगमनी देवी पत्नी स्व0 मदन प्रसाद गुप्ता।
2. श्री धीरज कुमार पुत्र स्व0 मदन प्रसाद गुप्ता।
3. श्री नीरज कुमार गुप्ता पुत्र स्व0 मदन प्रसाद गुप्ता।
4. श्री पंकज कुमार गुप्ता पुत्र स्व0 मदन प्रसाद गुप्ता।
5. श्री पवन कुमार गुप्ता पुत्र स्व0 मदन प्रसाद गुप्ता।
6. श्रीमती संध्या देवी पुत्री स्व0 मदन प्रसाद गुप्ता।
सभी निवासीगण- मकान नम्बर 178, सदर बाजार कैण्ट, वाराणसी
...................प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री साकेत श्रीवास्तव,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 02.02.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री साकेत श्रीवास्तव को सुना गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग, वाराणसी द्वारा परिवाद संख्या-116/2010 श्रीमती भगमनी देवी व पॉंच अन्य बनाम इण्डियन बैंक व एक अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.07.2019 के विरूद्ध योजित की गयी है। जिला
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उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया:-
''प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी नं0-1 को आदेशित किया जाता है कि वह इस निर्णय की तिथि से अन्दर 30 (तीस दिन) परिवादिनी के पति द्वारा बैंक में जमासुदा धनराशि का भुगतान परिवादीगण से उचित फार्म भरवाकर अदा करें तथा परिवादिनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र बैंक को प्रस्तुत करें। इस जमासुदा धनराशि पर परिवाद दाखिला की तिथि से भुगतान की तिथि तक 9% (नौ प्रतिशत) वार्षिक दर से ब्याज अदा करें। विपक्षी नं0-1 को यह भी आदेशित किया जाता है कि उक्त निर्धारित अवधि में मानसिक और आर्थिक कष्ट के लिए क्षतिपूर्ति मु0-5,000/-(पॉंच हजार रूपये) तथा वाद व्यय मु0-1,000/- (एक हजार रूपये) परिवादी को अदा करें।''
उक्त आदेश से किस प्रकार से अपीलार्थी बैंक व्यथित है, यह प्रस्तुत अपील में न तो उल्लिखित पाया गया, न ही अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा इस न्यायालय की सन्तुष्टि हेतु अवगत कराया गया। उक्त आदेश में स्वयं परिवादिनी द्वारा उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बैंक के सम्मुख प्रस्तुत किये जाने के उपरान्त परिवादिनी के पति द्वारा बैंक में जमासुदा धनराशि परिवाद दाखिला की तिथि से भुगतान की तिथि तक 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ अदा किये जाने हेतु आदेशित किया गया।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा आदेशित मानसिक और आर्थिक कष्ट हेतु क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय हेतु क्षतिपूर्ति की धनराशि को समाप्त किये जाने की प्रार्थना की।
तदनुसार उपरोक्त क्षतिपूर्ति वास्ते मानसिक और आर्थिक कष्ट व वाद व्यय समाप्त किया जाता है तथा आदेशित किया जाता है कि इस निर्णय की प्रति अपीलार्थी बैंक द्वारा परिवादिनी को
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01 माह की अवधि में प्राप्त करायी जावे, जिससे कि परिवादिनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र बैंक के सम्मुख प्रस्तुत कर जमासुदा धनराशि मय ब्याज प्राप्त करे। जिला उपभोक्ता आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा।
तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है।
अपीलार्थी द्वारा प्रस्तुत अपील में जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को 01 माह में विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1