(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-734/2008
National Insurance Co. Ltd.
Versus
Smt. Shabina Raza Azmi
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आशीष कुमार श्रीवास्तव, विद्धान
अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: श्री ए0के0 मिश्रा, विद्धान अधिवक्ता
दिनांक :18.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-33/2007, शबीना रजा आजमी बनाम शाखा प्रबंधक, नेशनल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड में विद्वान जिला आयोग, आजमगढ़ द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 10.03.2008 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर दोनों पक्षकारों के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने अंकन 56,108/-रू0 अदा करने का आदेश पारित किया गया, जबकि सर्वेयर द्वारा केवल 7,300/-रू0 की क्षति का आंकलन किया है। जिला उपभोक्ता आयोग ने अपने निर्णय में अंकित किया है कि एल0डी0 मोटर्स इलाहाबाद के बिल में 62,342/-रू0 का उल्लेख है, जिसका तात्पर्य यह है कि जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष एलडी मोटर्स द्वारा जारी बिल प्रस्तुत किये गये थे, जिनकी सत्यता के बारे में बीमा कम्पनी द्वारा कोई जांच नहीं करायी। इन्हीं बिल के आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग ने 62,342/-रू0 मे से 10 प्रतिशत कटौती कर अंकन 56,108/-रू0 का आदेश पारित किया गया, परंतु इससे पूर्व स्वयं परिवादी द्वारा अंकन 27,775/-रू0 का इस्टीमेट प्रस्तुत किया गया था। अत: जब स्वयं परिवादी ने एक बार अंकन 27,775/-रू0 का इस्टीमेट प्रस्तुत किया था तब इसके पश्चात क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाकर देने का कोई औचित्य नहीं था। अत: जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश केवल अंकन 27,775/-रू0 की सीमा तक परिवर्तित होने योग्य है। एवं ब्याज की देयता 09 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत किया जाना उचित है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अंकन 56,108 रू0 के स्थान पर केवल 27,775/-रू0 परिवादी को देय होंगे एवं ब्याज 09 प्रतिशत के स्थान पर 06 प्रतिशत की दर से अदा किया जाए।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2