(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या :691/2018
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम, लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-778/2007 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 24-02-2018 के विरूद्ध)
आई.सी.आई.सी.आई. होम फाइनेंस कम्पनी लिमिटेड, सालीमार टावर, 31/54, एम.जी. मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ-226001 द्वारा अथराइज्ड सिग्नेटरी।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम्
- श्रीमती अमिता द्धिवेदी, पत्नी स्व0 श्री रूप नरायन निवासी-गोपाल बिहारी द्धिवेदी, परमानंद चौक, तस्तौर गली, तहसील व जिला महोबा।
प्रत्यर्थी/परिवादिनी
- आई0सी0आई0सी0आई0 लोम्बार्ड जनरल इं0कं0लि0, जेनथ हाऊस, केशवराव खाद्य मार्ग, अपोजिट रेस कोर्स, महालक्ष्मी, मुम्बई, द्वारा मैनेजिंग डाइरेक्टर।
प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1
- असेट रिक्न्ट्रक्शन कं0 (इण्डिया) लि0, पार्क रोड, लखनऊ द्वारा अथराइज्ड रिप्रजेन्टेटिव।
प्रत्यर्थी सं0-3
समक्ष :-
- मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- श्रीमती सुचिता सिंह।
प्रत्यर्थी स0-1 की ओर से उपस्थित- श्री नवीन कुमार तिवारी।
-2-
प्रत्यर्थी संख्या-2 की ओर से उपस्थित- श्री बृजेन्द्र चौधरी।
प्रत्यर्थी संख्या-3 की ओर से उपस्थित- श्री अनुराग शुक्ला।
दिनांक : 14-02-2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित निर्णय
दौरान बहस प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्रीमती सुचिता सिंह उपस्थित। विपक्षी संख्या-1 की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री नवीन कुमार तिवारी उपस्थित। विपक्षी संख्या-2 की ओर से विद्धान अधिवक्ता श्री बृजेन्द्र चौधरी उपस्थित। विपक्षी संख्या-3 की ओर से उनके अधिकृत प्रतिनिधि श्री अनुराग शुक्ला स्वयं उपस्थित आए।
उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्तागण एवं अधिकृत प्रतिनिधि को सुना गया।
सभी पक्षाकरों द्वारा सामूहिक रूप से प्रार्थना पत्र दिनांकित 14-02-2022 को उभयपक्षों के विद्धान अधिवक्तागण द्वारा हस्ताक्षर कर प्रस्तुत किया गया जिस पर विपक्षी संख्या-3 के अधिकृत प्रतिनिधि द्वारा भी हस्ताक्षर किये गये।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए तथा उपरोक्त प्रार्थना पत्र में अंकित प्रस्तर-6 एवं 8 में कथन को दृष्टिगत रखते हुए प्रस्तुत अपील को उपरोक्त ‘’डीड आफ सेटलमेंट’’ को मद्देनजर रखते हुए अंतिम रूप से निस्तारित किया जाता है।
उपरोक्त ‘’डीड आफ सेटलमेंट’’ के अनुसार अंतिम रूप से देय/प्राप्त धनराशि व जमा प्रपत्रों पर समुचित निर्णय पक्षकारों द्वारा दो सप्ताह में सुनिश्चित किया जावे, साथ ही जिला आयोग, प्रथम, लखनऊ के सम्मुख निष्पादन वाद संख्या-29/2018 हेतु उपरोक्त जिला आयोग से अपेक्षा की जाती है कि वे उपरोक्त निष्पादन वाद को विधि अनुसार यथासम्भव इस आदेश की प्रति प्राप्ति से एक माह की अवधि में निस्तारित करें तथा अपील में जमा धनराशि विधि अनुसार वापस की जावे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
प्रदीप मिश्रा, आशु0 कोर्ट नं0-1